Saturday, 16 November 2024

कम नम्बरों से 12वीं पास भी आसानी से बन सकते हैं डॉक्टर

Career in Physiotherapist  : हर माता-पिता की चिंता होती है कि उनके बच्चे का करियर अच्छा बने। अपने बच्चों का…

कम नम्बरों से 12वीं पास भी आसानी से बन सकते हैं डॉक्टर

Career in Physiotherapist  : हर माता-पिता की चिंता होती है कि उनके बच्चे का करियर अच्छा बने। अपने बच्चों का शानदार करियर बनाने के लिए माता-पिता सब कुछ दांव पर लगा देते हैं फिर भी करियर नहीं बन पाता। हम आपको 12वीं पास बच्चों के लिए शानदार करियर बनाने का आसान तारीका बता रहे हैं। इस तरीके से आपका बच्चा 12वीं में कम नम्बरों से पास होने के बावजूद डाक्टर भी बन सकता है। हैल्थकेयर इंडस्ट्री में आपके 12वीं पास बच्चे का एक शानदार कैरियर बन सकता है।

कैसे बनाएं हैल्थ केयर में करियर

12वीं कक्षा में अव्वल आने के बाद भी डॉक्टर बनने का सपना आसानी से पूरा नहीं हो पाता है। डॉक्टर बनने के लिए 12वीं पास करके बहुत कठिन प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि बिना प्रवेश परीक्षा दिए आप मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर नहीं बना सकते हैं। आप 12वीं पास करके फिजियोथैरेपी के क्षेत्र में एक शानदार करियर बड़ी आसानी के साथ बना सकते हैं। इन दिनों भारत समेत दुनिया भर में फिजियोथैरेपी की खूब डिमांड है। आप एक बेहतरीन फिजियोथैरेपिस्ट बनकर अपने करियर को नई उड़ान दे सकते हैं।

Career in Physiotherapist 

क्या है फिजियोथैरेपी?

फिजियोथैरेपी मेडिकल इंडस्ट्री में करियर का एक सुनहरा अवसर देती है। दरअसल फिजियोथेरेपी भौतिक साधनों का उपयोग कर के मानव शरीर के अंगों में माँसपेशियों की चोट, तनाव एवं जोड़ों के दर्द का समुचित निदान और उपचार करने का विज्ञान हैं, जो शारीरिक क्षमता एवं गति को अधिकतम सक्रिय रखने में सहायता करता हैं । भौतिक चिकित्सा प्रदान करने वाले चिकित्सकों को फिजियोथेरेपिस्ट कहा जाता हैं, जो अपने विषय में उच्चतम प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को भौतिक उपकरणों की तकनीक का उपयोग करके शरीर में दर्द एवं मांसपेशियों के तनाव को दूर करना हैं गर्दन, कंधे, कमर दर्द, घुटने, एवं अन्य जोड़ों के दर्द से मुक्ति पाने के लिए बिना किसी दवा अथवा सर्जरी किये एक प्रभावशाली चिकित्सा पद्दति हैं।

Physiotherapy का महत्व

फिजियोथेरेपी व्यक्ति की उम्र के प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य की दृष्टि से प्रभावशाली भूमिका निभाती हैं। उदाहरणार्थ-
1-शिशु अवस्था में होने वाले रोग जैसे सेरिब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, आदि।
2- युवा अवस्था में निरंतर कंप्यूटर का बैठकर काम

Physiotherapist

वर्तमान मानव चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए 4 साल का नियमित कोर्स तथा 6 माह की इंटर्नशिप अनिवार्य है। यह डिग्री प्राप्त करने के पश्चात किसी भी अस्पताल में अथवा स्वयं अपन क्लीनिक स्थापित करके भी फिजियोथेरेपिस्ट स्वतंत्र रूप से कार्य करने के योग्य बन जाते हैं।

बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी  BPT

यह एक स्नातक डिग्री कोर्स है जो पूर्णत: शारीरिक चिकित्सा विज्ञान से सम्बंधित है। BPT कोर्स की कुल अवधि 4 साल, 6 माह होती है जिसमे 4 वर्ष की शैक्षिक एवं 6 माह की इंटर्नशिप सम्मिलित है। इसमें प्रवेश के लिए 12वी कक्षा में भौतिक, रसायन एवं जीव विज्ञान में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उतीर्ण होना अनिवार्य है। इस कोर्स में मानव शरीर की संरचना एवं उनके विभिन्न अंगों में होने वाले रोगों, विकारों का इलेक्ट्रोथेरेपी (मशीनों द्वारा) तथा एक्सरसाइज थेरेपी से प्रभावी उपचार करना व सिखाया जाता है। यह एक परास्नातक कोर्स है जो BPT उत्तीर्ण करने के पश्चात ही किया जा सकता है। इसकी अवधि दो वर्ष की है।  Career in Physiotherapist 

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