यादव समाज की नाराजगी के बीच इंद्रेश उपाध्याय ने तोड़ी चुप्पी, मांगी माफी

उन्होंने अपील करते हुए कहा कि “भारत के सभी यादव मेरे अपने हैं - हम एक ही संस्कृति की कड़ी हैं और भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी हैं।” उपाध्याय ने दोहराया कि यदि उनके वक्तव्य से किसी को भी दुख पहुंचा है, तो वह बिना किसी संकोच के क्षमा मांगते हैं।

यादव समाज से माफी मांगते इंद्रेश उपाध्याय
यादव समाज से माफी मांगते इंद्रेश उपाध्याय
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar25 Dec 2025 10:30 AM
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Indresh Upadhyay : वृंदावन के चर्चित कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने यदुवंश को लेकर सामने आए कथित विवादित बयान पर यादव समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए अपनी बात साफ की है। सोशल मीडिया पर जारी भावुक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी भी समाज या समुदाय की भावनाओं को आहत करना नहीं था। उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि जिस प्रसंग को लेकर विवाद खड़ा हुआ, वह करीब 4–5 साल पुरानी कथा से जुड़ा है, जिसके चुनिंदा हिस्से हाल में वायरल होकर गलत अर्थों में लिए गए। उन्होंने कहा कि यदि उनके शब्दों से यादव समाज को पीड़ा पहुंची है, तो वह दिल से क्षमाप्रार्थी हैं। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि यादव समाज के प्रति उनके मन में हमेशा सम्मान रहा है और आगे भी कायम रहेगा।

मेरे किसी शब्द से पीड़ा हुई तो मैं क्षमा चाहता हूं - इंद्रेश उपाध्याय

वीडियो संदेश में कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने साफ किया कि उनके कथन का अभिप्राय किसी भी समाज को छोटा दिखाने या उसकी भावनाओं को आहत करने का कभी नहीं रहा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि “भारत के सभी यादव मेरे अपने हैं - हम एक ही संस्कृति की कड़ी हैं और भगवान श्रीकृष्ण के अनुयायी हैं।” उपाध्याय ने दोहराया कि यदि उनके वक्तव्य से किसी को भी दुख पहुंचा है, तो वह बिना किसी संकोच के क्षमा मांगते हैं। अपनी सफाई में उन्होंने यह भी कहा कि कई बार कुछ लोग पुराने संदर्भों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं, जिससे समाज में अनावश्यक तनाव और विभाजन की स्थिति बनती है। उन्होंने बताया कि यादव समाज में उनके कई मित्र और परिचित हैं, जिनके प्रति उनके मन में हमेशा आदर रहा है। साथ ही, यादव समाज के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह उसकी परंपरा और योगदान का सम्मान करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।

क्या है पूरा विवाद?

यह विवाद तब भड़का जब इंद्रेश उपाध्याय की करीब 4–5 साल पुरानी कथा का एक वीडियो क्लिप अचानक सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल अंश में यदुवंश और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े संदर्भ को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक अर्थ निकाले गए, जिसके बाद मथुरा समेत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में यादव समाज के बीच नाराजगी उभरकर सामने आई। समाज के विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों ने बयान को इतिहास व शास्त्रीय संदर्भों के विपरीत बताते हुए आपत्ति दर्ज कराई और सार्वजनिक रूप से माफी की मांग तेज कर दी। कुछ संगठनों ने यह संकेत भी दिया कि यदि माफी नहीं मांगी गई, तो मामला कानूनी कार्रवाई तक जा सकता है, जिससे विवाद ने और तूल पकड़ लिया। Indresh Upadhyay

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भारत के मुख्य न्यायधीश ने बताया मामला निर्माता तथा राष्ट्र निर्माता का फर्क

ऐसे लोग केवल वर्तमान मामले पर ध्यान केन्द्रित करके मामला निर्माता बन जाते हैं। दूसरे प्रकार के वकील देश को हमेशा सर्वोच्च मानकर देश के हित में काम करते हैं। ऐसे वकील सही मायनों में राष्ट्र निर्माता होते हैं। उन्होंने कहा कि देश को मामला निर्माता नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माता वकीलों की आवश्यकता है।

जस्टिस सूर्यकान्त
जस्टिस सूर्यकान्त
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar24 Dec 2025 06:28 PM
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Justice Suryakant : भारत के मुख्य न्यायधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने बहुत बड़ी बात कही है। एक समारोह में युवा वकीलों को संबोधित करते हुए भारत के (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने मामला निर्माता तथा राष्ट्र निर्माता का फर्क युवा वकीलों को समझाया। समारोह में धाराप्रवाह बोलते हुए भारत के (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा कि भारत का संविधान पत्थर पर उकेरा गया महज एक स्मारक नहीं है बल्कि एक विलक्षण खाका है।

मामला निर्माता तथा राष्ट्र निर्माता में बड़ा अंतर है

पंजाब प्रदेश के पटियाला में राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय स्थापित है। पटियाला के राजीव गाँधी राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए भारत के CJI जस्टिस सूर्यकांत ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि वकील दो प्रकार के होते हैं। एक प्रकार के वकील किसी केस अथवा मामले को जीतने के लिए तैयार करते हैं। ऐसे लोग केवल वर्तमान मामले पर ध्यान केन्द्रित करके मामला निर्माता बन जाते हैं। दूसरे प्रकार के वकील देश को हमेशा सर्वोच्च मानकर देश के हित में काम करते हैं। ऐसे वकील सही मायनों में राष्ट्र निर्माता होते हैं। उन्होंने कहा कि देश को मामला निर्माता नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माता वकीलों की आवश्यकता है।

हमारा संविधान महज एक स्मारक नहीं है

भारत के CJI जस्टिस सूर्यकांत ने जोर देकर कहा कि भारत का संविधान पत्थर पर उकेरा गया महज स्मारक नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान एक विलक्षण खाका है। न्यायालय इसकी व्याख्या करते हैं तथा भारत की तमाम बड़ी संस्थाएं इसे संरचना प्रदान करती हैं। हमारे युवा वकीलों के कंधों पर यह जिम्मेदारी है कि उन्हें ही यह तय करना है कि आगे चलकर भारत कैसा राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा वकील को राष्ट्र निर्माता बनने की दिशा में आगे बढऩा है।

वकील की भूमिका के विषय में जरूर सोच लें

भारत के CJI जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि जब भी उन्हें इतने युवा और ऊर्जावान श्रोत्राओं को संबोधित करने का सौभाग्य मिलता है, "मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मैं मानता हूं कि आप में से अधिकतर लोग वकील बनेंगे।" न्यायमूर्ति कांत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब कई छात्रों ने कानून का अध्ययन करने का विकल्प चुना, तो उन्होंने शायद खुद को ऐतिहासिक मामलों में बहस करते हुए. जटिल अनुबंधों का मसौदा तैयार करते हुए या शायद, एक दिन संवैधानिक पीठों को संबोधित करते हुए कल्पना की होगी, जो कि सराहनीय महत्वाकांक्षाएं हैं और उनमें कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने कहा, "लेकिन मैं आपसे आग्रह करूंगा कि आप रुके और एक व्यापक, अधिक स्थायी प्रश्न पर विचार करें - भारत जैसे राष्ट्र में, उसके इतिहास के इस मोड़ पर, एक वकील की क्या भूमिका है? मैं इस पर जोर देता हूं, क्योंकि मैं भली-भांति जानता हूं कि हम अक्सर कानूनी पेशे को एक संकीर्ण प्रक्रिया तक सीमित कर देते हैं - मुकदमे जीतना, घंटों का हिसाब रखना, प्रक्रिया में महारत हासिल करना।" Justice Suryakant

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फडणवीस का पलटवार “दो परिवारवादी हार बचाने आए”

फडणवीस ने कहा कि हाइप ऐसा बनाई जा रही है जैसे रूस और यूक्रेन ही साथ में आ गए हों, मानों जेलेंस्की और पुतिन बातचीत कर रहे हों। उन्होंने बताया कि मुंबई में विकास की लहर के कारण उद्धव और राज ठाकरे अपनी जमानत बचाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं।

Fadnavis retaliates
राजनीतिक प्रदर्शन (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar24 Dec 2025 06:04 PM
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महाराष्ट्र की राजनीति में बीएमसी चुनावों से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की अगुवाई वाले दलों ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के गठबंधन का ऐलान किया। दोनों नेताओं ने भाजपा को अपना मुख्य निशाना बनाया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार

इस गठबंधन के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया। फडणवीस ने कहा कि मुंबई में हार के डर से दो परिवारवादी दल साथ आए हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनने जा रही है। फडणवीस ने कहा कि हाइप ऐसा बनाई जा रही है जैसे रूस और यूक्रेन ही साथ में आ गए हों, मानों जेलेंस्की और पुतिन बातचीत कर रहे हों। उन्होंने बताया कि मुंबई में विकास की लहर के कारण उद्धव और राज ठाकरे अपनी जमानत बचाने के लिए गठबंधन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ये दोनों पार्टियां अपना वोट बैंक और जनता का विश्वास खो चुकी हैं और अब केवल अपना अस्तित्व बचाने के लिए साथ आई हैं। फडणवीस ने कहा अस्तित्व बचाने के लिए गठबंधन कर कोई चुनाव नहीं जीता जाता। मुंबई के लोगों ने हमारे विकास के काम को देखा है।

फडणवीस ने बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत पर कहा

बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत का दावा करते हुए फडणवीस ने कहा कि मुंबई हमेशा एनडीए के साथ है। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह निराश और हताश हैं और बार-बार वही बातें दोहरा रहे हैं। फडणवीस ने यह भी कहा कि हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के बाद उद्धव और राज ठाकरे के पास कोई विचार नहीं बचा है और अब ये केवल अवसरवादिता और तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं।

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