Wednesday, 3 July 2024

देशभर में लागू हुए 3 नए क्रिमिनल कानून, जानें क्या हुआ बदलाव?

New Criminal Law : देशभर में आज यानी 1 जुलाई से तीन नए क्रिमिनल कानून लागू कर दिए गए हैं,…

देशभर में लागू हुए 3 नए क्रिमिनल कानून, जानें क्या हुआ बदलाव?

New Criminal Law : देशभर में आज यानी 1 जुलाई से तीन नए क्रिमिनल कानून लागू कर दिए गए हैं, जिससे कानून और न्याय प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। अब हत्या करने पर धारा 302 की जगह धारा 101 लागू होगी। धोखाधड़ी की फेमस धारा 420 को बदलकर 318 कर दी गई है, जबकि रेप के मामलों के लिए अब धारा 375 की बजाय धारा 63 का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, शादीशुदा महिला को बहला- फुसलाना अब अपराध की श्रेणी में आ गया है, लेकिन जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध अब अपराध नहीं माना जाएगा।

महिलाओं, बच्चों और जानवरों से जुड़ी हिंसा के कानून सख्त

नए क्रिमिनल कानूनों में महिलाओं, बच्चों और जानवरों से जुड़ी हिंसा के कानूनों को सख्त कर दिया गया है। इसके अलावा कई प्रोसीजरल बदलाव भी हुए हैं, जैसे अब घर बैठे e-FIR दर्ज कराना संभव होगा। हालांकि 30 जून से पहले दर्ज सभी मामलों का ट्रायल, अपील पुराने कानून के मुताबिक ही किया जाएगा। देश की अदालतों में लगभग 5.13 करोड़ मुकदमे पेंडिंग हैं, जिनमें से 3.59 करोड़ क्रिमिनल मैटर्स हैं। इन मामलों का निपटारा पुराने कानून के मुताबिक ही किया जाएगा। नए कानूनों में मुकदमों के जल्द ट्रायल, अपील और फैसले पर जोर दिया गया है, जिससे जजों के सामने नई चुनौती आ सकती है। उन्हें एक ही विषय पर दो तरह के कानूनों में महारत हासिल करनी पड़ेगी, जिससे कन्फ्यूजन और जटिलता बढ़ सकती है।

New Criminal Law

पुलिस पर दोहरा दबाव

नए कानून से सबसे ज्यादा बोझ पुलिस पर पड़ेगा। पुराने केस में अदालतों में पैरवी के लिए उन्हें पुराने कानून की जानकारी चाहिए होगी, जबकि नए मुकदमों की जांच नए कानून के अनुसार होगी। नए कानूनों में तीन चौथाई से ज्यादा हिस्सा पुराने कानून का ही है, लेकिन धाराओं का क्रम बदलने से पुलिस में भ्रम की स्थिति बढ़ेगी।

वकीलों की जिम्मेदारी और कन्फ्यूजन

अधिवक्ता दीपक सिंह ने कहा कि अब वकीलों को दोनों तरह के कानूनों की जानकारी रखनी होगी। नए कानून में मुकदमों के जल्द फैसले के प्रावधान हैं, लेकिन पुराने मुकदमों के निपटारे के बगैर नए मुकदमों पर जल्द फैसला मुश्किल होगा। इससे वकीलों और जजों पर दबाव बढ़ेगा। वहीं नए कानूनों में पुलिस की हिरासत की अवधि में बढ़ोतरी जैसे नियमों से पुलिस उत्पीड़न के मामले और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जिला अदालतों में जजों की कमी की वजह से नए कानूनों की सफलता राज्यों के सहयोग पर निर्भर रहेगी। New Criminal Law

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