क्या भारत पाकिस्तान को कर्ज देता है? जानिए पूरी सच्चाई

भारत भले ही पाकिस्तान को सीधे कर्ज न देता हो, लेकिन वह उन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का सदस्य है जिनसे पाकिस्तान भारी मात्रा में उधार लेता है। भारत IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) का सदस्य है।

India Pakistan Debt
भारत पाकिस्तान को लोन (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar29 Dec 2025 06:54 PM
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को भ्रष्टाचार और कमजोर शासन व्यवस्था को लेकर कड़ी आलोचना के बावजूद 1.29 बिलियन डॉलर का नया लोन मंजूर कर दिया है। IMF ने पाकिस्तान को “माइक्रो-क्रिटिकल” बताते हुए यह सहायता दी है। इसके बाद भारत में एक बार फिर यह सवाल उठने लगा है कि क्या भारत भी पाकिस्तान को कर्ज देता है? अगर हां, तो पाकिस्तान पर भारत का कितना बकाया है?

क्या भारत पाकिस्तान को लोन देता है?

इस सवाल का सीधा जवाब है—नहीं। बता दें कि भारत वर्तमान में पाकिस्तान को कोई नया लोन, क्रेडिट लाइन या वित्तीय सहायता नहीं देता है। दोनों देशों के बीच बिगड़े राजनयिक संबंधों के बाद भारत ने पाकिस्तान को दी जाने वाली किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष वित्तीय मदद पूरी तरह बंद कर दी है। भारत से पाकिस्तान को कोई सक्रिय सहायता पैकेज या विकास ऋण नहीं मिल रहा है।

बंटवारे के समय का पुराना कर्ज अब भी बाकी

हालांकि पाकिस्तान पर भारत का एक ऐतिहासिक कर्ज आज भी बकाया है। 1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय हुए वित्तीय समझौतों के तहत पाकिस्तान को भारत को कुछ राशि चुकानी थी। भारत सरकार के बजट दस्तावेजों के अनुसार, जिसमें केंद्रीय बजट 2021–22 भी शामिल है, पाकिस्तान पर भारत के लगभग 300 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं। यह राशि दशकों बीत जाने के बावजूद आज तक चुकाई नहीं गई है।

IMF और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में भारत की भूमिका

भारत भले ही पाकिस्तान को सीधे कर्ज न देता हो, लेकिन वह उन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का सदस्य है जिनसे पाकिस्तान भारी मात्रा में उधार लेता है। भारत IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) का सदस्य है। भारत ने कई मौकों पर इन संस्थानों के जरिए पाकिस्तान को दिए जाने वाले बड़े लोन पैकेजों पर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। इनमें अरबों डॉलर की फंडिंग से जुड़े प्रस्ताव भी शामिल रहे हैं। हालांकि भारत इन लोन को सीधे तौर पर वीटो नहीं कर सकता, लेकिन उसकी आपत्तियां औपचारिक रिकॉर्ड का हिस्सा बनती हैं।

पाकिस्तान की बिगड़ती कर्ज स्थिति

बता दें कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। 2025 तक पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज बढ़कर लगभग 130 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। इस कर्ज में सबसे बड़ा हिस्सा चीन का है, जिस पर पाकिस्तान का करीब 26.5 बिलियन डॉलर का कर्ज है। इसके अलावा IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी पाकिस्तान के बड़े कर्जदाता हैं।

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मेड-इन-इंडिया बैटरी से लैस Ola S1 Pro+ सड़कों पर उतरी

देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी Ola Electric ने अपने स्वदेशी बैटरी सेल से लैस इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की डिलिवरी को तेज कर दिया है। 4680 Bharat Cell बैटरी पैक से लैस Ola S1 Pro+ (5.2kWh) की डिलिवरी अब तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना और कर्नाटक में शुरू हो चुकी है।

OLA Electric 4680 Bharat Cell
Ola Electric का बड़ा कदम (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar29 Dec 2025 03:56 PM
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बता दें कि कंपनी के मुताबिक, कोयंबटूर, कोच्चि और हैदराबाद में S1 Pro+ की डिलिवरी की शुरुआत हो गई है, जबकि बेंगलुरु में पहले से ही इसकी डिलिवरी जारी है। Ola S1 Pro+ (5.2kWh) कंपनी का पहला ऐसा इलेक्ट्रिक स्कूटर है, जो पूरी तरह से इन-हाउस विकसित 4680 Bharat Cell बैटरी पैक पर आधारित है।

भारत की पहली पूरी तरह इंटीग्रेटेड EV कंपनी बनी Ola Electric

बता दें कि 4680 Bharat Cell के साथ Ola Electric अब भारत की पहली ऐसी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी बन गई है, जो सेल मैन्युफैक्चरिंग से लेकर बैटरी पैक असेंबली तक की पूरी प्रक्रिया खुद करती है। इसे भारत में एक मजबूत और आत्मनिर्भर EV इकोसिस्टम की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। Ola Electric के प्रवक्ता ने कहा कि S1 Pro+ की बढ़ती मांग यह साबित करती है कि ग्राहक मेड-इन-इंडिया और वर्ल्ड-क्लास EV टेक्नोलॉजी को तेजी से अपना रहे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में 4680 Bharat Cell से लैस स्कूटर्स की डिलिवरी देश के अन्य हिस्सों में भी शुरू की जाएगी।

320KM की रेंज और दमदार परफॉर्मेंस

Ola S1 Pro+ (5.2kWh) में 13 kW का पावरफुल मोटर दिया गया है। यह स्कूटर सिर्फ 2.1 सेकंड में 0 से 40 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है DIY मोड के साथ 320 किलोमीटर की IDC रेंज, जो इसे भारत के सबसे लंबी रेंज वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में शामिल करती है।

सेफ्टी और राइडिंग फीचर्स

सेफ्टी के लिहाज से Ola S1 Pro+ में कैटेगरी-फर्स्ट ड्यूल ABS दिया गया है। इसके साथ ही फ्रंट और रियर दोनों में डिस्क ब्रेक मिलते हैं। स्कूटर में चार राइडिंग मोड — Hyper, Sports, Normal और Eco दिए गए हैं। कंफर्ट और डिजाइन के लिए इसमें टू-टोन सीट और सपोर्टिव फोम, बॉडी-कलर्ड मिरर, नया डाई-कास्ट एल्यूमिनियम ग्रैब हैंडल, आकर्षक रिम डेकल्स जैसे फीचर्स शामिल हैं। यह स्कूटर Passion Red, Porcelain White, Industrial Silver, Jet Black, Stellar Blue और Midnight Blue जैसे कलर ऑप्शन में उपलब्ध है।

Ola Electric का पूरा प्रोडक्ट पोर्टफोलियो

Ola Electric के प्रीमियम S1 Gen 3 पोर्टफोलियो में S1 Pro+ (5.2kWh और 4kWh), S1 Pro (4kWh और 3kWh) शामिल हैं, जिनकी कीमत ₹1,24,999 से ₹1,90,338 (एक्स-शोरूम) तक जाती है। वहीं मास मार्केट सेगमेंट में Gen 3 S1 X+ (4kWh), Gen 3 S1 X (2kWh, 3kWh और 4kWh) उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत ₹84,999 से ₹1,19,999 के बीच रखी गई है। इसके अलावा कंपनी का Roadster X इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल पोर्टफोलियो भी बाजार में मौजूद है, जिसकी कीमत ₹99,999 से ₹1,89,999 तक जाती है।


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2026 में खेती बनेगी मुनाफे की मशीन, ये 5 फसलें बदल देंगी किसानों की किस्मत

खेती का भविष्य अब बदल चुका है। जो किसान आज स्मार्ट फैसले लेगा, वही 2026 में मुनाफे की दौड़ में सबसे आगे होगा। सही फसल चुनिए और सही जानकारी लीजिए और खेती को बिजनेस की तरह अपनाइए।

Farming in 2026
खेती में बड़ा बदलाव (फाइल फोटो)
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userऋषि तिवारी
calendar29 Dec 2025 02:34 PM
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बता दें कि एक समय था जब खेती को केवल मेहनत और पसीने से जोड़ा जाता था, लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। आज के दौर में खेती भी एक हाई-प्रॉफिट बिजनेस मॉडल बनती जा रही है। सही फसल, सही तकनीक और सही बाजार की समझ हो, तो किसान भी लाखों-करोड़ों की कमाई कर सकता है। जो कि विशेषज्ञों के अनुसार, साल 2026 तक भारत की खेती पूरी तरह बिजनेस मॉडल में तब्दील हो जाएगी। ऐसे में अगर किसान आज भी सिर्फ गेहूं-धान तक सीमित हैं, तो वे पीछे रह सकते हैं। बाजार अब सेहत, क्वालिटी और वैल्यू एडिशन की तरफ बढ़ चुका है।

आइए जानते हैं वो 5 खेती, जो 2026 तक किसानों को बना सकती हैं मुनाफे की मशीन।

1. ड्रैगन फ्रूट (कमलम फल) की खेती

ड्रैगन फ्रूट की डिमांड भारत में तेजी से बढ़ रही है। पहले यह फल विदेशों से आयात किया जाता था, लेकिन अब सरकार भी इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है और सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।

जाने क्यों है फायदेमंद:

  • एक बार लगाया गया पौधा 20–25 साल तक फल देता है
  • बहुत कम पानी की जरूरत
  • बंजर जमीन पर भी बेहतर उत्पादन

कमाई का गणित: एक एकड़ में करीब 1800–2000 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे 1 से 2 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा संभव है। 2026 तक इसके एक्सपोर्ट की मांग और बढ़ने की उम्मीद है।

2. औषधीय पौधों की खेती

पूरी दुनिया आज आयुर्वेद और प्राकृतिक इलाज की तरफ लौट रही है। दवा कंपनियां अब सीधे किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर रही हैं।

प्रमुख औषधीय फसलें:

  • अश्वगंधा
  • तुलसी
  • सतावरी

फायदे:

  • लागत कम
  • जड़ और बीज दोनों की अच्छी कीमत
  • पारंपरिक फसलों से 3–4 गुना ज्यादा मुनाफा

संभावित कमाई: एक एकड़ से 1–2 लाख रुपये या उससे अधिक की कमाई संभव। 2026 तक हेल्थ इंडस्ट्री में इसकी मांग चरम पर रहने की संभावना है।

3. श्री अन्न (मिलेट्स) – बाजरा, रागी और ज्वार

सरकार अब मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के नाम से प्रमोट कर रही है। शहरों में हेल्दी डाइट के चलते मिलेट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

जाने क्यों है खास:

  • कम पानी में भी बेहतर उत्पादन
  • खराब मौसम में भी सुरक्षित फसल
  • बिस्किट, नमकीन और हेल्थ ड्रिंक्स में बढ़ता उपयोग

कमाई: एक एकड़ से 1 से 2 लाख रुपये तक की आमदनी संभव।

4. चंदन और महोगनी की खेती

जिन किसानों के पास अतिरिक्त या खाली जमीन है, उनके लिए यह खेती फ्यूचर इन्वेस्टमेंट की तरह है।

फायदे:

  • महोगनी की लकड़ी की भारी मांग
  • जहाज, फर्नीचर और इंटीरियर में उपयोग

रिटर्न: आज लगाया गया एक पौधा 12–15 साल बाद लाखों रुपये का हो सकता है। एक पेड़ से 1 से 10 लाख रुपये तक की कमाई संभव मानी जाती है।

5. मशरूम की खेती (बिना खेत वाली खेती)

मशरूम की खेती उन किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है जिनके पास जमीन कम है।

खास बातें:

  • छोटे कमरे में भी खेती संभव
  • 30–40 दिनों में फसल तैयार
  • होटल और रेस्टोरेंट्स में लगातार डिमांड

फायदा: कम समय में पैसा हाथ में आता है और जोखिम भी कम होता है।

किसानों के लिए जरूरी 3 खास टिप्स

अगर आप 2026 में खेती से बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर अपनाएं:

  1. मिट्टी की जांच: बिना जांच के महंगी खेती शुरू न करें
  2. डायरेक्ट मार्केटिंग: बिचौलियों से बचें, डिजिटल मंडी और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें
  3. ट्रेनिंग: नई खेती से पहले नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से प्रशिक्षण जरूर लें


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