सैय्यद अबू साद
Special Story : जयपुर। खाकी वर्दी धारी पुलिस का सामना होते ही, लोगों को डर लगने लगता है, लेकिन जयपुर का एक पुलिसकर्मी ऐसा भी है, जिनसे मिलने के लिए लोग आतुर रहते हैं। ये बाकि पुलिसकर्मियों की तरह वर्दी का रौब नहीं झाड़ते हैं, बल्कि अपने मस्त अंदाज में बहुत कुछ संदेश दे जाते हैं। इनकी मुस्कुराहट के लोग इतने दीवाने हैं किये सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं। हम बात कर रहें है जयपुर ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर पीके मस्त यानि प्रवीण कुमार की।
Special story :
ट्रैफिक के प्रति जागरूकता का है नायाब तरीका
पीके मस्त यानि प्रवीण कुमार जयपुर की सड़कों पर आपको अपने अंदाज में लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करते हुए नजर आ जाएंगे। आमतौर पर ट्रैफिक नियम तोड़ने पर लोग ट्रैफिक पुलिसकर्मी से बहस करते हुए दिख जाएंगे लेकिन पीके मस्त के आगे उनकी एक नहीं चलती। उनके हंसने के अंदाज और बेबाक चुटकुलों के जरिए बीच सड़क पर ट्रैफिक नियम समझाने के तरीके देख लोग उलटे सॉरी बोलकर खुशी-खुशी चालान कटवाते हैं और उनके साथ सेल्फी लेकर भविष्य में गलती नहीं करने की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर कर उन्हें टैग करते हैं।
सोशल मीडिया पर हैं लाखों फॉलोअर्स
यही वजह है कि आज पीके मस्त के सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर लाखों फॉलोअर्स हैं और इनकी वीडियो के व्यूज भी लाखों में जाते हैं। इसको लेकर पीके मस्त बताते हैं कि जब से ट्रैफिक पुलिस के रूप में जिम्मेदारी मिली है तभी से लोगों की जिंदगी की अहमियत उन्हें समझाने के लिए ट्रैफिक में भी लाफ्टर मोटिवेशन का अनूठा तरीका अपनाया है ताकि आमजन यातायात नियमों का पालन भी करें। साथ ही ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के प्रति सादगी से व्यवहार करें। इसलिए हंसते हंसाते लापरवाह लोगों को यातायात नियमों को इतनी गहराई से समझा देते हैं कि उन्हें डांटने और फटकार की जरूरत भी नहीं पड़ती।
1500 से ज्यादा स्कूल कॉलेज में जागरूकता
पीके मस्त बताते हैं कि जब वह आईएएस की तैयारी कर रहे थे, उस वक्त उनके गुरु बंकट बिहारी ने उनसे कहा था कि आईएएस बनकर कुछ लोगों की काम में मदद कर सकते हो, लेकिन उससे बड़ा और मुश्किल काम है लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना। उनकी ही बात मुझे सबसे ज्यादा अच्छी लगी और मैंने तय किया कि मैं हास्य कविताओं के जरिए लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करूंगा। पीके को टेलीविजन शो में भाग लेने और दिल्ली पुलिस के लिए कार्यक्रम करने के बाद, ‘पीके मस्त’ के नाम से लोकप्रियता मिली। अभी वो जयपुर कमिश्नरेट में ट्रैफिक इंस्पेक्टर हैं, उच्च अधिकारियों के निर्देश पर ट्रैफिक जागरूकता और सड़क सुरक्षा पर आधारित कार्यक्रम कर रहे हैं। अब तक 1500 से ज्यादा स्कूल, कॉलेज और इंस्टीट्यूट में जाकर हास्य कविताओं के जरिए युवाओं को ट्रैफिक नियमों को लेकर जागरूक कर चुके हैं।
लाफ्टर मोटिवेशन से बढ़ी जागरूकता
पीके बताते हैं कि जब से ट्रैफिक का जिम्मा मिला है तब से यातायात जागरूकता और सड़क सुरक्षा को लेकर कई तरह से प्रयोग किए गए हैं। अपनी लाफ्टर मोटिवेशन कला के जरिए बच्चों को शिक्षित करने का काम किया जा रहा है। पीके कहते हैं कि मेरे छोटे-छोटे स्किट्स, वन-लाइनर्स और कविताओं के साथ वे न केवल हंसते हैं, बल्कि वे यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके अलावा छोटे छोटे वीडियो भी सोशल मीडिया पर पब्लिश करते हैं, जिससे अधिक लोगों तक यातायात नियमों की जानकारी पहुंच सके। पीके के साथ यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे इंस्पेक्टर विजय सिंह बताते हैं कि पीके मस्त के लाफ्टर मोटिवेशन से युवाओं और खास कर बच्चों में जागरूकता बढ़ी है। अब तक सोशल मीडिया के जरिए जयपुर या राजस्थान ही नही बल्कि दुनियाभर भर में 40 करोड़ लोगों तक अवेरनेस बढ़ी है।
15 साल से हास्य कविताओं के जरिए गुदगुदा रहे
पीके ने ट्रैफिक इंस्पेक्टर से पहले प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में काम किया था। पीके बताते हैं कि 15 साल वो मंच पर हास्य कविता के जरिए लोगों को गुदगुदाने का काम कर रहे हैं। मौजूदा दौर में लोगों के चेहरों से हंसी मानों गायब सी हो गई है, खास तौर से कोरोना काल के बाद तो लोगों में और ज्यादा मायूसी सी आ गई है। इस तनाव और निराशा वाले माहौल में वो कोशिश करते हैं कि कुछ पल लोगों को हंसा सकें।