Monday, 4 November 2024

दक्षिण भारत के इस लाडले बेटे ने पूरे भारत में कर दिया है कमाल, छा गया है लाल

Success Story : दक्षिण भारत का एक बेटा रातोंरात पूरे भारत का लाडला बेटा बन गया है। आज अपने इस…

दक्षिण भारत के इस लाडले बेटे ने पूरे भारत में कर दिया है कमाल, छा गया है लाल

Success Story : दक्षिण भारत का एक बेटा रातोंरात पूरे भारत का लाडला बेटा बन गया है। आज अपने इस लाल (बेटे) पर ना केवल दक्षिण भारत गर्व करता है बल्कि पूरे भारत में इस लाल को भारत का लाडला बेटा मानने वालों की संख्या करोड़ों में। हम आपको भारत के इस लाडले बेटे का पूरा जीवन बता रहे हैं। भारत सरकार इस लाडले बेटे को भारत के प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित कर चुकी है।

डा. बर्नार्ड से मिली प्रेरणा

दुनिया में एक बहुत बड़ा डॉक्टर हुआ। उस डाक्टर का नाम था डॉक्टर क्रिश्चियान बर्नार्ड। बर्नार्ड ने दुनिया का सबसे पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया था। इस साउथ अफ्रीकी डॉक्टर से प्रेरणा पाकर भारत के देवी शेट्टी ने डॉक्टरी पेशा चुनने का फैसला लिया। आज भारत में डॉ. देवी शेट्टी का वही मुकाम है, जो दुनिया में डॉ. क्रिश्चियान बर्नार्ड का है। कार्डियक सर्जन देवी प्रसाद शेट्टी भारत के सबसे अमीर डॉक्टरों की फेहरिस्त में शुमार हैं। उनकी नेट वर्थ 16 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक है।

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कर्नाटक में हुआ है जन्म

देवी शेट्टी ने दक्षिण भारत के कर्नाटक के किन्नीगोली में 8 मई 1953 को जन्म लिया था। तब कोई नहीं जानता था कि वे भारत के बड़े डॉक्टरों में से एक होंगे। मेडिकल साइंस में उनका रुझान उन्हें मानव सेवा की तरफ ले गया। मदर टेरेसा के अंतिम पांच सालों में उनके साथ पर्सनल फिजिशियन के तौर पर रहने वाले डॉ. देवी शेट्टी ने देखा कि देश के लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए। भारतीय समाज में मदर टेरेसा के कार्यों से प्रेरित होकर डॉ. शेट्टी ने सन् 2000 में ‘नारायण हेल्थ’ सेवा की शुरुआत की। डॉ. देवी शेट्टी की हॉस्पिटल चेन भारत की सबसे बड़ी चेन में से एक है। ‘नारायण हेल्थ’ के 47 हेल्थकेयर सेंटर हैं। देवी शेट्टी ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज और द रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन्स, इंग्लैंड से की है।

सस्ती दवाई के हिमायती

एक बार डॉ. शेट्टी ने खुद बताया था कि नारायण हृदयालय ( Narayana Hrudayalaya) की स्थापना के पीछे मदर टेरेसा ही प्रेरणा थीं. उन्होंने लिखा, “उन्होंने (मदर टेरेसा) ने ही उन्हें गरीबों के लिए काम करने और हेल्थकेयर सेवाओं को कम दामों में लोगों तक पहुंचाने की प्रेरणा दी। ” 1992 में डॉ. देवी शेट्टी ने ऐसा काम कर दिखाया, जो तब से पहले कभी नहीं हुआ था। डॉ. शेट्टी ने महज 21 दिन के नवजात बच्चे की हार्ट सर्जरी की। उस बच्चे का नाम रोनी था। यह तारीख कोई कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि यह एक सफल सर्जरी थी और भारत में किसी नवजात की पहली सर्जरी थी। 2001 में डॉ. शेट्टी ने नारायण हृदयालय ( Narayana Hrudayalaya) की स्थापना की। यह बैंगलोर के बोम्मासान्द्रा में एक मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल था। इस अस्पताल को खोलने का मकदस केवल यही था कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक कम दाम में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंच पाएं। Success Story

डॉ. शेट्टी ने एक्सेन्शन हेल्थ ( Ascension Health ) के साथ मिलकर केमैन आइसलैंड ( Cayman Islands) में एक हेल्थकेयर सिटी की स्थापना की। कोलकाता में उन्होंने रविंद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज ( RTIICS) स्थापित की। भारतीय शेयर मार्केट में नारायण हृदयालय ( Narayana Hrudayalaya) कंपनी सूचीबद्ध है। डॉ. शेट्टी 2015 में कंपनी का आईपीओ लाए थे। इसका प्राइस बैंड 245 से 250 रुपये था। 6 जनवरी 2016 को स्टॉक लिस्ट हुआ था। मार्च 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, सालाना आधार पर 265.64 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट बनाया था। फिलहाल कंपनी की वैल्यूएशन 25,577.80 करोड़ रुपये की है। मार्च 2024 के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी के पास कंपनी की 11.66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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