Supreme Court : दिल्ली नगर निगम (MCD) में एल्डरमैन की नियुक्ति के मामले सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल दिल्ली सरकार की एल्डरमैन की नियुक्ति वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बड़ा झटका दिया है। इस मामले फैसला सुनाते हुए जस्टिस पामिदीघंटम श्री नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार ने कहा कि उपराज्यपाल एल्डरमैन की नियुक्ति कर सकते हैं। उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है। एलजी को अब से दिल्ली कैबिनेट की सलाह के बिना भी एल्डरमैन की नियुक्ति करने का पूरा हक है।
क्या है पूरा मामला ?
आपको बता दें कि दिल्ली एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य हैं। साल दिसंबर 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को हराया था। पार्टी ने 134 वार्डों में जीत दर्ज की थी और बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस इस चुनाव में 9 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी। बीती सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि क्या एमसीडी में एक्सपर्ट लोगों का नामांकन केंद्र के लिए इतनी चिंता की बात है? अगर एलजी को एल्डरमैन नामित करने का अधिकार दिया जाता है तो इससे एक चुने हुए नागरिक निकाय को प्रभावित किया जा सकता है क्योंकि, मतदान का अधिकर एल्डरमैन के पास भी होगा।
दिल्ली सरकार और एलजी की दलील
वहीं दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसपर तर्क दिया था कि दिल्ली सरकार को एमसीडी में लोगों को नामित करने के लिए कोई अलग से अधिकार नहीं दिए गए हैं और पिछले 30 सालों से एलजी द्वारा प्रदेश सरकार की सहायता और सलाह पर एल्डरमैन को चुनने की प्रथा चलती आ रही है। इसके उलट एलजी के वकील का कहना था कि कोई व्यवस्था 30 साल से चली आ रही है, तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि वो व्यवस्था को सही किया जाए। अब यह कल ही पता चलेगा कि आखिर एलजी को एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार दिया जाता है या नहीं। इसी को लेकर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार से एल्डरमैन नामित करने का अधिकार एलजी को दे दिया है। Supreme Court
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