Monday, 17 March 2025

धरने से पहले पंजाब पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन, कई किसान नेताओं के घर छापा

Punjab Farmers Protest : पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। इन…

धरने से पहले पंजाब पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन, कई किसान नेताओं के घर छापा

Punjab Farmers Protest : पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। इन मांगों में भूमि सुधार, बिजली बिल, आवारा पशुओं से फसल का नुकसान, किसान ऋण और अन्य कई समस्याएं शामिल हैं। किसानों का आरोप है कि, पंजाब सरकार उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

कई किसान नेताओं के घर पड़ा छापा

भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां के घर पर पुलिस की कार्रवाई का मामला सामने आया है। हालांकि, वे घर पर मौजूद नहीं थे लेकिन उनकी गिरफ्तारी के प्रयास से यह साफ हो गया कि सरकार किसान नेताओं पर दबाव डालने के लिए कदम उठा रही है। इसके अलावा, बरनाला जिले में भी पुलिस ने कई किसान नेताओं के घरों पर छापा मारा। इनमें से कई नेताओं को हिरासत में लिया गया है। मानसा जिले में तो बीती रात को पुलिस ने दर्जनों किसानों के घरों में छापेमारी की और उन्हें हिरासत में लिया। इन गिरफ्तारियों के बाद किसानों का गुस्सा और बढ़ गया है।

सरकार किसानों की मांग कर रही नजरअंदाज

किसान नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार दिल्ली में किसान आंदोलन में हुई हार का गुस्सा अब किसानों पर निकाल रही है। भारतीय किसान यूनियन के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि राज्य सरकार न केवल किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है, बल्कि पुलिसिया दबाव के जरिए उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान किसानों के बीच आपसी फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं और लोकतंत्र में धरना देने का अधिकार भी किसानों से छीन रहे हैं।

पोल खुलने पर पुलिस कर रही किसानों पर कार्रवाई

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य को एक पुलिस राज्य में बदल दिया है। उनके अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार किसानों के खिलाफ बेहद कठोर और निंदनीय कदम उठा रही है, जो यह दर्शाता है कि आम आदमी पार्टी की सरकार की मानसिकता किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार की पोल खुलने के बाद अब पुलिस द्वारा किसानों पर कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि, इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ किसानों की बैठक हुई थी, जिसमें 40 किसान नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस बैठक के दौरान कुछ मांगों को लेकर बहस हो गई जिसके बाद मुख्यमंत्री गुस्से में उठकर बैठक छोड़कर चले गए। किसान नेताओं ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री ने उनकी बेइज्जती की। मुख्यमंत्री ने किसानों से यह भी कहा कि वे प्रदर्शन करें या न करें यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है, और इसके बाद वह बैठक छोड़कर चले गए।

17 मांगों में से 13 को पूरा करने का आश्वासन

हालांकि, पंजाब सरकार ने किसानों की 17 मांगों में से 13 को पूरा करने का आश्वासन दिया है। इनमें से कुछ प्रमुख मांगों में किसानों के लिए एक उप-समिति का गठन, नाबार्ड ऋणों के निपटान के लिए एकमुश्त योजना शुरू करना, और 1 जनवरी 2023 से सरहिंद फीडर नहर पर स्थापित मोटरों के बिजली बिलों को माफ करना शामिल हैं। इसके अलावा, किसानों को आवारा पशुओं से फसल नुकसान को रोकने के लिए राइफल लाइसेंस जारी करने, प्रीपेड बिजली मीटर लागू करने और बाढ़ से हुए गन्ने की फसल के नुकसान का मुआवजा देने की मांगें भी शामिल हैं। वहीं किसान नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि, वे जब तक अपनी सभी मांगों का समाधान नहीं देखते तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। उनका कहना है कि, सरकार को किसानों के साथ बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए और उनकी समस्याओं का समुचित समाधान करना चाहिए ताकि राज्य में शांति और समृद्धि बनी रहे।

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