Gujarat: करोड़ों की ड्रग्स के साथ पकड़े गए 6 पाकिस्तानी नागरिक

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है लेकिन इस बार मामला सिर्फ सियासत का नहीं बल्कि दस्तावेजी सच्चाई से जुड़ा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हाल ही में दावा किया कि उनका नाम बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से गायब है।

चुनाव आयोग का कहना है कि तेजस्वी यादव का नाम ड्राफ्ट लिस्ट में सीरियल नंबर 416 पर EPIC नंबर RAB0456228 के तहत पहले से मौजूद है। यही EPIC नंबर 2020 विधानसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे और 2015 की लिस्ट में भी दर्ज है। अब आयोग की नजरें तेजस्वी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए दूसरे EPIC नंबर RAB2916120 पर टिक गई हैं जिसकी कोई आधिकारिक रिकॉर्डिंग नहीं मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, यह जांच की जा रही है कि कहीं यह दूसरा वोटर कार्ड फर्जी दस्तावेज तो नहीं है। आयोग को संदेह है कि यह नंबर कभी वैध तरीके से जारी ही नहीं किया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, "ऐसा लगता है कि यह कार्ड कभी निर्वाचन प्रक्रिया का हिस्सा ही नहीं रहा। इसकी सत्यता की जांच जारी है।"
तेजस्वी यादव ने अपने दावे के समर्थन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी जहां उन्होंने बड़ी स्क्रीन पर वेबसाइट खोलकर EPIC नंबर दर्ज किया और 'नो रिकॉर्ड्स फाउंड' का स्क्रीनशॉट भी दिखाया। इसके बाद उन्होंने आरोप लगाया कि जो बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) उनके घर आए थे, उन्होंने कोई रसीद नहीं दी और सिर्फ एक फॉर्म भरवाकर चले गए।
EC ने जवाब में तीखा पलटवार करते हुए कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की नींव है। आयोग के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकती हैं। EC ने तेजस्वी को सलाह दी कि वे अपनी पार्टी के 47,506 बूथ एजेंट्स को सक्रिय करें और किसी नाम में गलती या अपात्रता की स्थिति में नियमानुसार आपत्ति दर्ज कराएं।
EC का यह भी कहना है कि पिछले 24 घंटों में न RJD और न ही किसी अन्य पार्टी के बूथ एजेंट ने कोई दावा या आपत्ति BLO के पास जमा की है। आयोग ने सवाल उठाया कि जब तेजस्वी के खुद के एजेंट चुप हैं, तो वो मीडिया में आकर बेबुनियाद आरोप क्यों लगा रहे हैं? अब सबकी नजरें इस जांच पर टिकी हैं कि आखिर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया दूसरा EPIC नंबर असली है या फर्जी। अगर फर्जीवाड़े की पुष्टि होती है, तो यह मामला तेजस्वी यादव के लिए राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तरों पर भारी पड़ सकता है। Bihar Chunav


