India Temple: पूरी दुनिया में एक से बढ़कर एक प्रसिद्ध मंदिर है। कोई मंदिर अपनी वास्तुशिल्प के लिए जाना जाता है, तो कोई अपनी कलाकारी के लिए प्रसिद्ध है। कोई वैभव के कारण प्रसिद्ध है तो कोई भक्तों की आस्था की वजह से। यह मंदिर करोड़ों हिंदू श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का केंद्र भी है। इसके अलावा कुछ ऐसे मंदिर है जिन्हें अयोध्या के राम मंदिर से भी ज़्यादा बड़ा माना जाता है। आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है…जिनके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है।
मीनाक्षी मंदिर
तमिलनाडु के मदुरै शहर में स्थित मीनाक्षी मंदिर अपनी अद्भुत कलाकृति के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर हमारे देश के सबसे बड़े मंदिरो में माना जाता है। इस मंदिर को दुनिया के 7 अजूबों में भी गिना जाता है। मीनाक्षी मंदिर में माता पार्वती की मूर्ति है, जहां लोगों अपनी मनोकामना लेकर आते है और उनकी पूजा अर्चना करते है। मीनाक्षी मंदिर को 1190 CE से 1205 CE के बीच बनाया गया था। मंदिर में अंदर जाने के लिए चार तरह के दरवाजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा मंदिर की हाइट 170 फुट है। साथ ही इस पर बारीक नक्काशी की गई है। जो पूरी चांदी से बनी हुई है। इस मंदिर में टोटल 33 हजार अलग-अलग- भगवान की मूर्तियां स्थापित है। वहीं इस मंदिर में 685 पिलर का एक हॅाल भी है, और इन खंभो से ओम का ध्वनी सुनाई देती है। साथ ही इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है।
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अंकोरवाट मंदिर
भारत में कई ऐसे मंदिर है जिनकी चर्चा पूरी दुनिया में होती रही है। वहीं कंबोडिया के मेकांग में मौजूद अंकोरवाट मंदिर बहुत ही खास है। यह दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में गिना जाता है। अंकोरवाट मंदिर का निर्माण साल 1150 ईसवीं में सम्राट सूर्यवर्मन के राज में किया गया था। इस मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है। इसी के साथ ही इस मंदिर को 500 एकड़ में बनया गया था।
खास बात है कि इस मंदिर को यूनेस्को की तरफ से सबसे बड़ी विश्व धरोहर की मान्यता प्राप्त है। अंकोरवाट मंदिर देखने में इतना सुंदर है की इसके आगे भारत के बड़े-बड़े मंदिर फैल है। इस मंदिर की एक और खास बात है कि यह कंबोडिया का राष्ट्रीय प्रतिक बना हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसकी दीवार पर राणयाण और माहभारत जैसे ग्रंथ लिखे हुए है। साथ ही कई देवि देवताओं की तस्वीरें बनी हुई है। India Temple
जंबुकेश्वर मंदिर
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में मौजूद जंबुकेश्वर मंदिर का निर्माण 1800 साल पहले हिन्दू चोल राजवंश के राजा कोटचेनगनन ने करवाया था। साल 600 ईसा पूर्व में बाना यह मंदिर जल तत्व का प्रतिनिधित्व है। जो 18 एकड़ में फैला हुआ है। भगवान शिव के इस मंदिर की सबसे बड़ी खसियात यह है कि यहां देवी देवताओं की मूर्ति एक साथ नहीं बल्कि एक दूसरे के विपरीत रखी हुई है। इसके अलावा इस मंदिर में माता पार्वती, भगवान ब्रह्मा और विष्णु की मुर्तियां भी मौजूद हैं। यह मंदिर बड़ा होने के साथ-साथ देखने में भी अद्भुत है। इसके चौथे घेरे में 19 पिलर है और हर पिलर की एक अलग मान्यता है।
अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर हिंदूओं के सबसे बड़े मंदिर में गिना जाता है। यह 100 एकड़ में फैला हुआ है, ये 141 फीट ऊंचा और 316 फीट चौड़ा है। वहीं इस मंदिर में 10 दरवाजे दिए गए है। जिनकी अलग ही मान्यता है। साल 2005 में बना यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को श्रद्धांजलि है। आपको बता दें कि इस मंदिर में सीता-राम लक्ष्मी नारायण और राधा कृष्ण की मूर्तियां भी स्थपित है। साल 2007 में बना यह मंदिर का नाम Guinness World Record में भी दर्ज है। इसके अलावा यहां मौजूद एग्जीबिशन, गार्डन, Night Waterfall इसे और खूबसूरत बनते हैं।
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