उज्जैन न्यूज : भगवान के दरबार में सब एक समान होते है। कोई छोटा- बड़ा, कोई गरीब-अमीर नहीं है। ऐसा ही कुछ भगवान भोलेनाथ की नगरी महाकाल उज्जैन में होने जा रहा है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में अब आम और खास एक हो गये हैं। इनके दरबार मे आने वाला कोई वीआईपी नहीं रह गया है।
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मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। आचार संहिता लागू होते ही नेताओं का कोटा खत्म कर दिया गया है। महाकाल मंदिर में राजनीतिक आधार पर होने वाली भस्म आरती की अनुमति सोमवार दोपहर से बंद कर दी गई है। मंदिर प्रबंध समिति ने बड़ा निर्णय लिया है जिसमें प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया, ‘नेताओं को 350 भक्तों के लिए भस्म आरती में प्रवेश की अनुमति सुविधा दी जाती है। अब राजनीतिक आधार पर दर्शन करने वालों का कोटा खत्म कर दिया गया है। इस कोटे में दर्शनार्थियों की संख्या को ऑनलाइन भस्म आरती में कन्वर्ट कर दिया है। इसकी वजह से ऑनलाइन श्रद्धालुओं की संख्या मे इजाफा हुआ है।
इससे जहां आम भक्तों की सुविधा बढ़ेगी, वहीं प्रोटोकाल के कारण महाकाल के दर्शन और पूजन में होने वाली दिक्कतें भी खत्म हो जाएंगी। हालांकि महाकाल मंदिर में प्रशासनिक प्रोटोकाल अभी लागू है। इसके साथ ही दिनभर में भी दर्शन करने आने वाले नेताओं के कोटे को भी समाप्त कर दिया गया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया और महाकाल लोक कॉरिडोर फेस-2 का लोकार्पण किया था। चुनाव के कारण लगभग सभी नेता राजनेता भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुच रहे हैं। एमपी में 17 नवंबर को मतदान होंगे, बाकि राज्यों के साथ एमपी का चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को आएगा।
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