Noida News : नोएडा के डॉ. एनके शर्मा को मिला सम्मान, बने IMA के सदस्य, देखें पूरी सूची

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Noida's Dr. NK Sharma got respect, became member of IMA, see full list
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 06:24 AM
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नोएडा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने नोएडा शाखा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एनके शर्मा आईएमए की स्थाई समिति का सदस्य मनोनीत किया है। इस खबर से नोएडा आईएमए में हर्ष है।

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Big Breaking News : पूर्व PM की पौत्री को भी नहीं मिल रहा है इन्साफ

डॉ. शर्मा के साथ ही यूपी की डॉ. मधु पोद्दार को ​भी मिली जगह आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली से डॉ. रमेश कुमार को अध्यक्ष और डॉ. हरीश ग्रोवर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। उत्तर प्रदेश से डॉ. एनके शर्मा और डॉ. मधु पोद्दार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया है।  

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Sex Scandal : नौकरी के नाम पर युवतियों को फंसाकर Sex Racket चलाने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश

डॉक्टरों और मरीजों के लिए करते रहेंगे काम आईएमए के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का स्थायी सदस्य बनने के बाद डॉ. एनके शर्मा ने कहा कि वह डाक्टरों के साथ मरीजों के हित के लिए लगातार काम करते रहेंगे, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। नोएडा ग्रेटर– नोएडाकी खबरों से अपडेट रहने के लिएचेतना मंचसे जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Instant Home Remedies for Constipation : मात्र 10 दाने लें और पाएं कब्ज से छुटकारा

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Instant Home Remedies for Constipation: Take only 10 grains and get rid of constipation
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 May 2023 10:10 PM
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Instant Home Remedies for Constipation : सब जानते हैं कि पेट ही सारी बीमारियों की जड़ है। यदि किसी का पेट खराब रहता है तो समझ लीजिए कि उसे दर्जनों बीमारी या तो हो चुकी हैं। या होने वाली हैं। पेट की खराबी का सबसे बड़ा कारण Constipation यानि कब्ज का होना है। हम आज आपको बताते हैं कब्ज का बेहद आसान ईलाज। यह ईलाज प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अजीत मेहता ने हम तक पहुंचाया है।

Instant Home Remedies for Constipation :

कब्ज का घरेलू ईलाज डा. अजीत मेहता बताते हैं कि हमारी रसोई में ही कब्ज का ईलाज मौजूद है। आपको बस इतना करना है कि कब्ज होने पर रात्रि सोते समय दस-बारह मुनक्के (पानी से अच्छी तरह धोकर साफ कर बीज निकाल कर) दूध में उबाल कर खाएँ और ऊपर से वही दूध पी लें। प्रात: खुलकर शौच लगेगा। भयंकर कब्ज़ में तीन दिन लगातार लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें। विकल्प -  त्रिफला चूर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर) 200 ग्राम हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ रात्रि सोते समय लेने से कब्ज दूर होता है। ईसबगोल की भूसी : दस ग्राम (दो चम्मच) ईसबगोल की भूसी छ: घंटे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर रात सोते समय जल के साथ लेने से दस्त साफ आता है। इसे केवल पानी के साथ वैसे ही बिना भिगोये ही रात्रि सोते समय लिया जा सकता है। ईसबगोल की भूसी पाँच से दस ग्राम की मात्रा में 200 ग्राम गर्म दूध में भिगो दें। यह फूलकर गाढ़ी हो जायेगी। इसे चीनी मिलाकर खाएँ और ऊपर से थोड़ा गर्म दूध पी लें। शाम को इसे लें तो प्रात: मल बँधा हुआ साफ आ जाएगा। विशेष :- कब्ज में 1-2 चम्मच ईसबगोल की भूसी का प्रतिदिन रात सोते समय पानी में भिगोकर भी प्रयोग किया जा सकता है अथवा इसे गर्म पानी या दूध के साथ भी लिया जा सकता है। दस्तों और पेचिश में इसका ताजे दही अथवा छाछ के साथ सेवन किया जाता है। इस प्रकार कब्ज में पानी या दूध के साथ और दस्तों और पेचिश में दही के साथ इसका प्रयोग किया जाता है। पेट के रोगों के लिए यह निर्दोष और श्रेष्ठ दवा है। यह दस्त, पेचिश और कब्ज की प्रसिद्ध और निरापद औषधि है और बालक से लेकर वृद्ध तक सभी को बिना किसी हानि या दुष्परिणाम की आशंका से निसंकोच दी जा सकती है। यह आंतों के मार्ग को चिकना बनाती है और आंतों में फूलकर मल को ठीक प्रकार से बाहर निकालने में सहायता देती है। अपचन के कारण आँव बनने की शिकायत में निरन्तर लम्बे समय तक सेवन करने का परामर्श दिया जाता है क्योंकि इसके नियमित प्रयोग से अन्य विरेचक औषधियों की भाँति शरीर में अन्य प्रकार के विकार (side effects ) नहीं होते।  हानि रहित जुलाब- एरण्ड का तेल अवस्थानुसार एक से पाँच चम्मच की मात्रा एक कप गर्म पानी या दूध में मिलाकर रात सात समय पीने से कब्ज दूर होकर दस्त साफ आता है। विशेष— वयस्कों को सामान्यतया दो-चार चम्मच एरण्ड का तेल लेना और नवजात शिशु को एक छोटा चम्मच लेना पर्याप्त रहता है। कठिन कब्ज वालों को आठ चम्मच तक एरण्ड का तेल लेना पड़ सकता है और अन्य को केवल तीस बूँदों से ही पाखाना आ जाता है। एरण्ड का तेल बहुत ही अच्छा हानि रहित जुलाब है। इसे छोटे बच्चे को भी दिया जा सकता है और दूध के विकार से पेट दर्द तथा उल्टी होने की अवस्था में भी इसका प्रयोग बहुत हितकारी होता है। इससे अमाशय और आंतों को किसी प्रकार की हानि नहीं होती। इसलिए हर प्रकार के रोगी को इसे बिना किसी हिचक के दिया जा सकता है। इसका प्रयोग कब्ज, बवासीर, आँव के अतिरिक्त आँखों की बीमारियों और खुजली आदि चर्म रोगों में भी हितकारी है। पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कब्ज - दो संतरों का रस खाली पेट प्रात: आठ-दस दिन लगातार पीने से ठीक हो जाता है। संतरों के रस में नमक, मसाला या बर्फ न लें। रस लेने के बाद एक-दो घंटे तक कुछ न लें। कब्ज में पथ्य- गेहूँ (दो भाग) और चना (एक भाग) को मिलाकर बनाई गई मिस्सी रोटी, मोटे आटे की रोटी, चोकरयुक्त आटे की रोटी, चोकर की खीर दलिया, भुने हुए चने, पालक या पालक का सूप, बथुआ, मैथी, टमाटर, संपूर्ण नेड़ायुक्त गाजर, कच्चा प्याज, सलाद, पुदीना, पपीता, चीकू, अमरूद, आँवला संतरा, ताजे फलों का रस, नींबू पानी, देशी घी, मक्खन, दूध, दूध के साथ भिगो हुई मुनक्का, खजूर या अंजीर, रेशेदार (fibre, छिलका, भूसायुक्त) पदार्थ आदि उपरोक्त हितकारी आहार के साथ-साथ यदि निम्नलिखित कब्जनाश सप्त नियम पालन किये जाए तो कब्ज में आश्चर्यजनक और स्थायी लाभ प्राप्त किया जा सकता है। भोजन में आग पर पके हुए पदार्थों की मात्रा में कुछ कमी करके उसके स्थान पर हरे ताजे मौसमी फल सब्जियाँ, अंकुरित अन्न आदि प्राकृतिक आहार की मात्रा में वृद्धि करना। भोजन करते समय प्रत्येक ग्रास को खूब चबा-चबाकर खाना।  पहले से अधिक पानी पीना। उषा: पान अर्थात प्रात: उठते ही खाली पेट रात में तांबे के बर्तन या मटके में रखा हुआ पानी पीना। खाने के तुरन्त बाद पानी न पीकर भोजन करने के एक घंटे बाद पानी पीना। योगासन अथवा 4-5 किलोमीटर का पैदल भ्रमण। शाम को भोजन सूर्य अस्त होने से पहले करना । कब्ज में अपथ्य — मैदा तथा मैदे की बनी वस्तुएँ, तले हुए पदार्थ अधिक मिर्च मसाले वाले पदार्थ, बाजारू चाट-पकौडिय़ाँ, मिठाइयाँ, कोकाकोला जैसे मिलावटी पानी, केला, सौंठ, शराब, काफी, चाय, मांस, मछली, अण्डे, रात देर का खाना, खाने के तुरन्त बाद फ्रिज का पानी पीना, लगातार देर तक बैठे रहने की आदत आदि।

Home Remedies for Jaundice : यदि आपको या आपके किसी परिचित को है पीलिया (Jaundice)  तो करें यह उपाय

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Home Remedies for Jaundice : यदि आपको या आपके किसी परिचित को है पीलिया (Jaundice)  तो करें यह उपाय

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Home Remedies for Jaundice: If you or someone you know has Jaundice, then do this remedy
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calendar27 Nov 2025 11:25 AM
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Home Remedies for Jaundice :  सब जानते हैं कि पीलिया यानि (Jaundice) एक जानलेवा बीमारी है, इस बीमारी से मरीज धीरे-धीरे कमजोर होकर मौत के मुंह तक पहुंच जाता है। आज हम आपको बताते हैं कि पीलिया को ठीक करने वाले कुछ अचूक उपाय यानि Jaundice ये घरेलू उपाय प्रसिद्ध चिकित्सक डा. अजीत मेहता ने हमें बताए हैं।

Home Remedies for Jaundice :

डा. अजीत मेहता के मुताबिक पीपल के पेड़ के तीन-चार नये पत्ते (कोंपले) पानी से साफ करके, मिश्री या चीनी के साथ खरल में खूब घोंटे या सिल पर बारीक पीस लें। एक गिलास (250 ग्राम) पानी में घोलकर किसी स्वच्छ कपड़े से छान लें। यह पीपल के पत्तों का शर्बत पीलियाग्रस्त रोगी को दिन में दो बार पिलाएँ। आवश्यकतानुसार तीन दिन से सात दिन तक दे। पीलिया से छुटकारा मिल जाएगा। विशेष— यह पीलिया रोग का सरल व सफल इलाज जयपुर के श्री सौभाग्यमलजी बेंगानी द्वारा स्वानुभूत है। उन्होंने लिखा है-‘कुछ साल पहले मुझे पीलिया हुआ था। एलोपैथिक इलाज चालू था परन्तु महीने भर से ठीक होने का नाम न ले रहा था। एक बार पीलिया बिगड़ चुका था और दूसरी बार बिगडऩे (रीलेप्स होने) की संभावना थी। इलाज रोककर मैंने गाँव के किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह पर उपरोक्त पीपल के पत्तों का शरबत बनाकर लिया और सप्ताह भर में बिल्कुल अच्छा हो गया। हाँ, पथ्यापथ्य के पालन पर ध्यान अवश्य रखा। फिर मैंने कई अन्य व्यक्तियों पर वही प्रयोग किया और समान रूप से लाभकारी पाया। एक बार 5-6 दिन के नवजात शिशु के पीलिया में भी पीपल का एक कोमल पत्ता लेकर मिश्री मिलाकर, पीसकर कपड़े से छान लिया और तैयार शर्बत को निप्पल वाली बोतल में भरकर दे दिया। इस प्रकार कुछ ही खुराक से वह बच्चा दो-तीन दिन में ठीक हो गया। हल्का और सुपाच्य भोजन लें और पूर्ण विश्राम करे। स्वच्छ, शीतल, हवादार मकान में रहे। पीलिया में साधारण जुलाब लेकर औषधि सेवन करना अच्छा रहता है, जैसे—त्रिफला पानी। विकल्प - गुलाबी (अथवा बढिया सफेद फिटकरी) फूली हुई पीसकर 1/8 ग्राम से आधा ग्राम (2 से 4 रत्ती) की मात्रा में गाय की छाछ (या दही) के साथ दिन में तीन बार पिलाने से पीलिया कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। आवश्यकतानुसार 3 से 7 दिन तक लें। मूली के पत्तों और टहनियों का रस 50 ग्राम में मिश्री मिलाकर प्रात: खाली पेट पीने से सब प्रकार के पीलिया में लाभ होता है। और इससे एक सप्ताह के भीतर पीलिया रोग दूर हो जाता है। 10 ग्राम सहायक उपचार— लिव-zw टेबलेट्स (हिमालय ड्रग्स कम्पनी की आयुर्वेदिक पेटेंट औषधि) 2 गोली दिन में तीर बार भोजन के बाद लेने से पीलिया में शीघ्र लाभ होता है। हिमालय ड्रग कम्पनी द्वारा निर्मित LIV-zw Tablets नामक यह प्रसिद्ध आयुर्वेदिक पेटेंट औषधि पीलिया रोग की बेहतरीन दवा है और एलोपैथिक डॉक्टर भी इसे खुलकर प्रयोग करते हैं। औषधि पर्याप्त लम्बे समय तक प्रयोग के पश्चात् भी कोई हानिकारक प्रभाव नहीं दिखाती है।  सवेरे निराहार मुख दो संतरे रोज खाने या संतरे का रस पीने से पाँच-सात दिन में कई बार, रोग समूल नष्ट होते देखा गया है। छाछ एक गिलास में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर लगातार एक सप्ताह तक लें। एक कप पानी में एक चम्मच ग्लूकोज डालकर सुबह दोपहर और रात में पीने से लाभ होता है।  सफेद बोतल में तीन चौथाई पानी भरकर धूप में 6 से 8 घंटे रख देने के बाद ठंडा होने पर ऐसा सूर्य तापित पानी के पीने से पानी के दोष समाप्त हो जाते हैं और पीलिया में यह सफेद बोतल का पानी विशेष लाभप्रद सिद्ध होता है। पोदीने का रस निकालकर सुबह चीनी मिलाकर पीना पीलिया में गुणकारी है। दस दिन लें।  पीलिया की पहचान और लक्षण जिस व्यक्ति की आँखें, त्वचा, नख, मुँह आदि हल्दी की तरह पीले हो जाएँ, मूत्र भी पीले रंग का आए, शरीर में शिथिलता और कमजोरी अधिक प्रतीत हो, दाह अन्न से अरुचि आदि से जो विशेषतया पीडि़त हो तो समझ लें कि उसे नीलिया हो गया है। पीलिया में मन्द ज्वर 99 से 100 तक रहता है। नाडी मन्द और क्षीण हो जाती है। यह रोग पित्त की अधिकता से होता है। (बाहरी कारणों में दूषित पानी एवं खाद्य पदार्थों के सेवन से भी होता है) और रोगी के मल का रंग सफेद या पीला होता है। अग्नि मंद हो जाती है। भूख नहीं लगना, मुँह का स्वाद कडुवा या बेस्वाद रहना, मुँह सूखना, मिचली, पेट फूलना, गैस बनना, कई बार शरीर में खुजली होना, हाथ-पैरों का टूटना, ज्वर-भाव के साथ दिन-प्रतिदिन कमजोरी बढ़ती जाती है। जीर्ण पीलिया में चक्कर, भयानक खुजली विशेषकर रात में, सिरदर्द, स्मृतिहीनता, उत्साहनाश, नींद में कमी, पित्त खून में मिलकर रक्त को विषाक्त करना, यकृत और प्लीहा का बढऩा व कड़ा पड़ जाना आदि उल्लेखनीय है। पीलिया के पथ्य-अपथ्य परहेज—घी, तेल, हल्दी, लाल मिर्च और गर्म मसालों से बनी चीजें, अचार, सम्पूर्ण खट्टे पदार्थ न खाएँ। थोड़ी मात्रा में गाय का मक्खन लिया जा सकता है। राई, हींग, तिल, गुड़, बेसन, कचालू, अरबी न लें। चने और उड़द की दाल, उड़द और मैदे के भोज्य पदार्थ, केक, तले हुए पदार्थ, पित्त पैदा करने वाली और जलन करने वाली चीजों का सेवन बन्द कर दें। धूप में घूमना, आग के पास बैठना, परिश्रम के काम करना, अधिक पैदल चलना और क्रोध, तनाव, सम्भोग आदि से बचें। धूम्रपान, शराब, मांस, मछली, चाय एवं मादक पदार्थों का सेवन न करें। अशुद्ध पानी और अशुद्ध व बासी खाद्य पदार्थों का प्रयोग न करें। पथ्य- पीलिया में गन्ने का रस लेना सर्वोत्तम है बशर्ते कि रस अच्छे और साफ गन्ने का स्वच्छता से बनाया हुआ हो। प्रात: गन्ने या नारंगी का रस लिया जा सकता है। संतरे का रस, कच्चे नारियल या डाभ का पानी, जौ का पानी, बेदाना (मीठा अनार) का रस, मूली के पत्तों का रस, फटे दूध का पानी, दही का तोड़, काली मिर्च व जरा नमक मिलाकर पतली छाछ पीना हितकारी है। दूध यदि लें तो दूध में बराबर पानी मिलाकर और कुछ दाने सौंफ के डालकर अथवा 1-2 दाने छोटी पीपर डालकर अथवा एक ग्राम सौंठ का चूर्ण मिलाकर, लोहे की कड़ाही में गर्म किया हुआ दूध अच्छा रहता है। शाक-परवल, चौलाई, कच्ची मूली, घिया (लौकी), तोरई, टिण्डे, पालक, पोदीना, धनिया, आँवला, टमाटर, लहसुन आदि। फल-मीठा अनार (बेदाना) मीठा संतरा, अंगूर (अंगूर के स्थान पर 8-10 मुनक्का दाने या किशमिश 20-25 दानों को चौदह घंटे पानी में भिगोकर प्रात: मुनक्का के बीज निकालकर या किशमिश को खाकर ऊपर से यही बचा हुआ पानी पी लेना चाहिए)। आजकल अंगूर तथा कई फल बहुत ही जहरीले कृमिनाशक घोल में डुबोये जाते हैं। अत: अंगूर आदि इन फलों को स्वच्छ पानी से कम-से-कम तीन बार अच्छी तरह धोने के बाद काम में लाएँ। मौसमी, पपीता, चीकू, खजूर आदि फल भी पथ्य है।  भोजन खाने में पुराने गेहूँ और जौ की रोटी बिना घी की दें। चावल, खिचड़ी न दें। दलिया दे सकते हैं। पीलिया में जौ का सत्तू लेना और ऊपर से गन्ने का रस पीना अधिक लाभदायक रहता है। मूंग की दाल का पानी लें अथवा बिना मसाले की मूँग की दाल में काला नमक व काली मिर्च मिलाकर लें। मूँग, मसूर, अरहर का यूष भी पथ्य है। पीलिया होते ही कम से कम आठ दिन तक खटाई, लाल मिर्च व मसाले वाली चीजें तथा चिकनाई युक्त आहार का त्याग करने से जल्दी लाभ होगा।

Noida News : नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ (CEO) पर लगा भ्रष्टाचार का ठप्पा, होगी जांच

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