चंद दिनों में खुद-ब-खुद डिलीट हो जाएगा Video Call App, 22 साल बाद...

Video Calling
Skype Video Calling App
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:41 AM
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Skype Video Calling App : अगर आप वीडियो कॉलिंग के लिए माइक्रोसॉफ्ट के Skype ऐप का इस्तेमाल रोजाना कर रहे हैं तो आपको ठहरने की जरूरत है, क्योंकि Skype Video Calling से जुड़ी यह खबर आपको चौका सकती है। हाल ही में Skype Video Calling से जुड़ी एक ताजा अपडेट सामने आई है कि माइक्रोसॉफ्ट इसे बहुत जल्द ही बंद कर सकती है।

बंद होगा 22 साल पुराना वीडियो कालिंग ऐप

बता दें कि, Skype Video Calling ऐप को लॉच हुए 22 साल हो गए हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने 22 साल पुराने वीडियो कालिंग ऐप को बंद करने का फैसला लिया है। आने वाले कुछ दिनों में यह सभी मोबाइल एप्लीकेशन से खुद-ब-खुद हट जाएगा। कंपनी इसे 5 मई को बंद कर देगी। हालांकि कंपनी द्वारा वीडियो कालिंग और अन्य कामों के लिए इसका विकल्प भी बताया है।

कंपनी ने बताया विकल्प

कंपनी ने इसके विकल्प के तौर पर Microsoft  Team को बताया है। अब आपके पास स्काइप से Microsoft टीम में शिफ्ट करने का विकल्प मौजूद होगा। बता दें कि, जबसे कंपनी द्वारा जबसे इस एप्लीकेशन को लांच किया गया है तब से यह स्काइप इस्तेरमाल करने वाले यूजर्स को इसमें शिफ्ट करने की रिक्वेस्ट कर रही है।

मिलेंगे ज्यादा फीचर

कंपनी की मानें तो माइक्रोसॉफ्ट टीम में वो सभी फीचर्स मिलेंगे जो स्काइप में मिलती है। इसके अलावा इसमें उससे ज्यादा फीचर्स भी उपलब्ध होंगे जो स्काइप में उपलब्ध नहीं हैं। साल 2003 में स्काइप को लांच किया गया था बाद में इसे साल 2011 में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा खरीद लिया गया था। कुछ समय बाद कंपनी ने Skype से बहुत सारे फीचर्स हटा दिए थे। इसके बावजूद यह Skype वर्षो तक वीडियो कॉलिंग के लिए एक प्रमुख ऐप रहा। कंपनी द्वारा लगातार Skype को अपडेट भी किया जा रहा है और अब कंपनी ने 22 साल बाद Skype को बंद करने का फैसला किया है।

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बिहार में पोस्टिंग से नाराज KVS टीचर ने दी राज्य को गाली, कड़े एक्शन के बाद हुई सस्पेंड, वायरल हुआ वीडियो

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:36 AM
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Bihar News: बिहार राज्य के जहानाबाद में स्थित केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत दीपाली शाह का एक वीडियो वायरल होते ही उनकी मुश्किलें काफी बढ़ गई। यहां तक की अध्यापिका के इस वीडियो के वायरल होने के बाद उन्हें केंद्रीय विद्यालय संगठन ने निलंबित भी कर दिया। आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला -

बिहार में पोस्टिंग मिलने से नाराज थी शिक्षिका दीपाली शाह:

दरअसल दीपाली शाह नामक महिला की पोस्टिंग बिहार राज्य के जहानाबाद में स्थित केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका के पद पर हुई थी। दीपाली बिहार में पोस्टिंग मिलने की वजह से काफी नाराज थी। इसी नाराजगी में इन्होंने सोशल मीडिया पर बिहार और बिहार वासियों के प्रति भला-बुरा कहते हुए एक वीडियो शेयर कर दिया। शिक्षिका का यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिक्षिका को उसके पद से निलंबित कर दिया। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई वायरल वीडियो की वजह से अध्यापिका पुलिस के लपेटे में भी आ गई और परिणाम यह निकला कि उन्हें बिहार छोड़कर भागना पड़ा। शिक्षिका दीपाली शाह का ये वायरल वीडियो देखने के बाद जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव काफी नाराज हुए और उन्होंने विद्यालय संगठन से शिक्षिका के बर्खास्त की मांग की जिस पर एक्शन लेते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शिक्षिका को पद से बर्खास्त कर दिया। दीपाली शाह से जुड़े इस पूरे मामले पर जहानाबाद के एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने बताया कि - ' साइबर थाने की पुलिस ने नोटिस देकर शिक्षिका को बुलाया था। वायरल वीडियो के बारे में पूछताछ की है। केंद्रीय विद्यालय काको थाना क्षेत्र में पड़ता है इसलिए इस मामले में काको थाना की पुलिस को भी शामिल किया गया है। आगे की कार्रवाई की जाएगी।" बिहार: 27 साल बाद आया मर्डर का फैसला, 12 अभियुक्तों की ट्रायल में ही मौत, 14 को उम्रकैद

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बिहार: 27 साल बाद आया मर्डर का फैसला, 12 अभियुक्तों की ट्रायल में ही मौत, 14 को उम्रकैद

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calendar29 Nov 2025 10:23 AM
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'भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं' इस कहावत को सच साबित करती हुई घटना बिहार राज्य के मधुबनी जिले से सामने आई है। आज मधुबनी कोर्ट ने 27 साल पहले हुए एक मर्डर का बड़ा फैसला सुनाया। जिसमें हत्याकांड में इंवॉल्व 14 अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई, जबकि 12 अभियुक्तों की ट्रायल के दौरान ही मौत हो चुकी है। यह केस जुड़ा हुआ है योगेंद्र यादव मर्डर केस से।

27 साल पहले हुई थी योगेन्द्र यादव की हत्या:

इस हत्याकांड का पूरा मामला है साल 1997 का। बिहार राज्य के भैरव स्थान थाना क्षेत्र के झौंवा गांव में साल 1997 में भूमि विवाद के चलते योगेंद्र यादव की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। इस केस में 37 लोगों का नाम जुड़ा था। मामले के ट्रायल के दौरान 12 अभियुक्तों की मौत हो गई। जबकि बचे हुए 14 आरोपी - कुशे यादव, सूरत यादव, भगवान यादव, कारी यादव, कमल यादव, चन्दन यादव, जमुना यादव, सुरेश यादव, महेश यादव, रघुनी यादव, उत्तिम यादव, ललित यादव, विंदेश्वर यादव और प्रमोद यादव को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। बिग ब्रेकिंग : उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से दबे 50 से ज्यादा मजदूर

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