Uttrakhand Tunnel Update: डॉक्टर्स की निगरानी में बन रहा मजदूरों का खाना, आज मिलेगा कोई शुभ समाचार?

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calendar22 Nov 2023 04:44 PM
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Uttrakhand Tunnel Update : बीते 10 दिनों से एक अँधेरी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के साथ रेस्क्यू टीम का सम्पर्क स्थापित हो चुका है और उन्हें अब समय समय पर पर्याप्त खाने एवं पीने की सामग्री भी पहुंचाई जा रही है। 6 इंच की पाइप को सुरंग में फिट करके रेस्क्यू प्रशासन ने मजदूरों के भूखे प्यासे होने की चिंता को अब लगभग समाप्त कर दिया है। वहीं वॉकी टाकी के जरिये उनसे लगातार बातचीत भी की जा रही है। लेकिन मजदूरों के परिवारों के साथ साथ देश के सभी लोग अभी भी इस शुभ समाचार के इंतज़ार में हैं कि कब मजदूरों को टनल से सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता मिलेगी।

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मंगलवार रात को मजदूरों को मिला पूरा भोजन...

  रिपोर्ट्स एवं रेस्क्यू प्रशासन से हुई बातचीत के आधार पर प्राप्त हुई जानकारी में पता चला कि अब तक खाद्य सामग्री को पहुंचाने के लिए चार इंच की पाइप का प्रयोग किया जा रहा था लेकिन अब इसकी जगह 6 इंच की पाइपलाइन को सुरंग में फिट किया गया है। अब भोजन सामग्री को अधिक मात्रा में बिना किसी ब्लॉकेज के मजदूरों तक आसानी से भेजा जा सकेगा।

Uttrakhand Tunnel Update

मंगलवार रात को मजदूरों को मक्खन चपाती, मटर पनीर, वेज पुलाव आदि भेजा गया। वहीं मंगलवार सुबह कटे हुए सेब, दवाइयां, ड्राई फ्रूट और पानी आदि पाइपलाइन के जरिये मजदूरों तक पहुँचाया गया।

डॉक्टर्स ने की मजदूरों के खाने की जाँच

अभिषेक रमोला के होटल में तैयार किये जा रहे मजदूरों के खाने को डॉक्टर्स की देखरेख में बनाया जा रहा है। दरअसल डॉक्टर्स यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि. जो खाना सुरंग के अंदर भेजा जा रहा है वो आसानी से पच जाने वाला होना चाहिए।  

अंदर फंसे मजदूरों की बात सुन भर आये आंसू...

भले ही 8 राज्यों के 41 मजदूर उत्तराखंड के सिल्क्यारा में बीते 10 दिन से फंसे हुए हैं लेकिन उनकी अपने परिवार के प्रति चिंता में कोई कमी नहीं है। वाकी टाकी के जरिये हुई बातचीत में एक मजदूर ने अपनी माँ से कहा कि वह अंदर बिल्कुल सुरक्षित है और तुम समय पर अपना खाना खाती रहना।  

तकनीक के साथ आस्था का भी लिया जा रहा सहारा

उत्तराखंड को देव भूमि का दर्जा दिया जाता है और ऐसे स्थान पर सुरंग धंसने जैसी घटना के बाद अब रेस्क्यू कम्पनी ने तकनीक के साथ देवों को भी प्रसन्न करने की जिम्मेदारी ली है। टनल के पास ही बौखनाग देवता का मंदिर (Uttrakhand Tunnel Update) बनाया गया जिसमें दुनिया के कुशल भू वैज्ञानिक RRanold ने भी माथा टेका।
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Uttarakhand : आज बंद होंगे बद्रीनाथ के कपाट, कितने कुंटल फूलों से सजेगा दरबार?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar18 Nov 2023 06:13 PM
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वर्ष 2023 की चारधाम यात्रा (Uttarakhand) पर आज यानि 18 नवंबर से विराम लगने जा रहा है। आज दोपहर 3:33 के बाद श्री बद्रीनाथ धाम के पवित्र कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। श्री बद्री विशाल के कपाट बंद करने के अवसर पर आज धाम को 15 कुंटल गेंदे के फूलों से सजाकर भव्य रूप दिया गया है। बद्रीधाम के इस सुंदर दृश्य को देखने के लिए कल शाम ही करीब दस हजार के आसपास भक्त पहुंच चुके थे।  

विशेष स्त्री रूप धर कर पुजारी बंद करते हैं कपाट

  बद्री विशाल की महत्ता के बारे में तो भारत का लगभग हर शख्स जानता है लेकिन धाम के कपाट बंद करने की एक विशेष परम्परा और इसके कारण से शायद कुछ ही लोग वाकिफ होंगे। आपको बताते चलें की बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने के लिए यहाँ के मुख्य पुजारी "रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी" एक स्त्री रूप धरते हैं और भगवान श्री बद्री विशाल को गर्भगृह में माँ लक्ष्मी जी के साथ निवास करने का निमंत्रण देते हैं।

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कपाट बंद करने के लिए विशेष पंच पूजा का भी आयोजन होता है जिसमें कपाट बंद करने की मुख्य प्रक्रिया चौथे दिन पूरी की जाती है। इस दिन कुबेर जी एवं उद्धव जी को भी मंदिर के प्रांगण में लाया जाता है क्योंकि उद्धव भगवान कृष्ण के सखा हैं और उम्र में ज्येष्ठ हैं अतः उन्हें लक्ष्मी जी का जेठ माना जाता है।

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ज़ब तक वे गर्भगृह में विद्यमान रहते हैं तब तक लक्ष्मी जी वहाँ नहीं जा सकती हैं। इसके अलावा इस परम्परा के पीछे अन्य कारण यह भी है कि माता लक्ष्मी की विग्रह डोली को कोई पुरुष नहीं छू सकता है। अतः मंदिर के मुख्य पुजारी स्त्री वेष में ही डोली उठाते हैं।  

क्यों विशेष हैं कपाट बंद करने की पंच पूजा?

  पंच पूजा में पांचो दिन एक विशेष ईष्ट स्वरूप की पूजा की जाती है। प्रथम दिन गणेश मंदिर,दूसरे दिन केदारेश्वर एवं आदि शंकराचार्य मंदिर और तीसरे दिन खड़क पूजा की जाती है। फिर चौथे दिन माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना होती है।

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अंतिम यानि पाँचवे दिन पुजारी "रावल" स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के सानिध्य में विराजित करते हैं और शीतकाल के लिए भगवान बदरी विशाल को घृत कम्बल भी ओढ़ाते हैं । इस पंच पूजा की शुरुआत 14 नवंबर से होती है।

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Uttarakhand News : निर्माणाधीन सुरंग में भूस्खलन, 40 से ज्यादा मजदूर फंसे

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Uttarakhand News
locationभारत
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calendar12 Nov 2023 05:59 PM
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Uttarakhand News :  उत्तरकाशी (एजेंसी)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन हुआ है। सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल के निर्देशन में नवयुगा कंपनी कर रही है। बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर 40 से ज्यादा मजूदर फंसे हैं। जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने इसकी पुष्टि की है। भले अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सुरंग के अंदर कुल कितने श्रमिक फंसे हैं। कंपनी की ओर से मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है। मौके पर पांच 108 एंबुलेंस तैनात की गई हैं।

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एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने बताया कि अभी किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए है। जानकारी के अनुसार, हादसा रविवार सुबह 5:00 बजे हुआ। सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर यह भूस्खलन हुआ है, जबकि जो मजदूर काम कर रहे थे वो वाहन द्वार के 2800 मीटर अंदर हैं।

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आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत तैयार की जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किमी है। इसमें से चार किमी तक निर्माण पूरा कर लिया गया है। पहले सुरंग निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। Uttarakhand News

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