नोएडा में खाद्य विभाग ने 21 प्रतिष्ठानों पर लगाया 50 लाख रुपये का जुर्माना
खाद्य विभाग के अधिकारी सर्वेश मिश्रा ने बताया कि ये मामले 2021 से 2024 के बीच लिए गए खाद्य सैंपलों से जुड़े हैं। जांच में पनीर, खोया, मिठाइयाँ, मसाले, डेयरी उत्पाद, पैकेज्ड स्नैक्स और रेडी-टू-ईट फूड मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे।

Noida/Greater Noida News : खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मिलावटी और घटिया गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस कार्रवाई में 21 मिठाई की दुकानों, रेस्टोरेंट्स और फूड ब्रांड्स पर कुल 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
संबंधित प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया
खाद्य विभाग के अधिकारी सर्वेश मिश्रा ने बताया कि ये मामले 2021 से 2024 के बीच लिए गए खाद्य सैंपलों से जुड़े हैं। जांच में पनीर, खोया, मिठाइयाँ, मसाले, डेयरी उत्पाद, पैकेज्ड स्नैक्स और रेडी-टू-ईट फूड मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे। लंबे समय से अदालत में लंबित मामलों की सुनवाई पूरी होने के बाद अब संबंधित प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया गया।
गड़बड़ी पाए गए उत्पाद
जांच में पता चला कि 21 प्रतिष्ठानों से पनीर, गुलाब जामुन, खोया, मसाले, पैकेट फूड, सरसों का तेल और रिफाइंड आॅयल के सैंपल लिए गए। लैब में टेस्टिंग के दौरान ये सभी सैंपल फेल पाए गए। इन मामलों में संबंधित थानों में मुकदमे दर्ज किए गए थे, जो पिछले कई सालों से लंबित थे।
जुर्माने का विवरण
* कुछ बड़े प्रतिष्ठानों पर 4.5 लाख रुपये तक का जुर्माना
* कई प्रतिष्ठानों पर 3 से 3.6 लाख रुपये
* छोटी दुकानों पर 25 हजार से 1 लाख रुपये तक
आगे की कार्रवाई
सर्वेश मिश्रा ने बताया कि जिलेभर में खाद्य प्रतिष्ठानों की नियमित जांच की जाती है। यदि सैंपल फेल होता है, तो पहली बार चेतावनी दी जाती है और दूसरी बार लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की जाती है। खाद्य विभाग का कहना है कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से समझौता करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
Noida/Greater Noida News : खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मिलावटी और घटिया गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस कार्रवाई में 21 मिठाई की दुकानों, रेस्टोरेंट्स और फूड ब्रांड्स पर कुल 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
संबंधित प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया
खाद्य विभाग के अधिकारी सर्वेश मिश्रा ने बताया कि ये मामले 2021 से 2024 के बीच लिए गए खाद्य सैंपलों से जुड़े हैं। जांच में पनीर, खोया, मिठाइयाँ, मसाले, डेयरी उत्पाद, पैकेज्ड स्नैक्स और रेडी-टू-ईट फूड मानक गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे। लंबे समय से अदालत में लंबित मामलों की सुनवाई पूरी होने के बाद अब संबंधित प्रतिष्ठानों पर जुर्माना लगाया गया।
गड़बड़ी पाए गए उत्पाद
जांच में पता चला कि 21 प्रतिष्ठानों से पनीर, गुलाब जामुन, खोया, मसाले, पैकेट फूड, सरसों का तेल और रिफाइंड आॅयल के सैंपल लिए गए। लैब में टेस्टिंग के दौरान ये सभी सैंपल फेल पाए गए। इन मामलों में संबंधित थानों में मुकदमे दर्ज किए गए थे, जो पिछले कई सालों से लंबित थे।
जुर्माने का विवरण
* कुछ बड़े प्रतिष्ठानों पर 4.5 लाख रुपये तक का जुर्माना
* कई प्रतिष्ठानों पर 3 से 3.6 लाख रुपये
* छोटी दुकानों पर 25 हजार से 1 लाख रुपये तक
आगे की कार्रवाई
सर्वेश मिश्रा ने बताया कि जिलेभर में खाद्य प्रतिष्ठानों की नियमित जांच की जाती है। यदि सैंपल फेल होता है, तो पहली बार चेतावनी दी जाती है और दूसरी बार लाइसेंस रद करने की कार्रवाई की जाती है। खाद्य विभाग का कहना है कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से समझौता करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।












