Noida News : उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि नोएडा की यमुना नदी के किनारे डूब क्षेत्र में बने अवैध फार्म हाउस की जांच के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण (एनजीटी) ने जांच के आदेश दिये हैं। इसकी जांच एक संयुक्त समिति कमेटी करेंगी जिसमें केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, नोएडा प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह जांच टीम दो महीने में एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट में यदि यह पाया गया कि नोएडा प्राधिकरण या संबंधित विभाग से अनुमति के बिना निर्माण किया है, तो उसे अवैध माना जाएगा तथा उसे ध्वस्त भी कर दिया जाएगा।
एनजीटी ने अवैध निर्माणों की जांच के लिए गठित की संयुक्त टीम
एनजीटी ने 21 मई को सुनवाई के दौरान संयुक्त समिति बनाने का आदेश दिया। समिति को हर एक आवेदक के निर्माण की प्रकृति और सीमा का निरीक्षण करना है। साथ ही यह भी जांचना है कि क्या इन निर्माणों के लिए सक्षम प्राधिकरण से उचित अनुमति ली गई थी। समिति को अगले दो महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जिसके बाद सच्चाई सामने आएगी। अगर समिति द्वारा ये निर्माण अवैध पाए जाते हैं तो उन्हें ध्वस्त करने का आदेश दिया जा सकता है।
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इस मामले में आवेदकों का दावा है कि जुलाई 2023 में यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण उनके घरों में गंदा पानी भर गया था, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने राज्य सरकार पर अवैध निर्माण की अनुमति देने का आरोप लगाया। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने दलील दी कि ये आवेदक ग्रामीण नहीं बल्कि फार्महाउस के मालिक हैं, जिन्होंने अवैध रूप से बाढ़ क्षेत्र पर निर्माण किया है। राज्य सरकार ने आवेदकों की संपत्तियों का विवरण और निर्माणों की तस्वीरें भी कोर्ट में पेश की हैं। Noida News
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