Noida News : नोएडा शहर को उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा की वजह से उत्तर प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में बड़ी संख्या में फ्राड तथा फर्जी बिल्डरों ने नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के नाम को खूब बदनाम किया है। नोएउा तथा ग्रेटर नोएडा के इन्हीं फ्राड तथा फर्जी बिल्डरों का एक बड़ा सच सामने आया है। नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के फ्राड तथा फर्जी बिल्डरों का सच बहुत ही कड़वा सच है।
क्या है पूरा मामला
सबको पता है कि नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के एक दर्जन बिल्डरों ने बड़े-बड़े फ्राड किए हैं। देश भर में आकर्षक विज्ञापन देकर नोएडा के बिल्डरों ने लाखों लोगों को फ्लैट देने के नाम पर बड़ी-बड़ी ठगी की है। अभी तक लगातार यह बताया जाता रहा है कि देश भर के लाखों फ्लैट बॉयर्स के अरबों रूपए बिल्डरों ने ठग लिए हैं। फ्लैट बॉयर्स से मोटा पैसा लेकर बिल्डरों ने न तो उन्हें फ्लैट दिए हैं और न ही उनका पैसा वापस किया है। इस मुददे पर एक बड़ा सर्वे सामने आया है। हाल ही में आए सर्वे में बताया गया है कि नोएडा में सवा लाख नागरिकों के फ्लैट फंसे हुए हैं।
बड़ी फर्म के सर्वे से हुआ बड़ा खुलासा Noida News
भारत के रियल एस्टेट पर प्रॉपइक्विटी नाम की एक बड़ी फर्म निगाह रखती है। प्रॉपइक्विटी रियल एस्टेट सेक्टर के डाटा विश्लेषण का काम करती है। रविवार को प्रॉपइक्विटी फर्म ने एक ताजा सर्वे रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्राड किस्म के बिल्डरों के कारण नोएडा के 103 आवासीय प्रोजेक्ट फंसे हुए हैं। इन आवासीय प्रोजेक्ट में 41483 फ्लैट बॉयर्स के सपनों के घर अटके हुए हैं। इसी प्रकार ग्रेटर नोएडा शहर में 167 आवासीय प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्टस में 74645 फ्लैट बॉयर्स फंसे हुए हैं। कुल मिलाकर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में एक लाख 16 हजार 6083 फ्लैट अटके हुए हैं।
क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के पांच प्रमुख संपत्ति बाजारों में 378 आवासीय परियोजनाएं लटकी हुई हैं। रियल एस्टेट डाटा विश्लेषण फर्म प्रॉपइक्विटी के अनुसार, यूपी के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, जमा। लखनऊ और आगरा में रुकी हुई 378 आवासीय परियोजनाओं में 1,45,880 इकाइयां शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ ग्रेटर नोएडा में ही 167 परियोजनाएं रुकी हुई हैं, जिनमें 74,645 इकाइयां शामिल हैं। नोएडा में 103 रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं में 41,438 इकाइयां, जबकि गाजियाबाद में 15,278 इकाइयों के साथ 50 परियोजनाएं रुकी हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व गाजियाबाद दिल्ली-एनसीआर में महत्त्वपूर्ण संपत्ति बाजार हैं। इनके अलावा लखनऊ में 48 परियोजनाओं में 13,024 इकाइयां और आगरा में 10 परियोजनाओं में 1,495 इकाइयां रुकी हुई हैं। Noida News
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