Noida News : उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में दफ्तर खोलकर कुछ ही सालों में खाकपति से अरबपति बना पेटीएम का मालिक इस समय ED (प्रवर्तन निदेशालय) की रडार पर है। नोएडा शहर के सेक्टर-5 में कार्यालय चलाने वाले पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा के ऊपर भारी घोटाले के आरोप हैं। भारत सरकार के राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने संकेत दिए हैं कि पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा पर लगे आरोपों की जांच ED द्वारा कराई जाएगी। पेटीएम पर भारतीय रिजर्व बैंक पहले ही कार्यवाही शुरू कर चुका है। पेटीएम पर ED की कार्यवाही के संकेत मिलते ही नोएडा से लेकर देश भर में पेटीएम के कर्मचारियों में हडक़ंप मचा हुआ है।
मात्र 13 सालों में बना अरबपति
आपको बता दें कि वर्ष-2010 में नोएडा शहर में पेटीएम की स्थापना हुई थी। नोएडा के सेक्टर-5 में पेटीएम का मुख्यालय आज भी मौजूद है। वर्ष-2010 में मात्र 15 लाख रूपए की लागत से शुरू हुई पेटीएम कंपनी का मालिक विजय शेखर पिछले 13 वर्षों में अरबपति बन चुका है। अपनी स्थापना से लेकर अब तक पेटीएम अनेक बार विवाद में रही है। नया विवाद उस समय शुरू हुआ है जब भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग के नियमों को तोडक़र कंपनी चलाने वाले विजय शेखर शर्मा की कंपनी पेटीएम पर 1 मार्च 2024 से पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। इस घोषणा के बाद पेटीएम के मालिक ने नए-नए फंडे अपनाकर पेटीएम को चलाए रखने का दावा किया है। अब पेटीएम ईडी की रडार पर है
यह है वर्तमान हालत
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नोएडा में रहने वाले कंपनी कानून के विशेषज्ञ पी.के. चांद ने बताया कि पेटीएम की बैंकिंग सेवाओं पर आरबीआई के प्रतिबंध के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक बड़ी मुश्किलों में फंस सकता है। एजेंसियां इसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर सकती हैं।
पी.के.चांद ने बताया कि इन पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास ऐसे लाखों खाते थे, जिनमें केवाईसी (ग्राहक को जानो) नहीं की गई थी। एक हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं के खाते एक ही पैन कार्ड पर चल रहे थे।सूत्रों का कहना है कि इन खातों के जरिये पेटीएम पेमेंट्स बैंक में सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। आरबीआई ने इसी आधार पर शिकंजा कसा है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा का कहना है, पेटीएम पेमेंट्स बैंक में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है। यदि फंड की हेराफेरी का कोई नया आरोप सामने आया, तो कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय जांच करेगा।
पहले भी लगा है प्रतिबंध
आपको बता दें कि आरबीआई ने पेटीएम पर 20 जून, 2018 से कोई भी नया खाता और वॉलेट खोलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, दिसंबर, 2018 में प्रतिबंध हटा लिया गया था। इसके बाद भी कंपनी में अनियमितताओं की जानकारी आती रही। आरबीआई और ऑडिटर्स दोनों की जांच में पाया गया कि नियमों का पालन नहीं हो रहा है। गौरतलब है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से करीब 31 करोड़ निष्क्रिय हैं। लाखों खातों में केवाईसी अपडेट नहीं है।
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