Farmers Protest: क्या आज खत्म होगा किसान आंदोलन! संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाई आपात बैठक
आज हो रही है अहम बैठक. (pc- ani)
भारत
चेतना मंच
08 Dec 2021 04:53 PM
नई दिल्ली. किसान आंदोलन (Farmers Protest) पिछले एक साल से अधिक समय से जारी है. सरकार ने तीन कृषि कानून (Farm laws) तो वापस ले लिए हैं, लेकिन किसानों की अन्य मांगों की लेकर संगठनों और सरकार के बीच संशय की स्थिति है. इस पर चर्चा के लिए बुधवार को किसान संयुक्त मोर्चा (SKM) ने दिल्ली में सुबह 10:30 बजे आपात बैठक बुलाई. दोपहर 2 बजे भी एक बैठक प्रस्तावित थी. माना जा रहा है कि इसमें किसान आंदोलन के भविष्य पर फैसला हो सकता है. आज हो रही आपात बैठक के पैनल में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले, शिवकुमार कक्का शामिल हैं.
अब संयुक्त किसान मोर्चा न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) पर कमेटी को लेकर केंद्र सरकार से असंतुष्ट दिख रहा है. मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने भी दो टूक कहा था है कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा. यह पहले जैसा ही चलता रहेगा. बलबीर सिंह राजेवाल ने इस मामले में कहा है कि केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा है, उस पर चर्चा हुई थी.
जरूर पढ़ें: Farmers Protest: अभी खत्म नहीं होगा किसान आंदोलन, राकेश टिकैत का ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने यह प्रस्ताव पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.' उन्होंने साफतौर पर कहा है कि हमें एमएसपी पर ऐसी समितियों की जरूरत नहीं है, जो शुरू से ही हमारी मांग के विरोध में हैं. हमने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार ने कहा था कि वो हमारी मांगों को लेकर सहमत है और किसानों को अपना आंदोलन बंद करना चाहिए. लेकिन सरकार का प्रस्ताव अस्पष्ट है. हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर चर्चा के लिए बुधवार को दोपहर 2 बजे बैठक होगी. हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा, वो जैसा चल रहा था वैसा ही चलेगा.
राकेश टिकैत ने यह भी कहा था, 'संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा था कि कल की बैठक के बाद किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा. सरकार भी ऐसा करीब एक साल से कही रही है. लेकिन तब तक कोई अपने घर नहीं जाएगा, जब तक सभी मसले हल नहीं हो जाते हैं.'
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08 Dec 2021 04:53 PM
नई दिल्ली. किसान आंदोलन (Farmers Protest) पिछले एक साल से अधिक समय से जारी है. सरकार ने तीन कृषि कानून (Farm laws) तो वापस ले लिए हैं, लेकिन किसानों की अन्य मांगों की लेकर संगठनों और सरकार के बीच संशय की स्थिति है. इस पर चर्चा के लिए बुधवार को किसान संयुक्त मोर्चा (SKM) ने दिल्ली में सुबह 10:30 बजे आपात बैठक बुलाई. दोपहर 2 बजे भी एक बैठक प्रस्तावित थी. माना जा रहा है कि इसमें किसान आंदोलन के भविष्य पर फैसला हो सकता है. आज हो रही आपात बैठक के पैनल में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, अशोक धावले, शिवकुमार कक्का शामिल हैं.
अब संयुक्त किसान मोर्चा न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) पर कमेटी को लेकर केंद्र सरकार से असंतुष्ट दिख रहा है. मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने भी दो टूक कहा था है कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा. यह पहले जैसा ही चलता रहेगा. बलबीर सिंह राजेवाल ने इस मामले में कहा है कि केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा है, उस पर चर्चा हुई थी.
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संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने यह प्रस्ताव पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.' उन्होंने साफतौर पर कहा है कि हमें एमएसपी पर ऐसी समितियों की जरूरत नहीं है, जो शुरू से ही हमारी मांग के विरोध में हैं. हमने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार ने कहा था कि वो हमारी मांगों को लेकर सहमत है और किसानों को अपना आंदोलन बंद करना चाहिए. लेकिन सरकार का प्रस्ताव अस्पष्ट है. हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर चर्चा के लिए बुधवार को दोपहर 2 बजे बैठक होगी. हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा, वो जैसा चल रहा था वैसा ही चलेगा.
राकेश टिकैत ने यह भी कहा था, 'संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा था कि कल की बैठक के बाद किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा. सरकार भी ऐसा करीब एक साल से कही रही है. लेकिन तब तक कोई अपने घर नहीं जाएगा, जब तक सभी मसले हल नहीं हो जाते हैं.'
Omicron या Delta...कोरोना का कौन सा वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है, जानें WHO की राय
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 12:29 AM
नई दिल्ली. कोरोना (Corona) के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने दुनियाभर में डर का माहौल पैदा कर दिया है. हालांकि कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन (Omicron) ज्यादा संक्रामक है और बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने ओमिक्रॉन की क्या राय है. WHO ने इसको लेकर सभी आशंकाओं पर विराम लगा दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी ‘AFP’ से कहा है कि अभी इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, जिससे ओमिक्रॉन को इससे पहले सामने आ चुके कोरोना के अन्य वेरिएंटों से ज्यादा खतरनाक और तेज माना जाए.
ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलो में हो रही बढ़ोतरी, केंद्र सरकार ने खतरे को रोकने के लिए बढ़ाई सतर्कता
WHO के इमरजेंसिज डायरेक्टर माइकल रयान ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि अभी हमें ऐसी कोई भी जानकारी नहीं मिली है, जिसके आधार पर हम कह सकें कि ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को पहले आ चुके डेल्टा या अन्य वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा कहना जल्दबाजी होगी.
उन्होंने आगे बताया कि अभी हमें इस बात पर भी सोचना होगा कि जिस वक्त दुनियाभर में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट फैला था, उसी समय किसी भी देश के पास वैक्सीन नहीं थी. हालांकि अब हमारे पास उच्च क्षमता की वैक्सीन मौजूद है, जिन्होंने कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट पर बेहतर काम किया है. अभी से ये कहना कि वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट पर काम नहीं करेगी, इसका कोई ठोस आधार दिखाई नहीं पड़ता है.
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चेतना मंच
02 Dec 2025 12:29 AM
नई दिल्ली. कोरोना (Corona) के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने दुनियाभर में डर का माहौल पैदा कर दिया है. हालांकि कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन (Omicron) ज्यादा संक्रामक है और बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने ओमिक्रॉन की क्या राय है. WHO ने इसको लेकर सभी आशंकाओं पर विराम लगा दिया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक शीर्ष अधिकारी ने न्यूज एजेंसी ‘AFP’ से कहा है कि अभी इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, जिससे ओमिक्रॉन को इससे पहले सामने आ चुके कोरोना के अन्य वेरिएंटों से ज्यादा खतरनाक और तेज माना जाए.
ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलो में हो रही बढ़ोतरी, केंद्र सरकार ने खतरे को रोकने के लिए बढ़ाई सतर्कता
WHO के इमरजेंसिज डायरेक्टर माइकल रयान ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि अभी हमें ऐसी कोई भी जानकारी नहीं मिली है, जिसके आधार पर हम कह सकें कि ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है. उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को पहले आ चुके डेल्टा या अन्य वेरिएंट से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा कहना जल्दबाजी होगी.
उन्होंने आगे बताया कि अभी हमें इस बात पर भी सोचना होगा कि जिस वक्त दुनियाभर में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट फैला था, उसी समय किसी भी देश के पास वैक्सीन नहीं थी. हालांकि अब हमारे पास उच्च क्षमता की वैक्सीन मौजूद है, जिन्होंने कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट पर बेहतर काम किया है. अभी से ये कहना कि वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट पर काम नहीं करेगी, इसका कोई ठोस आधार दिखाई नहीं पड़ता है.
PM Modi: यूपी में एक माह के भीतर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे दर्जन भर सभाएं
भारत
चेतना मंच
27 Nov 2025 02:04 AM
राष्ट्रीय ब्यूरो, नईदिल्ली। यूपी में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव (UP Election)होने हैं। सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाला लिया है और अगले एक माह में सूबे में एक दर्जन से ज्यादा सभाएं कर सौगातों की बरसात करेंगे।
बतादें कि अभी तक पूर्वांचल के इलाके को मोदी ने कई सौगातें दी हैं। अब उनकी नजर पश्चिमी उत्तरप्रदेश, अवध और बुंदेलखंड के इलाकों पर हैं। यहां सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं तो कुछ प्रस्तावित हैँ। इन्हीं का शिलान्यास व लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री लगातार यूपी का दौरा करेंगे और कुछ नई योजनाओं की घोषणा भी करेंगे।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,प्रधानमंत्री का पहला दौरा 11 दिसम्बर को बलरामपुर में होने जा रहा है। जहां वे सरयू नहर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद 13 और 14 दिसम्बर को वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रहेंगे। वहां वे भव्य रूप में तैयार किए गए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। 18 दिसम्बर को वे अवध प्रांत में स्थित शाहजहांपुर जिले का दौरा करेंगे। यहां प्रधानमंत्री गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे। वहीं 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की जयंती पर कानपुर में मेट्रो रेल(Metro Rail) सेवा की शुरुआत करेंगे। इसी तरह जनवरी के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री बुंदेलखंड की यात्रा कर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे। जिसके लिए 95 फीसदी जमीन का अधिग्रहण सूबे की योगी सरकार पूरी कर चुकी है। इसके अलावा 7 या 8 जनवरी को वे लखनऊ जाएंगे,जहां भाजपा बड़ी रैली करने की तैयारी कर रही है। अगर तब तक चुनाव आचार संहिता नहीं लगी तो मोदी कई नई योजनाओं की भी घोषणा कर सकते हैं।
भारत
चेतना मंच
27 Nov 2025 02:04 AM
राष्ट्रीय ब्यूरो, नईदिल्ली। यूपी में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव (UP Election)होने हैं। सत्ता बरकरार रखने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाला लिया है और अगले एक माह में सूबे में एक दर्जन से ज्यादा सभाएं कर सौगातों की बरसात करेंगे।
बतादें कि अभी तक पूर्वांचल के इलाके को मोदी ने कई सौगातें दी हैं। अब उनकी नजर पश्चिमी उत्तरप्रदेश, अवध और बुंदेलखंड के इलाकों पर हैं। यहां सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं तो कुछ प्रस्तावित हैँ। इन्हीं का शिलान्यास व लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री लगातार यूपी का दौरा करेंगे और कुछ नई योजनाओं की घोषणा भी करेंगे।
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,प्रधानमंत्री का पहला दौरा 11 दिसम्बर को बलरामपुर में होने जा रहा है। जहां वे सरयू नहर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद 13 और 14 दिसम्बर को वे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रहेंगे। वहां वे भव्य रूप में तैयार किए गए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। 18 दिसम्बर को वे अवध प्रांत में स्थित शाहजहांपुर जिले का दौरा करेंगे। यहां प्रधानमंत्री गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे। वहीं 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की जयंती पर कानपुर में मेट्रो रेल(Metro Rail) सेवा की शुरुआत करेंगे। इसी तरह जनवरी के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री बुंदेलखंड की यात्रा कर बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करेंगे। जिसके लिए 95 फीसदी जमीन का अधिग्रहण सूबे की योगी सरकार पूरी कर चुकी है। इसके अलावा 7 या 8 जनवरी को वे लखनऊ जाएंगे,जहां भाजपा बड़ी रैली करने की तैयारी कर रही है। अगर तब तक चुनाव आचार संहिता नहीं लगी तो मोदी कई नई योजनाओं की भी घोषणा कर सकते हैं।