बाराबंकी में चलती बस पर गिरा पेड़, 5 की मौत, कई घायल

बाराबंकी में चलती बस पर गिरा पेड़, 5 की मौत, कई घायल
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calendar30 Nov 2025 12:44 PM
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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक दर्दनाक हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया। मूसलाधार बारिश के बीच यात्रियों से भरी एक रोडवेज बस पर भारी-भरकम पेड़ गिर गया। इस भीषण हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई जिनमें चार महिलाएं शामिल हैं। वहीं आधा दर्जन से अधिक यात्री घायल हुए हैं। Uttar Pradesh News 

टूटी खिड़कियां और जान बचाने की जद्दोजहद

जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी-हैदरगढ़ मार्ग पर हरख राजा बाजार के पास यह हादसा हुआ जब बस अपने नियमित रूट पर सवारियों को लेकर जा रही थी। अचानक तेज बारिश के बीच सड़क किनारे का पुराना पेड़ बस पर आ गिरा। एक ही पल में बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और भीतर चीख-पुकार मच गई। कई यात्री खिड़कियां तोड़कर किसी तरह बाहर निकले, लेकिन कई लोग बस के अंदर फंसे रह गए।

“जिंदगी का सवाल है, वीडियो मत बनाओ”

हादसे के वक्त का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला यात्री पेड़ की डालों में फंसी हुई मदद के लिए गुहार लगा रही है। वह कैमरे में बोलती है, “यहां जिंदगी और मौत का सवाल है आप लोग वीडियो बना रहे हैं… मदद क्यों नहीं कर रहे?” भीड़ में से कुछ लोगों ने वीडियो बना रहे युवक को वहां से हटा भी दिया।

पेड़ काटकर बाहर निकाले गए यात्री

बारिश के चलते बचाव कार्य में देरी हुई। जिला प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और पेड़ को काटकर बस में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला गया। CMO ने 5 लोगों की मौत की पुष्टि की है। गंभीर रूप से घायल दो यात्रियों का इलाज चल रहा है। मरने वालों में एक महिला शिक्षिका भी शामिल हैं जो ट्रेनिंग पर छुट्टी होने के बावजूद ब्लॉक ऑफिस के आदेश पर स्कूल जा रही थीं। हादसे का यह पहलू भी चर्चा में है, जिससे लापरवाह नौकरशाही पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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जांच के आदेश

प्रशासन ने बताया कि बस बाराबंकी से हैदरगढ़ की ओर जा रही थी। हादसे के बाद मार्ग पर लंबा जाम लग गया, जिसे रेस्क्यू टीम ने साफ कराया। फिलहाल यातायात सामान्य हो चुका है। जिला प्रशासन ने हादसे की विवेचना और जिम्मेदारियों की जांच के आदेश दिए हैं। बाराबंकी की यह घटना सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे और मानवीय संवेदनाओं की कसौटी पर उठता एक सवाल है। पुराने पेड़ों की नियमित जांच, सुरक्षित सफर की गारंटी और संकट में मदद के लिए खड़े होने का जज्बा इन सभी पर समाज को फिर से सोचना होगा। Uttar Pradesh News 
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सठिया गया है अमेरिकी बुड्ढा डोनाल्ड ट्रंप, हुआ बड़ा खुलासा

सठिया गया है अमेरिकी बुड्ढा डोनाल्ड ट्रंप, हुआ बड़ा खुलासा
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:56 AM
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) सठिया गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप की उम्र 79 साल की है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उम्र बुढ़ापे में सठियाने वाली उम्र है। डोनाल्ड ट्रंप सठिया गया है इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी गलत नीतियों के कारण अपने देश अमेरिका को ही मुसीबत में डाल रहा है। जब कोई व्यक्ति पेड़ की उसी डाल को काटता है जिस डाल पर वह बैठा होता है तो उसका साफ मतलब निकलता है कि वह व्यक्ति मानसिक रूप तथा भावनात्मक रूप से कमजोर हो गया है। दुनिया भर के विशेषज्ञों का मत है कि डोनाल्ड ट्रंप विभिन्न देशों के ऊपर अनाप-शनाप टैरिफ लगाकर अमेरिका का बहुत बड़ा नुकसान कर रहा है। Donald Trump

बुढ़ापे में सठिया जाना बहुत आम समस्या है

अमेरिका का बुड्ढा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुढापे में सठिया गया है। दुनिया भर में हुई खोज बताती है कि उम्र  बढ़ने के कारण दिमाग की शक्ति कमजोर हो जाती है। दिमाग की शक्ति कम होने की प्रक्रिया 60 वर्ष की उम्र के बाद शुरू हो जाती है। इसी कारण इस अवस्था को आम बोलचाल की भाषा में सठियाना (60 वर्ष से ऊपर का होना) बोला जाता है। एक सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, 60 वर्ष की उम्र के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप उल्टे-सीधे फैसले करता रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे उल्टा फैसला भारत के ऊपर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लागू करके किया है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर हाल ही में 50 प्रतिशत तक का टैरिफ थोप दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के विरूद्ध यह कार्यवाही करके भारत तथा अमेरकिा के रिश्तों को बिगाड़ दिया है। इस बिगाड़ के बाद भारत ने अमेरिका में सबसे बड़े दुश्मन चीन के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है। इस पूरी प्रक्रिया के कारण डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ही देश का बड़ा भारी कूटनीतिज्ञ नुकसान कर दिया है।

वर्ष-2019 से शुरू कर दिया था ट्रंप ने भारत विरोधी अभियान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत विरोधी रूख नया नहीं है। वर्ष-2019 से डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत का विरोधी बना हुआ है। दुनिया भर के विशलेषकों का स्पष्ट मत है कि भारत के ऊपर उल्टा-सीधा टैरिफ लगाने के पीछे डोनाल्ड ट्रंप का सठियाना ही है। भारत जैसे देश के ऊपर गलत टैरिफ थोपकर डोनाल्ड ट्रंप इतने महान देश पर द्विपक्षीय व्यापार समझौता (BTA) थोपना चाहता है। दुनिया जानती है कि भारत इस दबाव में आने वाला देश नहीं है। आपको बता दें कि ट्रंप ने अक्तूबर 2019 में भारत को टैरिफ किंग करार दिया था और कहा था कि भारत अपने सामानों पर बहुत ज्यादा शुल्क वसूलता है। सितंबर 2024 में भारत को टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला बताया। ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद व्हाइट हाउस ने 7 अगस्त से भारत पर प्रभावी 25 प्रतिशत  टैरिफ का आदेश जारी 'किया। फिर रूसी तेल खरीदने के कारण 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे टैरिफ बढक़र 50 प्रतिशत पर पहुंच गया। हालांकि यह 27 अगस्त से लागू होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ प्लान का भारत पर असर जरूर पड़ेगा

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लॉन का भारत पर असर जरूर पड़ेगा। यहां हम छोटे से उदाहरण से समझ सकते हैं कि भारत के ऊपर डोनाल्ड ट्रंप  के टैरिफ का जिस प्रकार से असर पड़ेगा। एक उदाहरण देते हुए समुद्री खाद्य निर्यातक योगेश गुप्ता का मान है कि अमेरिकी बाजार में भारत की झींगा मछली-महंगी हो जाएगी। भारतीय वेस्त्र उद्योग परिसंघ इसे कपड़ा उद्योग के लिए बड़ा झटका मान रहा है। इसके संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि अमेरिका में भारतीय सामान महंगा हो जाएगा। इससे भारत से होने वाले निर्यात में 40-50 प्रतिशत की कमी आने के आसार हैं। भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) का मानना है कि इसका असर अमेरिका को होने वाले भारत के 55 प्रतिशत निर्यात पर पड़ेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर जो टैरिफ थोपा है उससे ब्राजील के साथ-साथ भारत पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होगा। ये भारत के प्रतिस्पर्धी देशों को अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में ला सकता है, क्योंकि उन पर कम टैरिफ लागू है। इससे म्यांमार (40 प्रतिशत), थाईलैंड व कंबोडिया (36 प्रतिशत), बांग्लादेश (35 प्रतिशत), इंडोनेशिया (32 प्रतिशत), चीन और श्रीलंका (30 प्रतिशत), मलयेशिया (25 प्रतिशत), फिलीपीन और वियतनाम (दोनों 20प्रतिशत) को फायदा हो सकता है। 7 अगस्त से अमेरिका पहुंचने वाले भारतीय सामानों पर 25  प्रतिशत  (10  प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ सहित) और एमएफन (सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र) दरों के साथ ही व्यापार उपाय दरें भी लागू होंगी। बतौर उदाहरण, भारत के झींगा निर्यात पर शून्य एमएफएन है। लेकिन इस पर 2.49  प्रतिशत  एंटी-डंपिंग और -5.77  प्रतिशत प्रतिकारी शुल्क (अमेरिकी व्यापार उपाय) लगता है। 7 अगस्त से झींगा पर 33:26 प्रतिशत शुल्क (25  प्रतिशत+ 2.49  प्रतिशत + 5.77  प्रतिशत) लगेगा।

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डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर थोपा है टैरिफ पर टैरिफ

आपको यह भी बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप  ने भारत पर टैरिफ पर टैरिफ भी थोपा है। अमेरिका ने तीन श्रेणियों पर क्षेत्र-विशिष्ट टैरिफ भी लगाए हैं-स्टील और एल्युमीनियम (50 प्रतिशत), तांबा (50 प्रतिशत) और ऑटो पार्ट्स (25 प्रतिशत)। ये भी अतिरिक्त शुल्क हैं। यानी कोई शुल्क लगता है तो ये उससे अतिरिक्त होंगे। थिंक टैंक जीटीआरआई के मुताबिक, 50त्न का उच्च टैरिफ तैयार दवाओं, सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) और अन्य प्रमुख दवा इनपुट; कच्चे तेल जैसे ऊर्जा उत्पाद, परिष्कृत ईंधन, प्राकृतिक गैस, कोयला एवं बिजली; महत्वपूर्ण खनिज, और कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन, फ्लैट पैनल डिस्प्ले और इंटीग्रेटेड सर्किट पर लागू नहीं होगा। कपड़ा/ परिधान, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा एवं जूते, रसायन और विद्युत एवं यांत्रिक मशीनरी।
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गाजा पर पूर्ण कब्जे की योजना, बंधकों के परिजनों ने जताई गहरी नाराजगी

गाजा पर पूर्ण कब्जे की योजना, बंधकों के परिजनों ने जताई गहरी नाराजगी
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calendar30 Nov 2025 06:49 AM
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प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गाजा में पूर्ण कब्जे की योजना को लेकर इजराइल में माहौल गर्म है। सुरक्षा मंत्रिमंडल ने कई घंटे चली मैराथन बैठक के बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, लेकिन फैसले के साथ ही देशभर में विरोध की लहर दौड़ गई।  Israel Iran War

परिजनों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

CNN की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में हमास के कब्जे में मौजूद 50 बंधकों के परिजनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका आरोप है कि यह कदम बंधकों की जिंदगी को दांव पर लगाने जैसा है। "ये फैसला हमारी आंखों में देखकर लेना चाहिए था। यह समय युद्ध बढ़ाने का नहीं, बल्कि सभी बंधकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए समझौता करने का था," बंधक एवं लापता परिवार मंच ने कड़े शब्दों में कहा।

यरुशलम में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर परिजन टखनों और कलाइयों में मोटी जंजीरें डालकर पहुंचे। मीरान-लावी, जिनके पति ओमरी मीरान 22 महीनों से गाजा में कैद हैं, ने भावुक अपील करते हुए कहा, "हमें अंदर आने दो, हमारी आंखों में देखो और बताओ कि तुम क्या करने वाले हो? लेकिन एक बार फिर, हमें कोई जवाब नहीं मिला।  Israel Iran War

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कई सभाओं में तेज हुआ विरोध प्रदर्शन

तेल अवीव और कई कस्बों में नुक्कड़ सभाओं से लेकर सड़कों पर विरोध तक, प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। दक्षिणी इजराइल के किबुत्ज नीर ओज में तो पुनर्निर्माण कार्य भी रोक दिया गया है। यह वही इलाका है, जो 7 अक्टूबर 2023 को हमास हमलों में सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ था। यहां के प्रतिनिधियों ने कहा, "अब बस कहने का समय आ गया है। यह फैसला इतिहास में कलंक की तरह दर्ज होगा।

उधर, हमास ने भी चेतावनी दी है कि नेतन्याहू की यह आक्रामक योजना बंधकों को बलिदान करने जैसी है। इजराइल रक्षा बल (IDF) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने भी प्रधानमंत्री को आगाह किया कि गाजा पर पूर्ण कब्जा सेना को लंबे समय तक वहां फंसा देगा और बंधकों की जान खतरे में डाल देगा। गुरुवार को जमीर ने सेना और राजनीतिक नेतृत्व के बीच गहराते मतभेदों को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया।  Israel Iran War