दिवाली से पहले खुशखबरी! DA Hike पर कैबिनेट कर सकती है बड़ा ऐलान

दिवाली से पहले खुशखबरी! DA Hike पर कैबिनेट कर सकती है बड़ा ऐलान
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:46 AM
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दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी आ सकती है। महंगाई भत्ते (DA) में संभावित बढ़ोतरी को लेकर आज एक अहम अपडेट सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों और पेंशनर्स के डीए/डीआर में बढ़ोतरी को मंजूरी दी जा सकती है। अगर यह फैसला पारित होता है, तो बढ़ोतरी 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएगी, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की दिवाली और भी खास बन जाएगी। सैलरी में यह बंपर इजाफा न सिर्फ उनके खर्चे और बजट में राहत देगा, बल्कि त्योहारों के इस सीजन को उनके लिए और भी रोशन बना देगा।   DA Hike Update

2025 का दूसरा DA Hike हो सकता है लागू

देश में फेस्टिव सीजन की धूम मची हुई है और सरकार ने पहले ही GST सुधारों के जरिए आम जनता को राहत दी है। अब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की उम्मीद बढ़ गई है। सरकार साल में दो बार DA में संशोधन करती है और इस साल का दूसरा DA Hike आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी पा सकता है। हाल ही में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी एवं श्रमिक परिसंघ ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इसे जल्द लागू करने का आग्रह किया था।

जानकारी के मुताबिक, जनवरी में कर्मचारियों को 2% का पहला DA Hike मिला था, जिससे महंगाई भत्ता 53% से बढ़कर 55% हो गया था। अब सूत्रों की मानें तो इसमें 3% और इजाफे की संभावना है, जिससे यह 58% तक पहुंच सकता है। इस बढ़ोतरी से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को सीधे लाभ मिलेगा। साथ ही, तीन महीने का एरियर भी उनके खातों में जमा होगा, जो दिवाली के इस त्योहार को उनके लिए और भी खास बना देगा।

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₹18,000 बेसिक सैलरी में कितना होगा इजाफा

एंट्री लेवल कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपये मानते हुए, वर्तमान 55% DA के तहत महंगाई भत्ता 9,900 रुपये है। अगर कैबिनेट आज 58% DA को मंजूरी देती है, तो यह भत्ता बढ़कर 10,440 रुपये प्रति माह हो जाएगा। यानी कर्मचारियों की जेब में हर महीने 540 रुपये का अतिरिक्त लाभ जुड़ जाएगा। यह बढ़ोतरी न केवल सैलरी में इजाफा है, बल्कि त्योहारों के इस सीजन में कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक छोटा लेकिन खास “दिवाली गिफ्ट” साबित होगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर और MSP पर भी हो सकते बड़े ऐलान

आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सिर्फ DA बढ़ोतरी ही नहीं, बल्कि कई बड़े और अहम फैसले भी सामने आ सकते हैं। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी, रबी फसलों की MSP में बढ़ोतरी और अगले छह साल में दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए 11,000 करोड़ रुपये की योजना शामिल हो सकती है। इसके अलावा, असम में 35 किलोमीटर लंबी चार लेन की एलिवेटेड हाईवे परियोजना को भी हरी झंडी मिलने की संभावना है, जिसकी लागत 7,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं। अगर DA Hike को मंजूरी मिलती है, तो यह उनके लिए दिवाली से पहले सबसे बड़ा तोहफा साबित होगा, जो न सिर्फ उनकी सैलरी में इजाफा करेगा बल्कि त्योहारों के मौसम को उनके लिए और भी खास बना देगा।     DA Hike Update

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बिहार में फिर फिसली कांग्रेस! क्या डुबोएगी महागठबंधन की नैया?

बिहार में फिर फिसली कांग्रेस! क्या डुबोएगी महागठबंधन की नैया?
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userचेतना मंच
calendar01 Oct 2025 01:18 PM
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आए JVC ओपिनियन पोल ने एक बार फिर महागठबंधन के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सर्वे में यह साफ संकेत मिला है कि कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन इस बार भी राजद के लिए गले की फांस बन सकता है। तमाम कोशिशों और आक्रामक प्रचार के बावजूद राहुल गांधी की रणनीति मतदाताओं को नहीं भा सकी और कांग्रेस की सियासी जमीन लगातार खिसकती दिख रही है। Bihar Election 2025 

राहुल गांधी की रणनीति फेल?

राहुल गांधी ने इस बार ‘वोट चोरी’ और SIR जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की भरपूर कोशिश की। 16 अगस्त से 3 सितंबर तक बिहार दौरे में तेजस्वी यादव के साथ मिलकर उन्होंने कई तीखे हमले किए लेकिन JVC सर्वे के अनुसार, 52% मतदाताओं ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। इसका मतलब साफ है कि राहुल गांधी का आक्रामक रवैया लोगों को प्रभावित नहीं कर पाया। ऐसे में राजद की उम्मीदें कमजोर कांग्रेस के भरोसे कितनी टिक पाएंगी यह बड़ा सवाल बन गया है।

कांग्रेस को तगड़ा झटका

सर्वे में सीटों का जो गणित सामने आया है, वह कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है। राजद को 57-71 सीटें मिलने की संभावना है। कांग्रेस सिर्फ 11-14 सीटों पर सिमट सकती है। महागठबंधन की कुल सीटें 81-103 के बीच रहने की संभावना है। इसके मुकाबले एनडीए गठबंधन मजबूत स्थिति में है भाजपा को 66-77 सीटें, जदयू को 52-58 सीटें कुल मिलाकर NDA को 131-150 सीटों का अनुमान है। यह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस की कमजोरी महागठबंधन को निर्णायक बढ़त से दूर कर रही है।

मुख्यमंत्री की रेस में कौन आगे?

मुख्यमंत्री पद को लेकर जनता की राय भी तेजस्वी यादव के लिए चिंता की बात है। नीतीश कुमार को 27% लोगों ने पहली पसंद बताया। तेजस्वी यादव 25% के साथ दूसरे नंबर पर हैं। प्रशांत किशोर को भी 15% लोगों का समर्थन मिला है जो उन्हें ‘X-फैक्टर’ बना सकता है। इसके अलावा चिराग पासवान (11%) और सम्राट चौधरी (8%) जैसे नाम भी इस दौड़ में मौजूद हैं। नीतीश कुमार की लोकप्रियता और सीट अनुमान दोनों ही संकेत देते हैं कि वह अब भी बिहार की सियासत में मजबूती से टिके हुए हैं।

जन सुराज पार्टी की दस्तक

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को इस चुनाव में 10-11% वोट शेयर और 4-6 सीटें मिल सकती हैं। यह प्रदर्शन अगर हुआ तो यह न केवल महागठबंधन बल्कि एनडीए की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है। उनका वोट शेयर कई सीटों पर खेल बिगाड़ सकता है।

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क्या फिर डुबोएगी कांग्रेस की 'नाव'?

JVC का ताजा सर्वे यह स्पष्ट कर रहा है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर महागठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी बन सकती है। अगर रणनीति में बदलाव नहीं किया गया तो तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा कांग्रेस की गिरती साख ही साबित हो सकता है। बिहार की जमीनी राजनीति में अब यह तय करना बाकी है कि क्या तेजस्वी कांग्रेस के साथ पुराने फॉर्मूले पर आगे बढ़ेंगे या कोई नया समीकरण गढ़ेंगे। Bihar Election 2025 
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भारतीय रिजर्व बैंक से आई बुरी खबर, करोड़ों नागरिकों को दिया बड़ा झटका

भारतीय रिजर्व बैंक से आई बुरी खबर, करोड़ों नागरिकों को दिया बड़ा झटका
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 02:48 AM
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बुरी खबर आई है। RBI से आने वाली बुरी खबर के कारण भारत के करोड़ों नागरिकों को बड़ा झटका लगा है। भारत के करोड़ों नागरिक RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग के ऊपर निगाहें गड़ाए हुए थे। सबको उम्मीद थी कि 1 अक्टूबर को RBI भारत के नागरिकों को बड़ी खुशखबरी देगा। भारत के नागरिकों की उम्मीद के विपरीत RBI ने 1 अक्टूबर को बुरी खबर दी है। RBI की MPC की दो दिन चली बैठक के बाद RBI ने भारत के नागरिकों को बहुत बड़ा झटका दिया है।  Repo MPC Meeting

RBI ने नहीं घटाए रेपो रेट

RBI की दो दिन तक चली MPC की मीटिंग के बाद RBI ने घोषणा की है कि मीटिंग में रेपो रेट को नहीं घटाने का फैसला किया गया है। RBI की MPC के इस फैसले का अर्थ यह हुआ कि भारत में रेपो रेट पहले की तरह 5.5 प्रतिशत पर ही कायम रहेंगे। रेपो रेट नहीं घटने के कारण बैंकों से  लोन लेकर EMI भरने वालों को EMI में कोई छूट फिलहाल नहीं मिलेगी। EMI में छूट की उम्मीद लगा बैठे करोड़ों भारतीयों को RBI ने जोरदार झटका दिया है। रेपो रेट कम होने की उम्मीद कर रहे भारत के नागरिक RBI की MPC के फैसले से बेहद निराश हुए हैं।    Repo MPC Meeting

बड़ी उम्मीद थी भारत के नागरिकों को RBI की MPC से 

भारत के नागरिकों को RBI की MPC से बहुत बड़ी उम्मीद थी। हर किसी को लग रहा था कि 1 अक्टूबर को RBI की MPC के नतीजे रेपो रेट घटने वाले होंगे। रेपो रेट घट जाने से EMI का बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। RBI की MPC की बैठक के बाद RBI ने घोषणा कर दी है कि रेपो रेट 5.5 प्रतिशत की दर पर कायम रहेंगे। इस घोषणा ने भारत के नागरिकों को बहुत निराश किया है।

बड़ी संभावना जताई गई थी RBI की MPC की बैठक को लेकर

आपको बता दें कि RBI की MPC की बैठक 29 सितंबर 2025 को शुरू हुई थी। RBI की यह बैठक 30 सितंबर की शाम तक चली। इस बैठक को लेकर चेतना मंच ने भी विस्तार से समाचार प्रकाशित किया था। चेतना मंच के समाचार में बताया गया था कि  RBI  की मौद्रिक बैठक को लेकर अनेक प्रकार के अनुमान लगाए जा रहे हैं। RBI की मौद्रिक समिति की बैठक में रेपो रेट कम करने का बड़ा फैसला हो सकता है। वर्तमान समय में रेपा रेट 5.50 प्रतिशत है। इस कारण बैंकों से लोन लेने वालों को महंगी EMI देनी पड़ रही है। चेतना मंच ने कहा था कि अनुमान लगाया जा रहा है कि RBI रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत  तक कम कर सकता है। रेपो रेट कम होने से बैंकों से लोन लेने वालों की EMI यानि की प्रति माह दी जाने वाली किश्त कम हो सकती है। इस बीच कुछ विशेषज्ञों की दूसरी राय भी सामने आई है। दूसरी राय वाले विशेषज्ञों का कहना है कि RBI रेपो रेट को ज्यों का त्यों रखने का फैसला कर सकता है।

क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट की चर्चा चल रही है। हो सकता है कि आप  के रेपो रेट को नहीं भी जानते हों। हम आपको आसान शब्दों में बता देते हैं कि रेपो रेट क्या होता है? रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) देश के बैंकों को अल्पकालिक (Short Term) ऋण प्रदान करता है। जब बैंकों को पैसों की कमी होती है तो वे अपने सिक्योरिटीज (जैसे सरकारी बॉन्ड) को गिरवी रखकर RBI से पैसे उधार लेते हैं। इस उधार पर RBI जो ब्याज दर वसूलता है, वही रेपो रेट कहलाती है।RBI समयसमय पर रेपो रेट में बदलाव करके अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करता है। जैसे रेपो रेट बढ़ाना: जब महंगाई ज़्यादा होती है, तो RBI रेपो रेट बढ़ा देता है। इससे बैंकों को महंगा ऋण मिलता है और वे आम जनता को भी ऊँचे ब्याज पर लोन देते हैं। इससे बाज़ार में पैसे का प्रवाह कम हो जाता है और महंगाई घटाने में मदद मिलती है। रेपो रेट घटाना: जब आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की ज़रूरत होती है, तो RBI रेपो रेट घटा देता है। इससे बैंक सस्ते ऋण लेते हैं और लोगों को भी कम ब्याज पर लोन देते हैं। नतीजतन, बाज़ार में पैसों की उपलब्धता बढ़ जाती है।

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रेपो रेट का असर आम जनता पर

जैसे रेपो रेट बढ़ाना: जब महंगाई ज़्यादा होती है, तो क्रक्चढ्ढ रेपो रेट बढ़ा देता है। इससे बैंकों को महंगा ऋण मिलता है और वे आम जनता को भी ऊँचे ब्याज पर लोन देते हैं। इससे बाज़ार में पैसे का प्रवाह कम हो जाता है और महंगाई घटाने में मदद मिलती है। रेपो रेट घटाना: जब आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की ज़रूरत होती है, तो क्रक्चढ्ढ रेपो रेट घटा देता है। इससे बैंक सस्ते ऋण लेते हैं और लोगों को भी कम ब्याज पर लोन देते हैं। नतीजतन, बाज़ार में पैसों की उपलब्धता बढ़ जाती है।  Repo MPC Meeting

रेपो रेट का असर आम जनता पर

(1) रेपो रेट सीधेसीधे आम आदमी की ज़िंदगी को प्रभावित करती है। (2) होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI रेपो रेट बढ़ने पर महंगी हो जाती है। (3) रेपो रेट घटने पर EMI सस्ती हो जाती है। (4) निवेशकों, व्यापारियों और उद्योगों के लिए भी इसका सीधा असर पड़ता है। (5) रेपो रेट: RBI बैंकों को पैसे देता है। (6) रिवर्स रेपो रेट: बैंक अपने अतिरिक्त पैसे को RBI के पास जमा करते हैं और उस पर ब्याज पाते हैं    Repo MPC Meeting