आवारा कुत्तों की पहचान: कौन है खतरनाक कौन नहीं ? जानें ये आसान तरीका

आवारा कुत्तों की पहचान: कौन है खतरनाक कौन नहीं ? जानें ये आसान तरीका
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calendar23 Aug 2025 10:30 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों, विशेष रूप से पागल और हिंसक प्रवृत्ति वाले कुत्तों से निपटने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट के आदेशानुसार, स्थानीय अधिकारी अब नियमों के तहत पालतू और आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और कृमिनाशक इलाज के बाद उन्हें वहीं क्षेत्र में लौटाने का काम करेंगे। लेकिन यदि कोई कुत्ता खतरनाक या पागल साबित होता है, तो उसे वापस छोड़ा नहीं जाएगा। भारत में पागल कुत्तों की पहचान स्थानीय प्रशासन, नगरपालिका नियमों और वैधानिक प्रावधानों के तहत होती है। पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम के अनुसार, रेबीज से संदिग्ध कुत्तों को चिन्हित कर सुरक्षित तरीके से अलग रखा जा सकता है।  Stray Dogs

पागल कुत्तों की पहचान

अधिकारी और पशु चिकित्सा विशेषज्ञ प्रशिक्षित होते हैं ताकि कुत्तों के व्यवहार और शारीरिक लक्षणों के आधार पर उनकी पहचान की जा सके। प्रमुख संकेत हैं:

  • अनावश्यक आक्रामकता या लगातार हमला करना

  • आवाज में बदलाव या लगातार भौंकना

  • लार का असामान्य रूप से बहना, मुंह से झाग निकलना

  • असामान्य चलना या लड़खड़ाना

  • आसपास के इलाके की पहचान में कमी

  • जबड़े का ढीला पड़ना

  • आंखों में खालीपन या भ्रम की स्थिति

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रेबीज के संदिग्ध कुत्तों की प्रक्रिया

यदि किसी कुत्ते में रेबीज के लक्षण दिखाई दें, तो स्थानीय प्रशासन द्वारा नियुक्त पशु चिकित्सक और पशु कल्याण संगठन के प्रतिनिधि शामिल एक विशेष पैनल उसकी जांच करता है। पैनल द्वारा खतरा पाया जाने पर कुत्ते को अलग रखा जाता है और लगभग 10 दिनों तक निगरानी की जाती है। इस दौरान गंभीर स्थिति वाले कुत्तों की मृत्यु हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार हिंसक कुत्तों की अलग श्रेणी बनाने का निर्देश दिया है। इसमें वे कुत्ते शामिल होंगे जो बार-बार काटने की घटनाओं में शामिल होते हैं या लगातार ऐसी आक्रामकता दिखाते हैं, जिससे लोगों के लिए खतरा उत्पन्न होता है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति या संस्था को अधिकारियों के कार्य में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी, ताकि उनका काम बिना बाधा के जारी रह सके।  Stray Dogs

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चाणक्य नीति को मान लिया तो बन जाएंगे तुरंत धनवान

चाणक्य नीति को मान लिया तो बन जाएंगे तुरंत धनवान
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calendar23 Aug 2025 10:11 AM
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आचार्य चाणक्य का नाम सबने सुना है। आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर विषय पर नीतियां बनाई हैं। उनके द्वारा बनाई गई नीति चाणक्य नीति के नाम से प्रसिद्ध है। चाणक्य नीति के द्वारा कोई भी नागरिक अपने जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है। शर्त यह है कि आचार्य चाणक्य नीति का पूरी तरह से पालन किया जाए। Chanakya neeti

जीवन में धनवान बनने के लिए चाणक्य नीति के 5 सूत्र

चाणक्य नीति एक पूरा ग्रंथ है। चाणक्य नीति में वह सब कुछ बताया गया है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन से बेहतरीन बना सकते हैं। पूरी चाणक्य नीति को यहां प्रकाशित करना संभव नहीं है। ऐसे में हम  आपको आचार्य चाणक्य द्वारा जीवन में बड़ा बनने के लिए निर्धारित चाणक्य नीति के 5 सूत्र बता रहे हैं।.....

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-1

गुस्से पर काबू करें : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुस्सा इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी होता है। गुस्से में इंसान सहीऔर गलत का फर्क भूल जाता है और कई बार ऐसे फैसले ले लेता है, जिनका पछतावा जिंदगी भर करना पड़ता है। उनका कहना है कि यदि जीवन में सफल होना है, तो गुस्से पर काबू जरूर पाएं।

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-2

आलस न करें : आचार्य चाणक्य अपनी चाणक्य नीति में कहते हैं कि आलस के कारण इंसान सफलता हासिल नहीं कर पाता है। आलस की वजह से इंसान मेहनत नहीं कर पाता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, आलस इंसान को गरीबी, असफलता और अपमान की ओर ले जाता है। ऐसे में इंसान को मेहनत से नहीं चूकना चाहिए।

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-3

गलत संगति करना : चाणक्य नीति में कहा गया है कि जैसा संग होता है, जीवन भी उसी तरह हो जाता है। गलत संगति इंसान के चरित्र और सोच को खराब कर देती है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, सफलता की चाह रखने वाले लोगों को हमेशा अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ रहना चाहिए।

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आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-4

समय का अधिक महत्व करें : चाणक्य नीति में बताया गया है कि आचार्य चाणक्य के मुताबिक, समय सबसे बड़ा बलवान होता है। उनका कहना है कि एक बार समय निकल जाने के बाद वह वापस नहीं आता है। ऐसे में जो व्यक्ति समय का सही उपयोग करता है, वह जीवन में आगे बढ़ता है और सफल होता है।

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-5

लक्ष्य को कभी न भूलें : चाणक्य नीति में कहा गया है कि हर सुबह उठते ही सबसे पहले अपने लक्ष्य को याद करें। इससे दिनभर की ऊर्जा एक सही दिशा में लगती है। जब हमें पता होता है कि हमें क्या हासिल करना है, तो हमारा मन भटकता नहीं और हम ज्यादा फोकस होकर काम करते हैं।   Chanakya neeti
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बेहद चमत्कारी पौधा है गिलोय, अमृता भी है इसका नाम

बेहद चमत्कारी पौधा है गिलोय, अमृता भी है इसका नाम
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calendar01 Dec 2025 05:24 AM
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गिलोय के पौधे का नाम आपने जरूर सुना होगा। भारत के महापुरूषों के अनुसार गिलोय का पौधा अमृत प्रदान करने वाला पौधा है। इसी कारण गिलोय को अमृता नाम भी दिया गया है। आयर्वुेद के बड़े से बड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि गिलोय का सेवन करने से कोई भी व्यक्ति जीवन भर जवान बना रह सकता है। गिलोय का पौधा बेल की तरह बढ़ता है और यह नीम या पेड़-पौधों पर चढक़र फैलता है। Giloy Plant आयुर्वेद में इसे रोगों से लड़नेऔर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना गया है। जब भी बात कमजोर इम्यूनिटी की आती है तो गिलोय की चर्चा जरूर होती है. लेकिन, हर चीज  की तरह गिलोय के भी फायदे और कुछ नुकसान हो सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि गिलोय के फायदे और नुकसान क्या है? गिलोय का सेवन करने का तरीका क्या है? बढ़ाता है इम्यूनिटी : गिलोय को प्राकृतिक इम्यूनिटी बूस्टर कहा जाता है. नियमित सेवन से शरीर संक्रमण और मौसमी बीमारियों से बचा रह सकता है. बुखार में है रामबाण : डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार में गिलोय का काढ़ा पीना फायदेमंद माना जाता है. यह प्लेटलेट्स की संख्या को बनाए रखने में मदद करता है और बुखार की तीव्रता को कम करता है। पेट को कर दे हल्का और हेल्दी : कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में गिलोय उपयोगी है।यह पाचन क्रिया को दुरुस्त कर पेट को हल्का और हेल्दी बनाए रखता है. शुगर कंट्रोल में मददगार : गिलोय ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है। इसलिए इसे मधुनाशिनी भी कहा जाता है। फायेदमंद है त्वचा और बालों के लिए : इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को ग्लोइंग और बालों को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। दूर कर दे जोड़ों का दर्द : गठिया, जोड़ों का दर्द और सूजन जैसी समस्याओं में गिलोय का सेवन लाभकारी माना गया है। थकान दूर भगाए : गिलोय दिमाग को शांत करने और तनाव कम करने में मदद करता है. यह स्लीप क्वालिटी को भी बेहतर बनाता है।

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गिलोय के पौधे के फायदे हैं तो नुकसान भी

बहुत ज्यादा सेवन से लिवर पर असर : ज्यादा मात्रा में गिलोय लेने से लिवर पर दबाव पड़ सकता है. कुछ मामलों में हेपेटोटॉक्सिसिटी (लिवर डैमेज) के केस सामने आए हैं। ब्लड शुगर बहुत कम कर सकता है : डायबिटीज के मरीज अगर गिलोय का जरूरत से ज्यादा सेवन करें तो ब्लड शुगर बहुत नीचे गिर सकता है। ऑटोइम्यून बीमारियों में नुकसान: जिन्हें रूमेटाइड आर्थराइटिस या लुपस जैसी बीमारियां हैं, उनके लिए गिलोय का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सावधानी : गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान इसका सेवन बिना डॉक्टर की राय के नहीं करना चाहिए।

सावधानी से करें गिलोय का सेवन

गिलोय का काढ़ा: इसकी ताजा डंठल या सूखे पाउडर से काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। गिलोय का जूस : बाजार में गिलोय का जूस उपलब्ध है। सुबह खाली पेट आधा कप जूस लेना लाभकारी है। गिलोय पाउडर: इसे पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है। गिलोय की गोली: आयुर्वेदिक दवाइयों में गिलोय की गोलियां भी आती हैं जिन्हें निर्देश अनुसार लिया जा सकता है।    Giloy Plant