बड़ा दांव : योगी कैबिनेट के 15 फैसले, यूपी की तस्वीर बदलने की तैयारी

आउटसोर्सिंग व्यवस्था में पारदर्शिता
अब तक शिकायतें रही हैं कि आउटसोर्स कर्मचारियों को न तय वेतन मिलता था, न ही ईपीएफ-ईएसआई जैसी सुविधाएं। नई व्यवस्था में चयन प्रक्रिया पूरी तरह निगम के जरिए होगी, वेतन सीधे खातों में जाएगा और कर्मचारियों को 16 से 20 हजार रुपये मासिक मानदेय सुनिश्चित होगा। साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन और महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। सरकार का दावा है कि यह कदम रोजगार के नए अवसर और सुशासन का नया मॉडल पेश करेगा।लखनऊ-कानपुर में ई-बस प्रोजेक्ट
शहरी परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए योगी सरकार ने लखनऊ और कानपुर में नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (एनसीसी) मॉडल पर ई-बसें चलाने का फैसला किया है। 10-10 रूटों पर एसी ई-बसें उतरेंगी। निजी आॅपरेटर बसों की खरीद से लेकर संचालन और रख-रखाव तक जिम्मेदार होंगे, जबकि किराया तय करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा। सरकार का दावा है कि इस मॉडल से वित्तीय बोझ कम होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30
प्रदेश को ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने की दिशा में नई नीति लायी गई है। इसमें डिजिटल टेक्नॉलॉजी, वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और बाजार विस्तार पर जोर रहेगा। लक्ष्य है कि 2030 तक पंजीकृत निर्यातकों की संख्या 50% बढ़ाई जाए और हर जिले को निर्यात गतिविधियों से जोड़ा जाए। शिक्षा के मोर्चे पर बड़ा फैसला शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना का है। मौजूदा 5 शैक्षणिक संस्थानों को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इन फैसलों से साफ है कि योगी सरकार एक साथ रोजगार, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट और एक्सपोर्ट पर फोकस कर रही है। सवाल यह है कि क्या ये नीतियां जमीन पर उसी रफ्तार से उतर पाएंगी, जैसी घोषणा में दिखाई दे रही हैं? UP Newsअगली खबर पढ़ें
आउटसोर्सिंग व्यवस्था में पारदर्शिता
अब तक शिकायतें रही हैं कि आउटसोर्स कर्मचारियों को न तय वेतन मिलता था, न ही ईपीएफ-ईएसआई जैसी सुविधाएं। नई व्यवस्था में चयन प्रक्रिया पूरी तरह निगम के जरिए होगी, वेतन सीधे खातों में जाएगा और कर्मचारियों को 16 से 20 हजार रुपये मासिक मानदेय सुनिश्चित होगा। साथ ही एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन और महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। सरकार का दावा है कि यह कदम रोजगार के नए अवसर और सुशासन का नया मॉडल पेश करेगा।लखनऊ-कानपुर में ई-बस प्रोजेक्ट
शहरी परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए योगी सरकार ने लखनऊ और कानपुर में नेट कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (एनसीसी) मॉडल पर ई-बसें चलाने का फैसला किया है। 10-10 रूटों पर एसी ई-बसें उतरेंगी। निजी आॅपरेटर बसों की खरीद से लेकर संचालन और रख-रखाव तक जिम्मेदार होंगे, जबकि किराया तय करने का अधिकार सरकार के पास रहेगा। सरकार का दावा है कि इस मॉडल से वित्तीय बोझ कम होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी।नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30
प्रदेश को ग्लोबल एक्सपोर्ट हब बनाने की दिशा में नई नीति लायी गई है। इसमें डिजिटल टेक्नॉलॉजी, वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और बाजार विस्तार पर जोर रहेगा। लक्ष्य है कि 2030 तक पंजीकृत निर्यातकों की संख्या 50% बढ़ाई जाए और हर जिले को निर्यात गतिविधियों से जोड़ा जाए। शिक्षा के मोर्चे पर बड़ा फैसला शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना का है। मौजूदा 5 शैक्षणिक संस्थानों को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इन फैसलों से साफ है कि योगी सरकार एक साथ रोजगार, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट और एक्सपोर्ट पर फोकस कर रही है। सवाल यह है कि क्या ये नीतियां जमीन पर उसी रफ्तार से उतर पाएंगी, जैसी घोषणा में दिखाई दे रही हैं? UP Newsसंबंधित खबरें
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