Sunday, 22 December 2024

बाबा बालकनाथ: क्या राजस्थान के योगी बनेंगे? सीएम पद के हैं बड़े दावेदार

बाबा बालकनाथ: राजस्थान के चुनाव परिणाम अन्य राज्यों के चुनाव परिणाम के साथ आ चुके हैं। राजस्थान ने अपने रिवाज…

बाबा बालकनाथ: क्या राजस्थान के योगी बनेंगे? सीएम पद के हैं बड़े दावेदार

बाबा बालकनाथ: राजस्थान के चुनाव परिणाम अन्य राज्यों के चुनाव परिणाम के साथ आ चुके हैं। राजस्थान ने अपने रिवाज को कायम रखते हुए एक बार फिर सत्ता परिवर्तन कर दिया। बीजेपी को इन चुनावों में जीत मिली है और गहलोत सरकार सत्ता से बाहर हो चुकी है। चूंकि बीजेपी ने इन चुनावों के लिए किसी को सीएम पद का दावेदार नहीं बनाया था, इसलिए बड़ा बड़ा सवाल यही है कि अगला सीएम कौन होगा। इस रेस में कई नाम शामिल हैं, इनमें अलवर से सांसद और इन चुनावों में तिजारा से विधायक बने बाबा बालकनाथ का नाम काफी आगे है।

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कौन हैं सीएम पद के दावेदार बाबा बालकनाथ?

बाबा बालकनाथ का संबंध बाबा गोरखनाथ के नाथ संप्रदाय से है। वो उसी तरह इसके रोहतक पीठ के महंत हैं, जिस तरह गोरखपुर पीठ के योगी आदित्यनाथ महंत हैं। उनके गुरु बाबा चांदनाथ की मौत के बाद योगी आदित्यनाथ के कहने पर ही उन्हें रोहतक पीठ का महंत बनाया गया था। बाबा बालकनाथ के गुरु महंत चांदनाथ भी भाजपा के टिकट पर विधायक और सांसद रह चुके हैं। उनके निधन के बाद बीजेपी ने बाबा बालकनाथ को पिछले लोकसभा चुनाव में अलवर से प्रत्याशी बनाया था और वो सांसद बनने में सफल रहे।

उनकी हॉट सीट तिजारा पर खुद योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार के लिए आए और यूपी से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी भेजे। पूरे राजस्थान में बीजेपी की ध्रुवीकरण नीति को फैलाने में और पार्टी की कामयाबी में बाबा बालकनाथ के बयानों की बड़ी भूमिका रही। माना जा रहा है कि अगर बीजेपी आलाकमान इस नीति को आगे भी बढ़ाने का फैसला करती है, तो बाबा बालकनाथ मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ले सकते हैं।

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ये बातें जाती हैं बाबा बालकनाथ के पक्ष में

अगर बीजेपी बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री बनाती है, तो हरियाणा में भी बीजेपी चुनावी लाभ उठा सकती है, क्योंकि जिस नाथ संप्रदाय की रोहतक पीठ के वो महंत हैं, उसके रोहतक में 150 से ज्यादा शिक्षण संस्थाएं हैं। इंजीनियरिंग से लेकर मेडिकल कॉलेज तक हैं। इसके अलावा एक कारण ये भी है कि वो ओबीसी वर्ग के यादव समाज से आते हैं, इसका लाभ भी पार्टी को आगामी चुनाव में मिल सकता है। साथ ही कांग्रेस पार्टी के ओबीसी कार्ड की हवा निकाली जा सकती है।

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बाबा बालकनाथ की राह में ये बाते बन सकती हैं रोड़ा

जो बात बाबा बालकनाथ के खिलाफ जाती हैं, उनमें से एक तो ये है कि वो मात्र बारहवीं पास हैं। दूसरी बात ये है कि पिछले लोकसभा चुनाव में वो पहली बार अलवर के सांसद बने थे। इस कारण उनके पास राजनीति में बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है। उनके पास सरकार चलाने या मंत्रालय संभालने का अभी तक कोई अनुभव नहीं है। अधिकारियों से कैसे काम लिया जाता है इस मामले में भी वो पूरी तरह अनुभवहीन हैं।

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