Sunday, 6 October 2024

‘सनातन का श्राप ले डूबा’, कांग्रेस की हार पर इस कांग्रेसी नेता ने कहा

सनातन का श्राप: आज 4 राज्यों के चुनाव परिणाम आ रहे हैं। अब तक के संकेतों से कांग्रेस पार्टी 3…

‘सनातन का श्राप ले डूबा’, कांग्रेस की हार पर इस कांग्रेसी नेता ने कहा

सनातन का श्राप: आज 4 राज्यों के चुनाव परिणाम आ रहे हैं। अब तक के संकेतों से कांग्रेस पार्टी 3 राज्यों में हार का सामना करती दिखाई पड़ रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी हार के कगार पर है। इस हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के ही नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सनातन विरोध को इस हार का कारण बताया है। आचार्य प्रमोद कृष्णा ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा, ‘सनातन का श्राप ले डूबा।’

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सनातन का श्राप: कृष्णम ने सनातन विरोध को ठहराया हार का जिम्मेदार

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि “यह देश सनातन का विरोध स्वीकार नहीं करेगा।” इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक कह दिया कि “जब तक कांग्रेस पार्टी सनातन का विरोध करती रहेगी, तब तक वो हारती रहेगी। कांग्रेस को देश में चुनाव जीतने के लिए महात्मा गांधी के रास्ते पर चलना होगा, जबकि कांग्रेस काल मार्क्‍स के रास्ते पर चल रही है। उसे अपनी परिपाटी बदली होगी।”

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आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “कुछ दिनों से कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता घुस आए है, जिनकी पार्टी के फैसलों में बड़ी भूमिका है। वो कुछ नेता कांग्रेस को महात्मा गांधी के रास्ते से हटाकर के वामपंथ के रास्ते पर ले जाना चाहते है और ले जा रहे है। अगर कांग्रेस पार्टी ने ऐसे नेताओं का नहीं निकाला तो कांग्रेस पार्टी की हालत बहुत जल्द ही एआईए, एमआईएम जैसी हो जाएगी।”

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उदयनिधि स्टालिन के विरोध नहीं करने को बताया गलत, सनातन का श्राप

प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि “आज कांग्रेस को सनातन विरोधी के रुप में जाना जाने लगा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व को इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। कांग्रेस को महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी की ही कांग्रेस रहना दिया जाए।”

उन्होंने उदयनिधि स्टालिन के विरोध नहीं करने को भी इस हार का प्रमुख कारण बताया। उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिनों पहले सनातन धर्म के विरोध में बोलते हुए कहा था कि “सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे समाप्त कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। जैसे हम कोरोना, डेंगू का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है, इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।”

सनातन का श्राप

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