TMC leader Mahua Moitra टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी और भाजपा सरकार का छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। पिछले काफी समय से दोनों ही एक दूसरे की कमी को सामने लाने से चूकते नहीं हैं। एक तो ममता बनर्जी वैसे भी काफी तेज तर्रार नेता हैं और जब कोई उनका विरोध करता है तो वे चंडी का रूप ले लेती हैं। ममता की पार्टी ने केंद्र सरकार के विरोध के लिए मिशन दिल्ली विरोध का आयोजन दिल्ली में किया था। जिसके आखिरी दिन एक अलग ही ड्रामा देखने को मिला। जब टीएमसी नेताओं का प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय मंत्री से मिलने पहुंचा और तीन घंटे इंतजार करवाने के बाद मंत्री बिना मिले ही चली गईं। उसके बाद टीएमसी का प्रतिनिध मंडल वहीं धरने पर बैठ गया इस दरम्यान कुछ महिला पुलिसकर्मियों ने धरने पर बैठी महुआ मोइत्रा को उठा लिया और वहां से हटा दिया।
आखिरी दिन हुआ ड्रामा
मिशन दिल्ली विरोध के आखिरी दिन टीएमसी का चालीस सदस्यों का एक प्रतिनिधमंडल केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम और संस्तुति लेने के बाद मिलने पहुंचा। इस दल का नेतृत्व टीएमसी के दूसरे नंबर के नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी कर रहे थे। साध्वी मंत्री ने टीएमसी के इस डेलीगेशन को बाकायदा तीन घंटे तक इंतजार करवाया। और उसके बाद वहां से निकल गईं। जब इस बात की सूचना टीएमसी के डेलीगेशन को मिली तो उसी समय पूरा डेलीगेशन अपने नेता अभिषेक बनर्जी और महुआ मोइत्रा के साथ वहीं कृषि भवन परिसर में ही धरने पर बैठ गया। कृषि भवन परिसर में धरने पर बैठने के बाद इन लोगों को वहां से हटाने के लिए पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस इन लोगों को हटाने के लिए अपने अंदाज में एक्शन में आ गई। टीएमसी नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने धक्का मुक्की के दौरान कई लोगों का फोन तक छीन लिया।
TMC leader Mahua Moitra
महुआ मोइत्रा ने वीडियो दिखाया
टीएमसी की नेता महुआ मोइत्रा ने तो यह आरोप लगाया कि महिला पुलिस कर्मियों ने इस दौरान उन्हें उठा लिया और वहां से हटा दिया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस संबंध में ट्वीट किया है और उसके साथ एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें महिला पुलिस कर्मी उन्हें उठाकर ले जा रही हैं। सांसद होने के बावजूद उनके साथ पुलिस वालों द्वारा ऐसा व्यवहार किए जाने से वे काफी नाराज दिखीं। उन्होने पुलिस कर्मियों से कहा भी कि आप एक सांसद के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं।
Listen up @narendramodi – you can drag us out but the truth won’t go away- you have illegally withheld thousands of crores of MNREGA funds from the poot of West Bengal.
INDIA will throw you out come 2024. pic.twitter.com/qYA9BgnZWI— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 3, 2023
अभिषेक बनर्जी ने लगाया आरोप
अभिषेक बनर्जी ने बताया कि हमारा डेलीगेशन तो मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने का समय लेकर आया था, और यह पूर्वनिर्धारित था। हम तो भ्रष्ट जॉब कार्ड धारकों द्वारा लिखे गए पत्र के साथ आए थे। इसके बावजूद मंत्री महोदया तीन घंटे इंतजार करवाने के बाद वहां से चली गईं। जबकि उसके एक घंटे बाद वे बंगाल के भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से चार बजे मिली थी। जबकि शुभेंदु बंगाल के हित में कोर्इ काम नहीं कर रहे हैं। और हम तो बंगाल हित के लिए ही सेवाभाव से काम करते रहे हैं। ऐसा लगता है जैसे मंत्री महोदया और भाजपा हमसे और हमारे सवालों से डरती है और इससे बचना चाहती है। हमारे सवालों का न उनके पास जवाब है और ना ही वे जवाब देना चाहती हैं। यह बहुत ही शर्मनाक स्थिति है। विरोध प्रदर्शन के लिए दूसरे दिन जंतर मंतर पर अभिषेक बनर्जी कोलकाता प्रवर्तन निदेशालय के समन को इगनोर करके इसमें शामिल होने आए थे।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वे मंत्री महोदया से इसलिए मिलने गए थे कि वे उन्हें बंगाल में मनरेगा मजदूरों के बनाए गए एक करोड़ फर्जी जॉब कार्ड से अवगत करवा सकें और केंद्र सरकार के पैसों के गबन की केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने एक ज्ञापन सौंपा है और मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से इसकी सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा हम नहीं चाहते कि मनरेगा का काम बंद हो लेकिन हम फर्जी जॉब कार्ड मुद्दे की जांच करवाना चाहते हैं।
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