Raju Srivastava Birthday Special- गजोधर भैया मुंबई में ऑटो चलाकर बने थे कॉमेडी किंग

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calendar25 Dec 2022 02:14 PM
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Raju Srivastava Birthday Special- हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव को हम सभी 'गजोधर भैया' के नाम से जानते हैं। राजू ने हर एक चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है। इनके हंसी के चुटकुले सुनकर लोग अपने गम भुलाकर बस हंसने पर मजबूर हो जाया करते थे। आज इसी कॉमेडी के किंग राजू श्रीवास्तव का जन्मदिन है। इनका जन्म 25 दिसंबर, 1963 में हुआ था। राजू उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले के रहने वाले थे। बचपन में राजू का नाम सत्यप्रकाश था, हालांकि बाद में इनका नाम बदल गया और अब सभी इन्हें राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) के नाम से जानते हैं। राजू से भी कहीं ज्यादा लोग इन्हें गजोधर भैया के नाम से जानते हैं। राजू के पिता कानपुर के एक बहुत बड़े कवि हुआ करते थे। उनकी कविताएं लोगों को काफी पसंद आती थीं। हालांकि राजू को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी, इन्हें तो कॉमेडी में दिलचस्पी थी। राजू को शुरू से ही लोगों को हंसाने में मज़ा आता था। उनका सपना था कि वो एक कॉमेडियन बनें और लोगों को खुशियां दें।

करियर की शुरुआत-

राजू (Raju Srivastava) का करियर टीवी शो से शुरू हुआ था। इनका करियर उस समय के प्रचलित टीवी शो 'टी टाइम मनोरंजन' से शुरू हुआ था। इससे इन्हें कोई बहुत बड़ी ख्याति प्राप्त नहीं हुई। इन्हें असल पहचान तो मिली शो 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' से। इस शो में तो अहा इनके क्या ही कहने थे। यूपी वाले अंदाज़ में राजू ने सबको हंसाया और सबको अपना दीवाना बनाया। इस शो में भले ही राजू विनर न बन सके मगर लोगों के दिलों को वो विन कर चुके थे। इसमें रनर अप रहने के बावजूद इन्हें 'द किंग ऑफ कॉमेडी' का टाइटल दिया गया था।

मुंबई में चलाते थे ऑटो-

राजू श्रीवास्तव जब मुंबई शहर आए थे तब इनकी स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं थी। जो पैसे इन्हें घर से मिला करते थे, वो काफी कम होते थे। ऐसे में खर्चा उठाने के लिए इन्हें कुछ तो जतन करना ही था। इसीलिए इन्होंने मुंबई शहर में ऑटो चलाना शुरू किया। उन्हें इसी ऑटो की एक सवारी की वजह से ही पहला ब्रेक मिला था। इसके अलावा राजू ने बिग बॉस 3 में ही एंट्री ली थी। वहां भी इन्होंने लोगों का खूब मनोरंजन किया था। आज भले ही राजू हमारे बीच नहीं है मगर उनके हंसाने वाले लतीफे आज भी सबको हंसाने का काम कर रहे हैं।
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Anil Kapoor Birthday Special- बेहद दिलचस्प है अनिल कपूर की लव स्टोरी, जब कुछ नहीं था इनके पास तब सुनीता ने निभाया था साथ

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calendar24 Dec 2022 01:48 PM
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Anil Kapoor Birthday Special- बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता अनिल कपूर का आज 66 वां जन्मदिन है। 66 साल की उम्र में भी ये आज के युवा कलाकारों को फिटनेस में टक्कर देते हैं। फ़िल्म इंडस्ट्री में इन्हें फिट एक्टर की लिस्ट में गिना जाता है। आइये इनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं इनके बारे में।

गैराज में करते थे काम-

अनिल कपूर (Anil Kapoor) का जन्म 24 दिसंबर, 1965 में हुआ था। इन्होंने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है और इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है। इनके बारे में ऐसा बताया जाता है कि जब इनका परिवार मुंबई नगरी में आया था तो इनकी आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी। उस समय पैसों की बहुत ज्यादा दिक्कत थी। इसीलिए पैसे कमाने के लिए इन्होंने राज कपूर के गैराज में काम किया था। ये वहीं पर रहते भी थे। इन्होंने किराए पर एक कमरा लिया हुआ था और वहीं रहा करते थे।

बॉलीवुड करियर की शुरुआत-

बॉलीवुड करियर तो इन्होंने बाद में बनाया। इससे पहले अनिल ने तेलुगु फिल्मों में काम किया है। 1980 में आई तेलुगु फ़िल्म 'वामसा वृक्षम' से इन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद बॉलीवुड में इन्होंने एंट्री ली। ये सबसे पहले फ़िल्म 'हमारे- तुम्हारे' में एक कैमियो रोल में नज़र आए थे। इसके बाद इनकी फ़िल्म आई 'वो 7 दिन'। ये फ़िल्म इनके लिए बेहतर रही। इनको असल पहचान मिली 1984 में आई फ़िल्म 'मशाल' से। फिर इनकी एक के बाद एक बेहतरीन फिल्में आती गईं और ये लोगों के दिलों पर राज करते गए।

अनिल कपूर की लव स्टोरी है दिलचस्प-

इनकी लव स्टोरी काफी ज्यादा दिलचस्प है। इनकी पत्नी का नाम सुनीता है। सुनीता ने शुरू से इनका साथ दिया। जब अनिल कपूर (Anil Kapoor) के पास कुछ भी नहीं था और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, तब सुनीता इनके खर्चे उठाया करती थीं। जब दोनों की पहली मुलाकात हुई थी तभी अनिल इन पे अपना दिल हार बैठे थे। उस समय सुनीता बहुत बेहतरीन मॉडल थीं और अनिल का करियर तब शुरू भी नहीं हुआ था। फिर दोनों में प्यार हुआ और 19 मई, 1984 में दोनों ने एक दूसरे के साथ सात फेरे लिए।
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Mohammed Rafi Birthday Special- 7 हज़ार से भी ज्यादा गाने गा चुके मोहम्मद रफी साहब को 7 साल में हुआ था गायकी से इश्क

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calendar24 Dec 2022 01:35 PM
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Mohammed Rafi Birthday Special- सबके दिलों की धड़कन मोहम्मद रफी साहब ने हिंदी सिनेमा जगत में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उनकी आवाज़ ने हर किसी के दिल पर राज किया है। भले ही आज रफी साहब इस दुनिया में हम सबके बीच नहीं है मगर उनकी आवाज़ का जादू आज भी कायम है। इन्होंने हर तरह के गीत गाये हैं और 7 हज़ार से भी ज्यादा गीतों को इन्होंने आवाज़ दी है। आज मोहम्मद रफी की 98वीं जयंती है। इस खास मौके पर चलिए इन्हें याद करते हुए जानते हैं इनसे जुड़ी कुछ खास बातें मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) का जन्म 24 दिसंबर, 1924 में अमृतसर के पास एक जगह है कोटला सुल्तान वहां पर हुआ था। इनका जन्म एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। जब ये 7 साल के थे तब इन्हें गायिकी से इश्क़ हो गया था और तभी से इन्होंने गाना गाया शुरू कर दिया था। बचपन में ये जब अपने बड़े भाई की दुकान पर जाते थे तो इन्हें एक फकीर रास्ते में मिलता था। वो फकीर गाना गाते हुए जाता था। रफी को उसकी आवाज़ बहुत पसंद थी। इसीलिए ये रोज़ उसका पीछा करते थे। फिर एक दिन फकीर ने रफी साहब से गाने के लिए कहा तो इनकी आवाज़ सुनकर वो बहुत खुश हुआ। फकीर ने इन्हें बहुत बड़े सिंगर बनने का आशीर्वाद भी प्रदान किया।

पहली बार पंजाबी फिल्म में गाना गाने का मिला अवसर-

मोहम्मद रफी तब 20 साल के थे जब मुंबई शहर गए थे। इन्हें सबसे पहले एक पंजाबी फिल्म में गाना गाने का अवसर मिला था। इससे इन्हें पहचान तो नहीं मिली। फिर बाद में इन्हें नौशाद के साथ काम करने का मौका मिला। इन्होंने 'तेरा खिलौना टूटा' गाना गाया था। इस गीत को रफी ने गाया भी नहीं था, उसके पहले ही नौशाद साहब ने यह भविष्यवाणी कर दी थी ये गाना रिलीज होते ही छा जाएगा और रफी साहब को पहचान दिलाएगा।

मात्र 1 रुपये के लिए भी गाया गाना-

मोहम्मद रफी (Mohammed Rafi) के बारे में ये कहा जाता है कि उनका दिल एकदम साफ था और उनके अंदर दयाभाव बहुत था। वो कभी भी संगीतकार से ये सवाल नहीं करते थे कि उन्हें गाना गाने के लिए कितने पैसे दिए जाएंगे। उनका काम होता था बस आना और गीत गाना। कई बार तो उनको गीत गाने के लिए महज 1 रुपए भी संगीतकार पकड़ा दिया करते थे। हालांकि रफी साहब इसमें भी बड़े खुश रहा करते थे। इन्होंने हिंदी के साथ- साथ अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं। 1967 में मोहम्मद रफी को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
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