UP में 7466 एलटी ग्रेड शिक्षकों की होगी भर्ती, 28 जुलाई से शुरू होगी आवेदन प्रक्रिया

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calendar01 Dec 2025 09:38 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने राज्य में 7466 एलटी ग्रेड शिक्षक पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। आयोग ने विज्ञापन जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि भर्ती प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत 28 जुलाई 2025 से होगी।

भर्ती प्रक्रिया का टाइमलाइन

-नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि : 28 जुलाई 2025 -आवेदन की शुरुआत : 28 जुलाई 2025 -अंतिम तिथि : 28 अगस्त 2025 -आवेदन का माध्यम : केवल आॅनलाइन -आधिकारिक वेबसाइट : UPPSC.UP.NIC.IN इच्छुक अभ्यर्थी नियत तिथियों के भीतर आयोग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

पदों का विस्तृत ब्योरा

कुल 7466 पदों में से 4860 पद पुरुष अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं तथा 2525 पद महिला शिक्षिकाओं के लिए निर्धारित हैं। 81 पद दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित किए गए हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आवश्यकतानुसार पदों की संख्या में कमी या वृद्धि हो सकती है। इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के पास बीएड डिग्री होना अनिवार्य है। विस्तृत जानकारी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उपलब्ध होगी। आयोग ने संकेत दिया है कि कुछ विषयों में शैक्षणिक योग्यता में छूट दी जा सकती है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की आयु 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आयु की गणना के लिए मान्य जन्म तिथि: न्यूनतम: 2 जुलाई 1985 व अधिकतम: 1 जुलाई 2004 है। इससे पहले या बाद में जन्म लेने वाले अभ्यर्थी पात्र नहीं माने जाएंगे।

नोटिफिकेशन पढ़कर ही करें आवेदन

UPPSC ने अभ्यर्थियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे आवेदन करने से पहले अंतिम अधिसूचना को ध्यानपूर्वक पढ़ लें। किसी भी गलती या अधूरी जानकारी की स्थिति में आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है। यह भर्ती लंबे समय से रुकी हुई छळ ग्रेड नियुक्तियों की श्रृंखला को फिर से गति देने वाली है। शिक्षा विभाग में वर्षों से रिक्त पड़े पदों को भरने के साथ ही यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश सरकार की गुणवत्ता शिक्षा और रोजगार सृजन के दोहरे लक्ष्य को साधने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश में LT ग्रेड शिक्षकों की यह भर्ती न केवल युवाओं के लिए रोजगार का अवसर लेकर आई है, बल्कि राज्य की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएगी।
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राजभर बनाम राजपूत : एक झगड़े ने हिला दी पूर्वांचल की सियासत

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UP News
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calendar15 Jul 2025 04:06 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बीते कुछ हफ्तों से सामाजिक और सियासी तापमान लगातार चढ़ा हुआ है। एक मामूली सी जमीनी कहासुनी से शुरू हुआ विवाद अब ‘राजभर बनाम राजपूत’ संघर्ष के रूप में बदल गया है, जिसने राज्य की सत्ता के समीकरणों को भी हिला कर रख दिया है। घटना में एक तरफ थे संजय सिंह, जो क्षत्रिय समुदाय से आते हैं और बीजेपी के बूथ अध्यक्ष बताए जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ थे भोला राजभर, जिनके समर्थन में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और समाजवादी पार्टी से जुड़े राजभर नेता खुलकर सामने आ गए। लेकिन मामला तब और भड़क गया जब करणी सेना और क्षत्रिय संगठनों ने भी खुलकर संजय सिंह का साथ देना शुरू कर दिया।

जब एक FIR ने खोली जातीय खाई

इस पूरे घटनाक्रम में यूपी सरकार के मंत्री और राजभर समाज के प्रभावशाली नेता अनिल राजभर की सक्रियता ने नया मोड़ ला दिया। 5 जुलाई को मौके पर जाकर उन्होंने पुलिस से एफआईआर दर्ज करवाई, लेकिन इसी कार्रवाई को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने सवाल उठाए कि सिर्फ एक पक्ष की बात सुनी जा रही है। आरोप यह भी लगा कि अनिल राजभर के प्रभाव में पुलिस ने पक्षपात किया। विरोध के बाद तीन दिन बाद जाकर संजय सिंह पक्ष की एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन तब तक बहुत कुछ बदल चुका था। सुभासपा के नेता अरविंद राजभर ने भी मोर्चा संभाल लिया और कार्यकर्ताओं के साथ छितौना पहुंचे। यहां से संघर्ष की शक्ल बदल गई — यह अब "समाज की लड़ाई" के रूप में परिभाषित की जाने लगी।

अरविंद राजभर के छितौना दौरे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कथित रूप से करणी सेना और क्षत्रिय समाज के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की गई। पुलिस ने इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए दो युवकों के खिलाफ समाज में वैमनस्य फैलाने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने के आरोप में केस दर्ज किया। इस वीडियो ने सुभासपा और करणी सेना के बीच टकराव को और तेज कर दिया। करणी सेना ने 15 जुलाई को छितौना कूच का ऐलान कर दिया। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया — वाराणसी के डीएम और पुलिस कमिश्नर ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की, जिसके बाद करणी सेना और अन्य संगठनों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया। कई नेताओं को ऐहतियातन हाउस अरेस्ट भी किया गया।      UP News

बीजेपी की सियासी मुश्किलें

इस पूरी घटना ने बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। एक तरफ संजय सिंह जैसे क्षत्रिय नेता हैं जो पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं, वहीं दूसरी ओर सुभासपा जैसे सहयोगी दल के ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटे खुलकर मैदान में हैं। राजभर समाज पूर्वांचल में प्रभावशाली भूमिका निभाता है और 2022 के विधानसभा चुनावों में जब सुभासपा ने सपा के साथ गठबंधन किया था, तब बीजेपी को आजमगढ़ और गाजीपुर जैसे जिलों में हार झेलनी पड़ी थी। अगर इस बार क्षत्रिय मतदाता असंतुष्ट हुए, तो वही नुकसान दोहराया जा सकता है। बीजेपी के लिए यह स्थिति "एक तीर, दो निशाने" वाली नहीं बल्कि "दोनों तरफ घाटा" जैसी बनती जा रही है। पार्टी के भीतर भी यह संदेश जा रहा है कि वह अपने कार्यकर्ताओं और सहयोगी दलों के बीच संतुलन नहीं बना पा रही।    UP News

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धरती पर शुभांशु को सकुशल लौटता देख मां की आंखों से छलका आंसू, वीडियो देख...

Shubhanshu Shukla
Shubhanshu Shukla
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calendar01 Dec 2025 11:57 PM
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Shubhanshu Shukla : "मेरा बेटा अब सुरक्षित लौट रहा है… अब उसे गले लगाऊंगी!"  ये शब्द थे लखनऊ के रहने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की मां के जो बेटे के अंतरिक्ष से सकुशल वापसी की खबर सुनकर भावुक हो गईं। पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। आज (मंगलवार) का दिन बेहद खास और यादगार है। वजह है लखनऊ के सपूत और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर सकुशल पृथ्वी पर लौट रहे हैं। एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन के अंतर्गत शुभांशु और उनकी टीम ने 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए। अब वह धरती की ओर वापसी कर रहे हैं। शुभांशु के स्वागत के लिए पूरा देश खासकर लखनऊ बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

शुभांशु बने संयुक्त मिशन का हिस्सा

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा सिर्फ एक अंतरिक्ष मिशन नहीं थी, बल्कि यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं और वैश्विक विज्ञान जगत में उसकी मजबूत उपस्थिति का प्रतीक बन गई है। एक्सिओम स्पेस और नासा के संयुक्त मिशन का हिस्सा बनकर शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय प्रतिभा का लोहा मनवाया।

मिशन की प्रमुख बातें

एक्सिओम-4 मिशन के अंतर्गत चार अंतरिक्ष यात्रियों ने आईएसएस पर 18 दिन बिताए। इस दौरान वैज्ञानिक प्रयोग, तकनीकी परीक्षण और अंतरिक्ष में जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को इकट्ठा किया गया। यह मिशन अंतरिक्ष पर्यटन और भविष्य के दीर्घकालिक मानव मिशनों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

परिवार में खुशी की लहर

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की वापसी की खबर जैसे ही लखनऊ स्थित उनके परिवार को मिली, घर में जश्न का माहौल बन गया। परिजन मिठाई बांटते हुए कहते हैं कि "बेटे ने सिर्फ हमारा नहीं, पूरे देश का नाम रोशन किया है। यह क्षण हमारे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण पल है।"

देश के लिए गौरव का विषय

भारत में वैज्ञानिक और रक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ इस मिशन को भारत की अंतरिक्ष शक्ति और सहयोगी कूटनीति के रूप में देख रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भी शुभांशु शुक्ला को बधाई देते हुए कहा है कि ऐसे मिशन भविष्य में भारत की बड़ी अंतरिक्ष परियोजनाओं के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।

युवाओं के लिए बने प्रेरणा

अंतरिक्ष से लौटते शुभांशु शुक्ला सिर्फ एक पायलट या वैज्ञानिक नहीं, बल्कि वे देशभर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि समर्पण, साहस और कड़ी मेहनत के दम पर कोई भी भारतीय अंतरिक्ष की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा न सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में एक उपलब्धि है, बल्कि भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को नई उड़ान देने वाली है। लखनऊ के इस लाल ने यह साबित कर दिया कि भारतीय प्रतिभा अब धरती तक सीमित नहीं बल्कि ब्रह्मांड की ओर अग्रसर है।