गणेश चतुर्थी 2025: जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

गणेश चतुर्थी 2025: जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Aug 2025 10:47 AM
bookmark
भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और विघ्नहर्ता यानी सभी बाधाओं को दूर करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़े श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाता है। Ganesh Chaturthi 2025

गणेश चतुर्थी 2025 की तारीख क्या है?

पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी 2025 में 27 अगस्त (बुधवार) को मनाई जाएगी। हालांकि चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से हो रही है लेकिन पूजा का मुख्य मुहूर्त अगले दिन है। चतुर्थी तिथि शुरू: 26 अगस्त 2025, दोपहर 1:54 बजे। चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025, सुबह 3:44 बजे। गणेश पूजन मुहूर्त: 27 अगस्त 2025 को सुबह 11:05 से दोपहर 1:40 बजे तक।

गणेश चतुर्थी का महत्व

गणेश चतुर्थी सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं है बल्कि यह नई शुरुआत, आध्यात्मिक विकास और सफलता की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को सिंह लग्न और स्वाति नक्षत्र में हुआ था। हर शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के पूजन से होती है ताकि विघ्न दूर हों और सफलता मिले।गणेश चतुर्थी को सार्वजनिक उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1893 में शुरू की थी। स्वतंत्रता संग्राम के समय उन्होंने इसे जन जागरण और राष्ट्रीय एकता के मंच के रूप में उपयोग किया। आज भी यह पर्व धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक एकता का प्रतीक है।

पूजा विधि और परंपराएं

घरों और सार्वजनिक पंडालों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापना की जाती है। प्रतिमा को फूलों, रोशनी और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया जाता है। मंत्रोच्चार, आरती, भजन-कीर्तन और रोज़ाना पूजा का आयोजन होता है। भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फल, और दूर्वा घास अर्पित किए जाते हैं। दस दिन तक चलने वाले इस उत्सव का समापन गणेश विसर्जन के साथ होता है।

क्या करें इस दिन?

प्रातः स्नान कर के शुद्ध वस्त्र पहनें। घर में गणपति की स्थापना करें (यदि कर रहे हैं)। मध्यान्ह के समय पूजन करें यही श्रीगणेश का जन्मकाल माना गया है। ॐ गण गणपतये नमः का जाप करें। गणेश चालीसा या अथर्वशीर्ष का पाठ करें। बच्चों और परिवार संग गणेश कथाएं सुनें।

यह भी पढ़े: बिल्ली पालना शुभ है या अशुभ! जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

गणेश चतुर्थी 2025 केवल एक पर्व नहीं, बल्कि संकल्प, विश्वास और नयी शुरुआत का दिन है। भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की राह प्रशस्त होती है। Ganesh Chaturthi 2025
अगली खबर पढ़ें

आवारा कुत्तों की पहचान: कौन है खतरनाक कौन नहीं ? जानें ये आसान तरीका

आवारा कुत्तों की पहचान: कौन है खतरनाक कौन नहीं ? जानें ये आसान तरीका
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Aug 2025 10:30 AM
bookmark

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों, विशेष रूप से पागल और हिंसक प्रवृत्ति वाले कुत्तों से निपटने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट के आदेशानुसार, स्थानीय अधिकारी अब नियमों के तहत पालतू और आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और कृमिनाशक इलाज के बाद उन्हें वहीं क्षेत्र में लौटाने का काम करेंगे। लेकिन यदि कोई कुत्ता खतरनाक या पागल साबित होता है, तो उसे वापस छोड़ा नहीं जाएगा। भारत में पागल कुत्तों की पहचान स्थानीय प्रशासन, नगरपालिका नियमों और वैधानिक प्रावधानों के तहत होती है। पशु जन्म नियंत्रण (ABC) नियम के अनुसार, रेबीज से संदिग्ध कुत्तों को चिन्हित कर सुरक्षित तरीके से अलग रखा जा सकता है।  Stray Dogs

पागल कुत्तों की पहचान

अधिकारी और पशु चिकित्सा विशेषज्ञ प्रशिक्षित होते हैं ताकि कुत्तों के व्यवहार और शारीरिक लक्षणों के आधार पर उनकी पहचान की जा सके। प्रमुख संकेत हैं:

  • अनावश्यक आक्रामकता या लगातार हमला करना

  • आवाज में बदलाव या लगातार भौंकना

  • लार का असामान्य रूप से बहना, मुंह से झाग निकलना

  • असामान्य चलना या लड़खड़ाना

  • आसपास के इलाके की पहचान में कमी

  • जबड़े का ढीला पड़ना

  • आंखों में खालीपन या भ्रम की स्थिति

यह भी पढ़े:7 साल बाद चीन जाएंगे मोदी, जानिए जापान-चीन दौरे का पूरा प्लान

रेबीज के संदिग्ध कुत्तों की प्रक्रिया

यदि किसी कुत्ते में रेबीज के लक्षण दिखाई दें, तो स्थानीय प्रशासन द्वारा नियुक्त पशु चिकित्सक और पशु कल्याण संगठन के प्रतिनिधि शामिल एक विशेष पैनल उसकी जांच करता है। पैनल द्वारा खतरा पाया जाने पर कुत्ते को अलग रखा जाता है और लगभग 10 दिनों तक निगरानी की जाती है। इस दौरान गंभीर स्थिति वाले कुत्तों की मृत्यु हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार हिंसक कुत्तों की अलग श्रेणी बनाने का निर्देश दिया है। इसमें वे कुत्ते शामिल होंगे जो बार-बार काटने की घटनाओं में शामिल होते हैं या लगातार ऐसी आक्रामकता दिखाते हैं, जिससे लोगों के लिए खतरा उत्पन्न होता है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी व्यक्ति या संस्था को अधिकारियों के कार्य में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी, ताकि उनका काम बिना बाधा के जारी रह सके।  Stray Dogs

अगली खबर पढ़ें

चाणक्य नीति को मान लिया तो बन जाएंगे तुरंत धनवान

चाणक्य नीति को मान लिया तो बन जाएंगे तुरंत धनवान
locationभारत
userचेतना मंच
calendar23 Aug 2025 10:11 AM
bookmark
आचार्य चाणक्य का नाम सबने सुना है। आचार्य चाणक्य ने जीवन के हर विषय पर नीतियां बनाई हैं। उनके द्वारा बनाई गई नीति चाणक्य नीति के नाम से प्रसिद्ध है। चाणक्य नीति के द्वारा कोई भी नागरिक अपने जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है। शर्त यह है कि आचार्य चाणक्य नीति का पूरी तरह से पालन किया जाए। Chanakya neeti

जीवन में धनवान बनने के लिए चाणक्य नीति के 5 सूत्र

चाणक्य नीति एक पूरा ग्रंथ है। चाणक्य नीति में वह सब कुछ बताया गया है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को बेहतरीन से बेहतरीन बना सकते हैं। पूरी चाणक्य नीति को यहां प्रकाशित करना संभव नहीं है। ऐसे में हम  आपको आचार्य चाणक्य द्वारा जीवन में बड़ा बनने के लिए निर्धारित चाणक्य नीति के 5 सूत्र बता रहे हैं।.....

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-1

गुस्से पर काबू करें : आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुस्सा इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी होता है। गुस्से में इंसान सहीऔर गलत का फर्क भूल जाता है और कई बार ऐसे फैसले ले लेता है, जिनका पछतावा जिंदगी भर करना पड़ता है। उनका कहना है कि यदि जीवन में सफल होना है, तो गुस्से पर काबू जरूर पाएं।

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-2

आलस न करें : आचार्य चाणक्य अपनी चाणक्य नीति में कहते हैं कि आलस के कारण इंसान सफलता हासिल नहीं कर पाता है। आलस की वजह से इंसान मेहनत नहीं कर पाता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, आलस इंसान को गरीबी, असफलता और अपमान की ओर ले जाता है। ऐसे में इंसान को मेहनत से नहीं चूकना चाहिए।

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-3

गलत संगति करना : चाणक्य नीति में कहा गया है कि जैसा संग होता है, जीवन भी उसी तरह हो जाता है। गलत संगति इंसान के चरित्र और सोच को खराब कर देती है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, सफलता की चाह रखने वाले लोगों को हमेशा अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ रहना चाहिए।

यह भी पढ़े:अभी नहीं थमेगा कोहली-रोहित का जलवा, BCCI ने फैंस को दी बड़ी खुशखबरी

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-4

समय का अधिक महत्व करें : चाणक्य नीति में बताया गया है कि आचार्य चाणक्य के मुताबिक, समय सबसे बड़ा बलवान होता है। उनका कहना है कि एक बार समय निकल जाने के बाद वह वापस नहीं आता है। ऐसे में जो व्यक्ति समय का सही उपयोग करता है, वह जीवन में आगे बढ़ता है और सफल होता है।

आचार्य चाणक्य नीति का सूत्र नम्बर-5

लक्ष्य को कभी न भूलें : चाणक्य नीति में कहा गया है कि हर सुबह उठते ही सबसे पहले अपने लक्ष्य को याद करें। इससे दिनभर की ऊर्जा एक सही दिशा में लगती है। जब हमें पता होता है कि हमें क्या हासिल करना है, तो हमारा मन भटकता नहीं और हम ज्यादा फोकस होकर काम करते हैं।   Chanakya neeti