इन राशियों पर लगेगी शनि की साढ़ेसाती और ढैया, रहें संभलकर

Shani dev
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:02 AM
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मित्रों, वर्ष 2021 अब समाप्ति की ओर अग्रसर हो रहा है। वर्ष 2020 की भांति यह साल भी लोगों के लिए कुछ खास नहीं रहा। पूरे वर्ष कोरोना (Corona)  की मार देशवासियों को झेलनी पड़ी। लॉकडाउन के कारण लोगों के कारोबार और जिंदगी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अब वर्ष 2022 के आगमन में केवल डेढ़ माह का वक्त ही शेष रह गया है। ऐसे में यदि हम नवग्रह में शामिल प्रमुख ग्रह शनिदेव (Shanidev) और उनकी साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) और ढैया (Dhaiya) की बात करें तो शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैया जहां कुछ राशियों से समाप्त होगी, वहीं कुछ राशियों पर साढ़ेसाती और ढैया शुरु होगी।

- वर्ष 2022 में मीन पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी, जबकि कर्क और वृश्‍चिक पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी।

- वर्ष 2022 में धनु से साढ़ेसाथी हटेगी और तुला एवं मिथुन वालों को शनि की ढैया से मुक्ति मिलेगी।

वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैया चल रही है।

29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से निकलकर जब कुंभ राशि में भ्रमण करेंगे तब मीन, कुंभ और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया लगेगी। यानि वर्ष 2022 में मीन, कुंभ और मकर को साढ़े साती रहेगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैया लगेगी।

29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेंगे। जिससे सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैया शुरू होगी। इस दौरान कुंभ, मेष और मीन राशि वालों पर शनि ढैया रहेगी। मकर राशि वाले शनि ढैया से मुक्ति पा जाएंगे।

वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैया चल रही है। 29 अप्रैल 2022 को इन्हें ढैया से मुक्ति मिलेगी। 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने पर तुला और मिथुन राशि से पूरी तरह ढैया का प्रभाव खत्म हो जाएगा। तुला राशि पर शनि की ढैया 24 जनवरी 2020 से चल रही है।

शनि ग्रह अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे, तब धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद तब 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी।

मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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Job Update- THDC में 120 अप्रेंटिस पदों पर निकली भर्तियां, जल्दी करे आवेदन

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locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar28 Nov 2025 04:09 PM
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THDC Recruitment- THDC इंडिया लिमिटेड में अप्रेंटिस के 120 विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। जारी की गई रिक्तियों में ट्रेड अप्रेंटिस और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जानी है। भर्ती संबंधित नोटिफिकेशन THDC की आधिकारिक वेबसाइट www.thdc.co.in पर जारी किया गया है।

जारी किए गए पदों का पूर्ण विवरण - 1. कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट- 35 पद 2. स्टेनोग्राफर/सेक्रेटेरियल असिस्टेंट - 35 पद 3. इलेक्ट्रीशियन (Electrician)- 20 पद 4. ड्राफ्ट्समैन (Draftsman Civil)- 15 पद 5. फिटर - 10 पद 6. मैकेनिक इलेक्ट्रॉनिक्स (Mechanic electronics)- 5 पद

शैक्षिक योग्यता- जारी की गई रिक्तियों में अलग-अलग पदों के लिए शैक्षिक योग्यता अलग-अलग निर्धारित की गई है। पूरी जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

आवेदन हेतु महत्वपूर्ण तिथि - जारी किए गए पदों के लिए आवेदन जमा करने की आखिरी तिथि-25 नवंबर 2021

कैसे करें आवेदन - THDC द्वारा जारी किए गए पदों पर आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन मोड से की जा सकती है। इच्छुक उम्मीदवार आवेदन प्रक्रिया के लिए आधिकारिक वेबसाइट www.thdc.co.in पर जाकर आवेदन प्रारूप को डाउनलोड कर सकते हैं। आवेदन फॉर्म में दी गई पूरी जानकारियों को भरकर, आवश्यक दस्तावेजों के साथ नीचे दिए गए पते पर भेज दे।

पता - ' डिप्टी मैनेजर, THDC इंडिया लिमिटेड, भागीरथी भवन, प्रगतिपुरम, बाय-पास रोड ऋषिकेश-249201'

नोट - लिफाफे के ऊपर 'ट्रेड अप्रेंटिस- 2021 के लिए आवेदन' लिखना ना भूलें।

आवेदन संबंधित अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

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रविवार को ही सार्वजनिक अवकाश क्यों ?

Happy sunday
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Nov 2021 08:01 AM
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- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़

क्या आपने कभी सोचा है कि भारत देश समेत कई बाहरी देशों में रविवार यानि संडे (Sunday) को ही सार्वजनिक अवकाश (public holiday) क्यों रखा जाता है। अधिकांश देशों में यह व्यवस्था चली आ रही है। सरकारी अवकाश से लेकर भारत के ज्यादातर शहरों में भी बाजार का सार्वजनिक अवकाश रविवार (Sunday) को ही होता है। यानि रविवार (Sunday) को इन शहरों की मार्किट पूरी तरह से बंद रहती है। वर्ष 1890 से पहले ऐसी व्यवस्था नहीं थी। 1890 में 10 जून वो दिन था जब रविवार को साप्ताहिक अवकाश के रूप में चुना गया।ब्रिटिश शासन के दौरान मिल मजदूरों को हफ्ते में सातों दिन काम करना पड़ता था। यूनियन नेता नारायण मेघाजी लोखंडे ने पहले साप्ताहिक अवकाश का प्रस्ताव किया जिसे नामंजूर कर दिया गया। अंग्रेजी हुकूमत से 7 साल की सघन लड़ाई के बाद अंग्रेज रविवार को सभी के लिए साप्ताहिक अवकाश बनाने पर राजी हुए। इससे पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी मिलती थी।

दुनिया में इस दिन छुट्टी की शुरुआत इसलिए हुई, क्योंकि ये ईसाइयों के लिए गिरिजाघर जाकर प्रार्थना करने का दिन होता है। एक दिन आराम करने से लोगों में रचनात्मक उर्जा बढ़ती है। सबसे पहले भारत में रविवार की छुट्टी मुंबई में दी गई थी। केवल इतना ही नहीं रविवार की छुट्टी होने के पीछे एक और कारण है। दरअसल सभी धर्मों में एक दिन भगवान के नाम का होता है। जैसे कि हिंदूओं में सोमवार शिव भगवान का या मंगलवार हनुमान का। ऐसे ही मुस्लिमों में शुक्रवार यानि की जुमा होता है। मुस्लिम बहुल्य देशों में शुक्रवार की छुट्टी दी जाती है। इसी तरह ईसाई धर्म में रविवार को ईश्वर का दिन मानते हैं और अंग्रेजों ने भारत में भी उसी परंपरा को बरकरार रखा था।

उनके जाने के बाद भी यही चलता रहा और रविवार का दिन छुट्टी का दिन ही बन गया। कुछ समुदायों में ऐसे मुहूर्तो को दरकिनार रख कर रविवार को मध्यान्ह में लावां फेरे या पाणिग्रहण संस्कार करा दिया जाता है। इसके पीछे भी ज्योतिषीय कारण पार्श्व में छिपा होता है। हमारे सौर्य मंडल में सूर्य सबसे बड़ा ग्रह है जो पूरी पृथ्वी को ऊर्जा प्रदान करता है। यह दिन और दिनों की अपेक्षा अधिक शुभ माना गया है। इसके अलावा हर दिन ठीक 12 बजे, अभिजित मुहूर्त चल रहा होता है। भगवान राम का जन्म भी इसी मुहूर्त काल में हुआ था। जैसा इस मुहूर्त के नाम से ही सपष्ट है कि जिसे जीता न जा सके, अर्थात ऐसे समय में हम जो कार्य आरंभ करते हैं, उसमें विजय प्राप्ति होती है। ऐसे में पाणिग्रहण संस्कार में शुभता रहती है।

अंग्रेज भी सन डे, रविवार को सैबथ डे अर्थात पवित्र दिन मान कर चर्च में शादियां करते हैं। कुछ लोगों को भ्रांति है कि रविवार को अवकाश होता है। इसलिए विवाह इतवार को रखे जाते हैं। ऐसा नहीं है। भारत में ही छावनियों तथा कई नगरों में रविवार की बजाय, सोमवार को छुट्टी होती है और कई स्थानों पर गुरु या शुक्रवार को।