इंडिगो संकट के बीच याद आईं वे एयरलाइंस, जिनका भारत में बज चुका है ‘बाजा’
इंडिगो का मौजूदा संकट एक बार फिर यह याद दिला रहा है कि भारत का एविएशन सेक्टर जितना बड़ा है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। बढ़ती लागत, कर्ज और मैनेजमेंट की छोटी-सी गलती भी किसी बड़ी एयरलाइन को जमीन पर ला सकती है।

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले दो दिनों से बड़े संकट से जूझ रही है। विभिन्न एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट कैंसिलेशन की वजह से हजारों यात्री फंसे हुए हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि दिल्ली एयरपोर्ट को आधी रात तक इंडिगो की सभी घरेलू उड़ानों को सस्पेंड करना पड़ा। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए यह कदम उठाया गया, जबकि बाकी एयरलाइंस सामान्य रूप से उड़ान भरती रहीं।
इंडिगो के इस संकट ने भारत के एविएशन सेक्टर की मजबूती और चुनौतियों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट होने के बावजूद भारत में अब तक कई बड़ी-बड़ी एयरलाइंस आर्थिक तंगी, बढ़ते कर्ज और खराब प्रबंधन के चलते धराशायी हो चुकी हैं।
यहां देखें — इंडिगो से पहले किन एयरलाइंस का उड़ान भरते-भरते ‘बाजा’ बज चुका है:
1. वायुदूत (1981–1997)
सरकारी साझेदारी से शुरू हुई क्षेत्रीय एयरलाइन लगातार घाटे में रही। कम पैसेंजर लोड और वित्तीय संकट के कारण 1997 में इसे बंद करना पड़ा।
2. मोदीलुफ्ट (1993–1996)
दिल्ली बेस्ड इस एयरलाइन ने लुफ्थांसा से पार्टनरशिप कर दमदार शुरुआत की, लेकिन बाजार प्रतिस्पर्धा और आर्थिक दबाव के चलते सिर्फ तीन साल में ही खत्म हो गई।
3. दमानिया एयरवेज (1993–1997)
शुरुआत से लोकप्रिय रहने के बावजूद बढ़ते खर्च और लगातार घाटे ने इस एयरलाइन को बंद करने पर मजबूर कर दिया।
4. ईस्ट-वेस्ट एयरलाइन (1992–1996)
भारत की पहली राष्ट्रीय स्तर की प्राइवेट एयरलाइन। प्रबंधन विवाद और वित्तीय संकट के कारण इसे भी 1996 में ऑपरेशन बंद करना पड़ा।
5. एनईपीसी एयरलाइंस (1993–1997)
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने वाली यह चेन्नई बेस्ड एयरलाइन भारी कर्ज और मिसमैनेजमेंट की वजह से बंद हो गई।
6. एयर सहारा (1993–2007)
एक समय तेज़ी से बढ़ती एयरलाइन मानी जाने वाली एयर सहारा को आर्थिक संघर्षों के कारण 2007 में जेट एयरवेज ने अधिग्रहित कर लिया।
7. जेट एयरवेज (1993–2019)
देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन मानी जाने वाली जेट एयरवेज बढ़ते कर्ज और भारी नुकसान के कारण 2019 में बंद हो गई। बाद में यह दिवालिया प्रक्रिया में चली गई।
8. किंगफिशर एयरलाइंस (2005–2012)
विजय माल्या की हाई-एंड एयरलाइन शुरुआत में लग्जरी सेवा के लिए चर्चित रही, लेकिन भारी कर्ज और वित्तीय अनियमितताओं के कारण 2012 में इसकी उड़ानें रुक गईं।
9. एयर डेक्कन (2003–2007)
भारत की पहली लो-कॉस्ट एयरलाइन, जिसने छोटे शहरों को जोड़ने का मिशन रखा। आर्थिक संकट के बाद 2007 में इसे किंगफिशर को बेच दिया गया।
10. पैरामाउंट एयरवेज (2005–2010)
चेन्नई बेस्ड इस कंपनी के पास एम्ब्रेयर और बोइंग विमान थे, लेकिन कर्ज के बोझ और वित्तीय समस्या ने 2010 में इसे बंद कर दिया।
11. एयर कोस्टा (2013–2017)
रिजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने वाली इस एयरलाइन ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन हाई ऑपरेशनल कॉस्ट और कम पैसेंजर लोड के चलते यह 2017 में बंद हो गई।
पिछले 5 सालों में भी बंद हुए कई ऑपरेटर
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में हेरिटेज एविएशन, टर्बो मेघा एयरवेज, जेक्सस एयर सर्विसेज, डेक्कन चार्टर्स, एयर ओडिशा, जेट एयरवेज और जेट लाइट जैसे 7 ऑपरेटर पूरी तरह बंद हो चुके हैं।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले दो दिनों से बड़े संकट से जूझ रही है। विभिन्न एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट कैंसिलेशन की वजह से हजारों यात्री फंसे हुए हैं। हालात इतने बिगड़ गए कि दिल्ली एयरपोर्ट को आधी रात तक इंडिगो की सभी घरेलू उड़ानों को सस्पेंड करना पड़ा। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए यह कदम उठाया गया, जबकि बाकी एयरलाइंस सामान्य रूप से उड़ान भरती रहीं।
इंडिगो के इस संकट ने भारत के एविएशन सेक्टर की मजबूती और चुनौतियों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट होने के बावजूद भारत में अब तक कई बड़ी-बड़ी एयरलाइंस आर्थिक तंगी, बढ़ते कर्ज और खराब प्रबंधन के चलते धराशायी हो चुकी हैं।
यहां देखें — इंडिगो से पहले किन एयरलाइंस का उड़ान भरते-भरते ‘बाजा’ बज चुका है:
1. वायुदूत (1981–1997)
सरकारी साझेदारी से शुरू हुई क्षेत्रीय एयरलाइन लगातार घाटे में रही। कम पैसेंजर लोड और वित्तीय संकट के कारण 1997 में इसे बंद करना पड़ा।
2. मोदीलुफ्ट (1993–1996)
दिल्ली बेस्ड इस एयरलाइन ने लुफ्थांसा से पार्टनरशिप कर दमदार शुरुआत की, लेकिन बाजार प्रतिस्पर्धा और आर्थिक दबाव के चलते सिर्फ तीन साल में ही खत्म हो गई।
3. दमानिया एयरवेज (1993–1997)
शुरुआत से लोकप्रिय रहने के बावजूद बढ़ते खर्च और लगातार घाटे ने इस एयरलाइन को बंद करने पर मजबूर कर दिया।
4. ईस्ट-वेस्ट एयरलाइन (1992–1996)
भारत की पहली राष्ट्रीय स्तर की प्राइवेट एयरलाइन। प्रबंधन विवाद और वित्तीय संकट के कारण इसे भी 1996 में ऑपरेशन बंद करना पड़ा।
5. एनईपीसी एयरलाइंस (1993–1997)
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने वाली यह चेन्नई बेस्ड एयरलाइन भारी कर्ज और मिसमैनेजमेंट की वजह से बंद हो गई।
6. एयर सहारा (1993–2007)
एक समय तेज़ी से बढ़ती एयरलाइन मानी जाने वाली एयर सहारा को आर्थिक संघर्षों के कारण 2007 में जेट एयरवेज ने अधिग्रहित कर लिया।
7. जेट एयरवेज (1993–2019)
देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन मानी जाने वाली जेट एयरवेज बढ़ते कर्ज और भारी नुकसान के कारण 2019 में बंद हो गई। बाद में यह दिवालिया प्रक्रिया में चली गई।
8. किंगफिशर एयरलाइंस (2005–2012)
विजय माल्या की हाई-एंड एयरलाइन शुरुआत में लग्जरी सेवा के लिए चर्चित रही, लेकिन भारी कर्ज और वित्तीय अनियमितताओं के कारण 2012 में इसकी उड़ानें रुक गईं।
9. एयर डेक्कन (2003–2007)
भारत की पहली लो-कॉस्ट एयरलाइन, जिसने छोटे शहरों को जोड़ने का मिशन रखा। आर्थिक संकट के बाद 2007 में इसे किंगफिशर को बेच दिया गया।
10. पैरामाउंट एयरवेज (2005–2010)
चेन्नई बेस्ड इस कंपनी के पास एम्ब्रेयर और बोइंग विमान थे, लेकिन कर्ज के बोझ और वित्तीय समस्या ने 2010 में इसे बंद कर दिया।
11. एयर कोस्टा (2013–2017)
रिजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने वाली इस एयरलाइन ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन हाई ऑपरेशनल कॉस्ट और कम पैसेंजर लोड के चलते यह 2017 में बंद हो गई।
पिछले 5 सालों में भी बंद हुए कई ऑपरेटर
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में हेरिटेज एविएशन, टर्बो मेघा एयरवेज, जेक्सस एयर सर्विसेज, डेक्कन चार्टर्स, एयर ओडिशा, जेट एयरवेज और जेट लाइट जैसे 7 ऑपरेटर पूरी तरह बंद हो चुके हैं।












