सात फेरे, पहली रात और गायब दुल्हन,उत्तर प्रदेश की इस सुहागरात ने सबको चौंकाया

सब कुछ सामान्य था, लेकिन आधी रात करीब 1 बजे दूल्हे की नींद तब टूटी जब उसने देखा कि उसका कमरा खाली है और दुल्हन रहस्यमयी ढंग से गायब है। परिवार के होश उड़ गए। कुछ ही मिनटों में घरवाले, रिश्तेदार और गांववाले टॉर्च लेकर चारों तरफ खोजबीन में जुट गए।

टेढ़ी मुस्कान की जगह सूनी नजरें… सुहागरात पर दुल्हन के लापता होने से मायूस बैठा दूल्हा
टेढ़ी मुस्कान की जगह सूनी नजरें… सुहागरात पर दुल्हन के लापता होने से मायूस बैठा दूल्हा
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar04 Dec 2025 09:29 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में सुहागरात पर हुई एक अजीबो-ग़रीब घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नहटौर थाना क्षेत्र में हुई इस घटना ने न सिर्फ दूल्हे के परिवार को सकते में डाल दिया, बल्कि रातभर गांव में हड़कंप मचा रहा। शादी के बाद सोमवार शाम नई दुल्हन की घर में जमकर रस्में चलीं। सब कुछ सामान्य था, लेकिन आधी रात करीब 1 बजे दूल्हे की नींद तब टूटी जब उसने देखा कि उसका कमरा खाली है और दुल्हन रहस्यमयी ढंग से गायब है। परिवार के होश उड़ गए। कुछ ही मिनटों में घरवाले, रिश्तेदार और गांववाले टॉर्च लेकर चारों तरफ खोजबीन में जुट गए।

गांव के बाहरी रास्ते पर मिली दुल्हन

सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और गांववालों के साथ सर्च ऑपरेशन शुरू किया। लगभग डेढ़ घंटे की तलाश के बाद दुल्हन गांव के बाहरी रास्ते पर अकेली खड़ी मिली। दुल्हन के मिलते ही दोनों पक्ष थाने पहुंच गए, जहां काफ़ी देर तक बहस, आरोप-प्रत्यारोप और माहौल में तनाव देखने को मिला। पुलिस ने काफी समझाइश के बाद स्थिति को शांत कराया।

जांच में हुआ बड़ा खुलासा

धामपुर सीओ अभय कुमार पांडेय के अनुसार प्रारंभिक जांच में पता चला कि दुल्हन शादी से पहले एक अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध में थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि वह व्यक्ति पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। परिवार ने लड़की की शादी कहीं और तय कर दी, लेकिन दुल्हन अपना रिश्ता पीछे नहीं छोड़ पाई और सुहागरात पर ही घर छोड़कर निकल गई। थाने में पूछताछ के दौरान दूल्हे ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह दुल्हन को अब अपने साथ नहीं रखना चाहता। दुल्हन के मायके पक्ष ने भी अपनी दलीलें दीं, लेकिन अंत में दोनों परिवारों ने कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया। औपचारिक कार्यवाही के बाद पुलिस ने दुल्हन को मायके वालों के सुपुर्द कर दिया। बिजनौर, नहटौर और आसपास के इलाकों में यह मामला तेजी से चर्चा में है। सोशल मीडिया पर भी लोग इसे उत्तर प्रदेश की हालिया ‘सबसे हैरान करने वाली सुहागरात घटना’ बता रहे हैं। UP News

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बीजेपी सांसद ने कहा- ताजमहल की खूबसूरती आगरा वालों के लिए परेशानी

फतेहपुर सीकरी के भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने संसद के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि ताज ट्रेपेजियम जोन और एनजीटी द्वारा लगाए गए कठोर नियमों के कारण शहर में नए उद्योग स्थापित करना लगभग नामुमकिन हो गया है। इसका सीधा असर युवाओं की रोजगार संभावनाओं पर पड़ रहा है।

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आगरा का ताजमहल
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar03 Dec 2025 07:03 PM
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UP News : आगरा में ताजमहल की विश्व प्रसिद्ध खूबसूरती जहाँ दुनिया को आकर्षित करती है, वहीं स्थानीय लोगों के लिए यह एक तरह की मुश्किल बन गई है। फतेहपुर सीकरी के भाजपा सांसद राजकुमार चाहर ने संसद के शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि ताज ट्रेपेजियम जोन और एनजीटी द्वारा लगाए गए कठोर नियमों के कारण शहर में नए उद्योग स्थापित करना लगभग नामुमकिन हो गया है। इसका सीधा असर युवाओं की रोजगार संभावनाओं पर पड़ रहा है।

औद्योगिक प्रतिबंधों के कारण विकास की राह अवरुद्ध

सांसद ने बताया कि आगरा की भौगोलिक स्थिति और हाईवे कनेक्टिविटी उसे एक बड़े औद्योगिक और तकनीकी केंद्र के रूप में विकसित होने की क्षमता देती है। शहर दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे और आगरा-जयपुर मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके बावजूद औद्योगिक प्रतिबंधों के कारण विकास की राह अवरुद्ध है।

शहर को आईटी हब घोषित करने की मांग

उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि आगरा के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शहर को आईटी हब घोषित किया जाए। चाहर का कहना है कि आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने से हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे, शहर का आर्थिक विकास तेज होगा और साथ ही ताजमहल की ऐतिहासिक सुंदरता भी बनी रहेगी।

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माफिया अतीक के भाई की कुर्क जमीन को भूमाफिया ने बेचा

घटना का खुलासा तब हुआ जब उस जमीन पर अवैध रूप से प्लॉटिंग व निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। यह देखकर स्थानीय प्रशासन की नींद खुली। उपजिलाधिकारी सदर के निर्देश पर, राजस्व निरीक्षक ने उक्त मामले में एफआईआर दर्ज कराई।

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माफिया अतीक और अशरफ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar03 Dec 2025 06:16 PM
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UP News : प्रयागराज (एयरपोर्ट थाना इलाके) में, अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की वो जमीन, जिसे पहले प्रशासन ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दिया था, अब कथित रूप से एक दूसरे भूमाफिया द्वारा बेच दी गई है। घटना का खुलासा तब हुआ जब उस जमीन पर अवैध रूप से प्लॉटिंग व निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। यह देखकर स्थानीय प्रशासन की नींद खुली। उपजिलाधिकारी सदर के निर्देश पर, राजस्व निरीक्षक ने उक्त मामले में एफआईआर दर्ज कराई। आरोपी के तौर पर नाम आया है एक व्यक्ति का जो माफिया बताया गया है। 

जमीन पहले क्यों कुर्क की गई थी

यह जमीन पहले इसलिए कुर्क की गई थी क्योंकि अशरफ (खालिद अजीम) और उनके करीबी लोगों पर विभिन्न आरोपों के तहत मुकदमे थे, और पुलिस प्रशासन की जांच में यह पाया गया कि उनकी कई संपत्तियाँ गैरकानूनी तरीके से बेनाम या संदिग्ध स्रोत से खरीदी गई थीं। उस समय उन संपत्तियों को राज्य को आबंटित किया गया, लेकिन जैसा कि यह नया मामला दिखाता है कुर्की का जिसके बाद भी जमीन की निगरानी एवं सुरक्षा में कमी रही।

क्या हुआ, कैसे बेची गई जमीन

आरोप है कि आरोपी ने पुरानी कुर्क नोटिस बोर्ड को फाड़ (उखाड़) फेंका और जमीन को कई हिस्सों में बाँट (प्लाटिंग) कर तीसरे पक्ष को बेच दी। जब उन नए प्लाट्स पर निर्माण व कब्जा शुरू हुआ, तो स्थानीय प्रशासन को पता चला और तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी गई। 

इस तरह, कुर्क की गई जमीन का पुन: विक्रय जो कि गैरकानूनी व अपराध है, सामने आया और इस पर केस दर्ज कर छानबीन शुरू हुई।पिछला इतिहास, क्यों है संदिग्ध

अतीक अहमद की मौत के बाद भी, उसकी और उसके परिवार की बेनाम व अवैध संपत्तियों को लेकर कई मुकदमे और कुर्की हुई है। उदाहरण के लिए, 2024 में उनकी करोड़ों रुपये की जमीनों को सरकार द्वारा जब्त कर लिया गया था। पुलिस व प्रशासन ने समय-समय पर उन अवैध संपत्तियों को अटैच/ कुर्क किया, लेकिन अक्सर जमीनों की हिफाजत व निगरानी में कमजोरी दिखी। जिससे भूमाफिया या दलालों के लिए मौका मिल जाता है कि वे प्लॉटिंग कर उसे बेच दें। इस घटना से क्या सीख मिलती है

सिर्फ कुर्क करना ही पर्याप्त नहीं है, कुर्क की गई जमीनों पर पुन: कब्जा या अवैध बिक्री रोकने के लिए निरंतर निगरानी, फिजिÞकल गार्डिंग, और रिकॉर्ड चेक जैसे कड़े कदम जरूरी होते हैं। ऐसे मामलों की पारदर्शिता होनी चाहिए अगर कोई जमीन कुर्क हो चुकी है, तो उसकी स्थिति सार्वजनिक होनी चाहिए ताकि किसी भी दूसरी बिक्री/प्लॉटिंग की संभावना पहले से पता चल सके। आम जनता (खासकर वो लोग जो जमीन खरीदने-बेचने में रुचि रखते हैं) को चाहिए कि वे जमीन से जुड़े दस्तावेज, कुर्की या सरकारी नोटिस आदि की पूरी जांच करें ताकि वे धोखाधड़ी से बच सकें।