रिंकू वनडे टीम में: भारत को इस महीने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जाना है। इस दौरे पर भारत 3 टी20, 3 वनडे और 2 टेस्ट मैच खेलेगा। इस दौरे पर तीनों फॉर्मेट के लिए भारतीय टीम की घोषणा की जा चुकी है। अपेक्षा के अनुरूप टी20 टीम में रिंकू सिंह का नाम तो है ही, साथ ही उन्हें उनके अब तक किए गए शानदार प्रदर्शन का ईनाम देते हुए पहली बार वनडे टीम में भी जगह दी गई है।
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रिंकू वनडे टीम में: पहली बार स्क्वाड में किया गया शामिल
इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में खेलकर शानदार प्रदर्शन कर रहे रिंकू सिंह को अफ्रीका दौरे पर टी20 के साथ वनडे स्क्वाड में भी शामिल किया गया है। रिंकू ने इस साल पहले अपनी आईपीएल टीम केकेआर और फिर टीम इंडिया के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। इसी को देखते हुए अब वनडे टीम के लिए भी पहली बार चुना गया है।
रिंकू के लिए इस साल आईपीएल रहा था यादगार, रिंकू वनडे टीम में
आईपीएल 2023 यदि किसी खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा यादगार रहा, तो वो खिलाड़ी हैं रिंकू सिंह। इस सीजन रिंकू ने फिनिशर की भूमिका इतने शानदार तरीके से निभाई कि हर कोई उनका फैन हो गया। उनके गुजरात टाइटन्स के खिलाफ आखिरी 5 गेंदों में 5 छक्के लगाकर केकेआर को लगभग असंभव सी जीत दिलाने वाली पारी को सालों तक याद रखा जाएगा।
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नीचे बल्लेबाजी के लिए आने के बावजूद रिंकू सिंह ने इस सीजन 14 मैच में 474 रन 149 .52 की शानदार स्ट्राइक रेट और 59.25 की औसत से बनाए। जिसमें 4 फिफ्टी भी शामिल हैं। वो आईपीएल 2023 के इस सीजन में रन बनाने के मामले में टॉप 10 बल्लेबाजों में शामिल रहे। अपने इस जबर्दस्त प्रदर्शन से उन्होंने दुनियाभर में अपने फैन बना लिए हैं। उनको टीम इंडिया का भविष्य का फिनिशर माना जा रहा है।
रिंकू वनडे टीम में: संघर्षों से भरा रहा है रिंकू का सफर
बाएँ हाथ के बल्लेबाज रिंकू की इस सफलता के पीछे काफी संघर्ष छिपा हुआ है। रिंकू के पिता आज भी LPG सिलेंडर की सप्लाई करते हैं। एक समय तो ऐसा आ गया था जब रिंकू ने पोछा लगाने तक का काम किया। रिंकू ने बताया कि वह जब पहली बार कानपुर टूर्नामेंट खेलने के लिए गए थे, तो उनकी मां ने पड़ोस की एक आंटी से 100 रुपये उधार लेकर उन्हें दिए थे। क्योंकि पिता को उनका खेलना पसंद नहीं था और वो क्रिकेट खेलने पर रिंकू को बहुत मारते थे। वह चाहते थे कि रिंकू पढ़ाई लिखाई करे।
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रिंकू ने ये भी बताया कि मेरा भाई कोचिंग में काम करता था। एक बार वह उन्हें नौकरी के लिए ले गया, यहां उन्हें पोछा लगाने की जॉब मिली। रिंकू का अपनी नौकरी में मन नहीं लग रहा था। इसलिए उन्होंने जॉब छोड़ दी और क्रिकेट पर फोकस किया। 2012 में स्कूली टूर्नामेंट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और प्राइस में उन्हें बाइक मिली। इसके बाद से रिंकू के पापा ने रिंकू पर गुस्सा करना बंद कर दिया।
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