वोटर लिस्ट विवाद पर विधानसभा में घमासान, मार्शल पर चली कुर्सी

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Bihar News
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calendar22 Jul 2025 03:38 PM
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Bihar News: बिहार विधानसभा का सत्र मंगलवार को उस वक्त अखाड़े में तब्दील हो गया जब वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर आरजेडी विधायकों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। सभी आरजेडी सदस्य काले कपड़ों में पहुंचे थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई आरजेडी विधायक वेल के पास पहुंच गए और जोरदार हंगामा करने लगे। स्थिति बिगड़ती देख विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने सुरक्षा के लिए मार्शल्स को बुलाया। इसी दौरान मामला उग्र हो गया और कुछ आरजेडी विधायकों ने कुर्सियां उठा लीं, जिससे सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस पूरे घटना के बीच उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सत्ता पक्ष की ओर से अपनी सीट से कुछ कहते नजर आए लेकिन शोरगुल के कारण उनकी बात साफ नहीं हो सकी।

चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर तीखे सवाल

विवाद की जड़ है बिहार में चल रहा वोटर लिस्ट रिवीजन जिस पर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इससे पहले चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर तीखे सवाल दागे और चेतावनी दी कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी की गई तो सड़कों से लेकर सदन तक आरजेडी आंदोलन करेगी। तेजस्वी ने कहा, “यह मतदाता सूची में गड़बड़ी की साजिश है। हम चुप नहीं बैठेंगे लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे।”  Bihar News  
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नीतीश कुमार को मिलेगी उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी? चर्चाएं तेज

Nitish kumar
Bihar Samachar
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 07:14 AM
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Nitish Kumar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद देश की सियासत में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच बिहार से चौंकाने वाली राजनीतिक मांग उठी है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का अगला उपराष्ट्रपति बनाने की मांग BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने की है। इस बयान के बाद राज्य की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है खासकर तब जब बिहार में विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। हालांकि, नीतीश कुमार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अब तक नहीं मिला कोई समर्थन

बिहार विधानसभा सत्र में शामिल होने से पहले हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मीडिया से बातचीत में कहा, "अगर नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाया जाए, तो यह बिहार के लिए गौरव की बात होगी। उनका अनुभव और संतुलित छवि उन्हें इस पद के योग्य बनाती है।" हालांकि, बीजेपी की ओर से इस बयान को अब तक संगठनात्मक तौर पर कोई समर्थन नहीं मिला है, लेकिन चुनावी मौसम में इस तरह की मांगें अपने-आप में राजनीतिक संकेतों से कम नहीं होतीं।

पहले भी उठ चुकी हैं बड़े पद की मांगें

यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार को राष्ट्रीय पद की पेशकश या सुझाव सामने आया हो। कुछ महीने पहले ही पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उन्हें देश का उप प्रधानमंत्री बनाए जाने की वकालत की थी। हालांकि, उस समय भी नीतीश कुमार ने चुप्पी साधे रखी थी, जैसा कि इस बार भी देखा जा रहा है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात करीब 9 बजे स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए यह फैसला लिया, जिसकी राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग व्याख्याएं की जा रही हैं। अब जब नया उपराष्ट्रपति चुना जाना है, तो कई राजनीतिक विश्लेषक इसे बिहार चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। अगर नीतीश कुमार के नाम पर गंभीरता से चर्चा होती है, तो यह बिहार की राजनीति की दिशा और दशा को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकता है।

क्या नीतीश मानेंगे यह 'राष्ट्रीय प्रस्ताव'?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या नीतीश कुमार जो बिहार की राजनीति के सबसे अनुभवी चेहरों में से एक हैं, इस संभावित राष्ट्रीय भूमिका को स्वीकार करेंगे? या फिर वे बिहार की राजनीति में ही बने रहेंगे और NDA का चेहरा बनकर चुनावी समर में उतरेंगे? राजनीतिक जवाब शायद जल्द मिल जाए लेकिन फिलहाल यह मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बन चुका है।
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CBSE का बड़ा कदम: अब हर स्कूल में CCTV अनिवार्य

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locationभारत
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calendar27 Nov 2025 05:26 AM
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बच्चों की सुरक्षा अब केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि प्राथमिकता बन चुकी है। इसी दिशा में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए देशभर के सभी स्कूलों में CCTV कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश स्कूल परिसरों को सुरक्षित और निगरानीयुक्त वातावरण देने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

स्कूल का हर कोना अब कैमरे की नज़र में

CBSE के नए निर्देश के अनुसार अब प्रत्येक स्कूल को अपने क्लासरूम, गलियारे (कॉरिडोर), प्रवेश और निकासी द्वार, साथ ही प्रयोगशालाओं (Labs) में CCTV कैमरे लगाने होंगे। इस कदम से स्कूलों में होने वाली अनुशासनहीनता, दुर्व्यवहार, और अन्य असामाजिक गतिविधियों पर नज़र रखना आसान हो जाएगा। हालांकि बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि टॉयलेट जैसी निजी जगहों में कैमरे नहीं लगाए जाएंगे, ताकि बच्चों और स्टाफ की प्राइवेसी बनी रहे।

सिर्फ कैमरा लगाना ही नहीं, इसका रखरखाव भी जरूरी

CBSE ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल केवल कैमरे लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते। कैमरों की नियमित जांच और उनका रखरखाव अनिवार्य होगा। अगर कोई कैमरा खराब हो जाए और उसकी मरम्मत समय पर न हो, तो सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न लग सकता है। बोर्ड का कहना है कि एक टूटा हुआ कैमरा मुसीबत के समय किसी काम का नहीं होता।

रिकॉर्डिंग कम से कम 15 दिन तक सुरक्षित रखनी होगी

बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि सभी CCTV रिकॉर्डिंग को न्यूनतम 15 दिनों तक सुरक्षित रखा जाए। ऐसा इसलिए ताकि किसी शिकायत या घटना की स्थिति में उसके प्रमाण के तौर पर वीडियो रिकॉर्डिंग को पेश किया जा सके। यह व्यवस्था छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों तीनों के लिए जवाबदेही और पारदर्शिता का रास्ता खोलती है।

सुरक्षा बनाम निजता: क्या सभी हैं इस फैसले से सहमत?

हालांकि, इस आदेश पर सभी की राय एक जैसी नहीं है। कुछ लोग मानते हैं कि स्कूलों में बढ़ती निगरानी से बच्चों के स्वाभाविक व्यवहार पर असर पड़ सकता है और शिक्षक भी दबाव महसूस कर सकते हैं। उनका मानना है कि बहुत ज़्यादा निगरानी छात्रों में आत्मविश्वास कम कर सकती है और उन पर हमेशा "देखे जाने" का मानसिक बोझ बना रह सकता है। दूसरी ओर, अधिकतर अभिभावक और विशेषज्ञ इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब बच्चों की सुरक्षा दांव पर हो, तब थोड़ी सख्ती जरूरी हो जाती है।

शिक्षा के साथ सुरक्षा भी अब स्कूल की जिम्मेदारी

CBSE का यह आदेश स्कूलों के लिए एक संकेत है कि अब उनका कार्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि एक सुरक्षित और भरोसेमंद माहौल उपलब्ध कराना भी है। जिस तरह समय के साथ चुनौतियाँ बदल रही हैं, उसी तरह स्कूलों को भी अपनी ज़िम्मेदारियों का दायरा बढ़ाना होगा। एक समय था जब माता-पिता बच्चों को पूरे भरोसे के साथ स्कूल भेजते थे। लेकिन बदलते दौर में यह भरोसा तकनीक और निगरानी से ही मज़बूत किया जा सकता है। इस फैसले से एक स्पष्ट संदेश गया है कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। शिक्षा और सुरक्षा अब साथ-साथ चलेंगी, और स्कूल परिसर बच्चों के लिए न केवल सीखने बल्कि सुरक्षित महसूस करने की भी जगह बनेंगे। लोन के बदले रिश्वत! ICICI की पूर्व CEO पर लगा बड़ा ठप्पा