चुनाव से पहले BJP को झटकों की हैट्रिक, राकेश झा हुए लालू के लाल

तीन नेताओं का इस्तीफा
पिछले एक महीने में भाजपा के तीन प्रभावशाली नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। हाल ही में वैश्य समाज से आने वाले राधाकांत गुप्ता उर्फ बच्चू जी ने भाजपा छोड़कर राजद जॉइन किया, जबकि वैश्य समुदाय के ही दूसरे बड़े नेता रामाधार साह ने जनसुराज की राह पकड़ी। अब राकेश झा के भाजपा छोड़ने से शिवहर में भाजपा की पकड़ कमजोर होती दिख रही है। गौरतलब है कि राकेश झा लंबे समय से भाजपा से जुड़े रहे, हालांकि उनके पिता अजीत झा विभिन्न दलों में सक्रिय रहे हैं और छोटे भाई नवनीत कुमार झा पहले से ही RJD में हैं।जनसुराज भी दिखा रहा दम
इधर बिहार में जनसुराज अभियान भी अपना आधार मजबूत करने में जुटा है। पिपराही में एक सभा को संबोधित करते हुए नीरज सिंह ने कहा कि "जनसुराज ही बिहार का भविष्य है। यहां के लोग आज भी 12–15 हजार की नौकरी के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं।" उन्होंने कहा कि जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और वृद्धा पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपये किया जाना केवल एक चुनावी जुमला है। नीरज सिंह के अनुसार, प्रशांत किशोर की अगुवाई में जनसुराज 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और पेंशन को ₹2000 तक पहुंचाने का वादा किया गया है।बिहार चुनाव से पहले बदलते समीकरण
भाजपा के लिए यह संकेत है कि आंतरिक असंतोष और बदलते राजनीतिक समीकरण उसे आगामी चुनाव में मुश्किल में डाल सकते हैं। दूसरी ओर, राजद और जनसुराज दोनों ही दल अपनी-अपनी रणनीति से पार्टी विस्तार और जनाधार मजबूत करने में लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो 2025 का विधानसभा चुनाव सिर्फ NDA बनाम INDIA गठबंधन नहीं, बल्कि तीर लालटेन जनसुराज त्रिकोण में तब्दील हो सकता है।अगली खबर पढ़ें
तीन नेताओं का इस्तीफा
पिछले एक महीने में भाजपा के तीन प्रभावशाली नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। हाल ही में वैश्य समाज से आने वाले राधाकांत गुप्ता उर्फ बच्चू जी ने भाजपा छोड़कर राजद जॉइन किया, जबकि वैश्य समुदाय के ही दूसरे बड़े नेता रामाधार साह ने जनसुराज की राह पकड़ी। अब राकेश झा के भाजपा छोड़ने से शिवहर में भाजपा की पकड़ कमजोर होती दिख रही है। गौरतलब है कि राकेश झा लंबे समय से भाजपा से जुड़े रहे, हालांकि उनके पिता अजीत झा विभिन्न दलों में सक्रिय रहे हैं और छोटे भाई नवनीत कुमार झा पहले से ही RJD में हैं।जनसुराज भी दिखा रहा दम
इधर बिहार में जनसुराज अभियान भी अपना आधार मजबूत करने में जुटा है। पिपराही में एक सभा को संबोधित करते हुए नीरज सिंह ने कहा कि "जनसुराज ही बिहार का भविष्य है। यहां के लोग आज भी 12–15 हजार की नौकरी के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं।" उन्होंने कहा कि जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और वृद्धा पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपये किया जाना केवल एक चुनावी जुमला है। नीरज सिंह के अनुसार, प्रशांत किशोर की अगुवाई में जनसुराज 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और पेंशन को ₹2000 तक पहुंचाने का वादा किया गया है।बिहार चुनाव से पहले बदलते समीकरण
भाजपा के लिए यह संकेत है कि आंतरिक असंतोष और बदलते राजनीतिक समीकरण उसे आगामी चुनाव में मुश्किल में डाल सकते हैं। दूसरी ओर, राजद और जनसुराज दोनों ही दल अपनी-अपनी रणनीति से पार्टी विस्तार और जनाधार मजबूत करने में लगे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो 2025 का विधानसभा चुनाव सिर्फ NDA बनाम INDIA गठबंधन नहीं, बल्कि तीर लालटेन जनसुराज त्रिकोण में तब्दील हो सकता है।संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







