यूपी आवास विकास का बड़ा एलान : 11 हजार फ्लैट्स होंगे बिक्री के लिए उपलब्ध

एकमुश्त भुगतान पर मिलेगी 5% छूट
परिषद के सचिव नीरज शुक्ला के अनुसार, विभिन्न नगरों की आवासीय योजनाओं में खाली पड़े फ्लैट्स को बिक्री के लिए चिन्हित किया जा रहा है। मांग के अनुसार कुछ स्थानों पर अधिकतम 40% तक की छूट देने की योजना है। हालांकि, लखनऊ में स्थित अवध विहार, वृंदावन योजना और मुन्नूखेड़ा जैसे इलाकों में फ्लैट्स की मांग पहले से ही काफी अधिक है, इसीलिए यहां कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जाएगी। हालांकि, यदि खरीदार एकमुश्त भुगतान करता है, तो उसे 5% की छूट दी जाएगी।वाराणसी में पुरानी योजना को मिली मंजूरी
एक दशक से लंबित वाराणसी की जीटी रोड बाईपास योजना को भी परिषद द्वारा दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना के तहत निबिया और फरीद गांवों की भूमि खरीदने की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है। यह विकास भूमि विकास एवं गृह स्थान योजना के अंतर्गत किया जाएगा।बोर्ड बैठक में पारित अन्य अहम प्रस्ताव
मुरादाबाद के मझोला योजना (चार भाग दो), सेक्टर-9ए में नगर निगम को ग्रुप हाउसिंग भूमि आवंटित की जाएगी। इसके लिए भू-उपयोग को 'संस्थागत' श्रेणी में बदला जाएगा। आगरा के सिकंदरा योजना में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को कार्यालय निर्माण के लिए वाणिज्यिक श्रेणी की भूमि आवंटित की जाएगी। भूमि की पूरी कीमत आईबी द्वारा चुकाई जाएगी। इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि यूपी सरकार का जोर आवासीय योजनाओं को गति देने और भूमि उपयोग की दक्षता बढ़ाने पर है। जबकि राज्य के अधिकतर शहरों में छूट देकर खरीदारों को आकर्षित किया जाएगा, वहीं लखनऊ जैसे प्रीमियम बाजार में बाजार की मांग ही सबसे बड़ा आकर्षण है। यहां रियायतों की जगह स्थायित्व और लोकेशन ही प्राथमिकता में हैं।अगली खबर पढ़ें
एकमुश्त भुगतान पर मिलेगी 5% छूट
परिषद के सचिव नीरज शुक्ला के अनुसार, विभिन्न नगरों की आवासीय योजनाओं में खाली पड़े फ्लैट्स को बिक्री के लिए चिन्हित किया जा रहा है। मांग के अनुसार कुछ स्थानों पर अधिकतम 40% तक की छूट देने की योजना है। हालांकि, लखनऊ में स्थित अवध विहार, वृंदावन योजना और मुन्नूखेड़ा जैसे इलाकों में फ्लैट्स की मांग पहले से ही काफी अधिक है, इसीलिए यहां कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जाएगी। हालांकि, यदि खरीदार एकमुश्त भुगतान करता है, तो उसे 5% की छूट दी जाएगी।वाराणसी में पुरानी योजना को मिली मंजूरी
एक दशक से लंबित वाराणसी की जीटी रोड बाईपास योजना को भी परिषद द्वारा दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस परियोजना के तहत निबिया और फरीद गांवों की भूमि खरीदने की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है। यह विकास भूमि विकास एवं गृह स्थान योजना के अंतर्गत किया जाएगा।बोर्ड बैठक में पारित अन्य अहम प्रस्ताव
मुरादाबाद के मझोला योजना (चार भाग दो), सेक्टर-9ए में नगर निगम को ग्रुप हाउसिंग भूमि आवंटित की जाएगी। इसके लिए भू-उपयोग को 'संस्थागत' श्रेणी में बदला जाएगा। आगरा के सिकंदरा योजना में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को कार्यालय निर्माण के लिए वाणिज्यिक श्रेणी की भूमि आवंटित की जाएगी। भूमि की पूरी कीमत आईबी द्वारा चुकाई जाएगी। इन फैसलों से यह स्पष्ट है कि यूपी सरकार का जोर आवासीय योजनाओं को गति देने और भूमि उपयोग की दक्षता बढ़ाने पर है। जबकि राज्य के अधिकतर शहरों में छूट देकर खरीदारों को आकर्षित किया जाएगा, वहीं लखनऊ जैसे प्रीमियम बाजार में बाजार की मांग ही सबसे बड़ा आकर्षण है। यहां रियायतों की जगह स्थायित्व और लोकेशन ही प्राथमिकता में हैं।संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







