Weather News : उत्तर—पश्चिम भारत में तीन दिन और जारी रहेगा तेज शीत लहर

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उसके मुताबिक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों जैसे जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड इत्यादि में सात जनवरी के बाद छिटपुट वर्षा और बर्फबारी के भी आसार हैं। आईएमडी अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान इस मौसम का सबसे कम 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और राष्ट्रीय राजधानी धर्मशाला, नैनीताल और देहरादून से भी ज्यादा सर्द रही। उन्होंने बताया कि घने कोहरे के कारण दृश्यता 200 मीटर रह गई, जिससे सड़क और रेल परिवहन प्रभावित हुआ है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उपग्रह के जरिये ली गई तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें भारत में गंगा के मैदानी क्षेत्रों व उससे लगते मध्य तथा पूर्वी भाग में कोहरे की मोटी परत दिख रही है। [caption id="attachment_55949" align="alignnone" width="300"]
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आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, भारत के उत्तरी व मध्य भागों में कोहरा छाया हुआ है, जिससे विभिन्न स्थानों पर 'सर्द' से 'बहुत सर्द' दिन रहा। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के दूरस्थ स्थानों पर शीत लहर दर्ज की गई। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित पालम वेधशाला ने बुधवार को सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 200 मीटर दर्ज की।
दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, बर्फ से लदे हिमालय से शुरू होकर मैदानों से आ रही सर्द हवाओं के कारण बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन अंक नीचे 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो एक दिन पहले 8.5 डिग्री सेल्सियस था।
आईएमडी ने संभावना जताई कि राष्ट्रीय राजधानी में अगले तीन दिन तक शीत लहर चलेगी और तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। दिल्ली में मंगलवार को लोधी रोड, पालम, जफरपुर और मयूर विहार समेत कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में सामान्य से पांच अंकों की गिरावट के साथ 'सर्द दिन' दर्ज किया गया। आईएमडी ने बुधवार दोपहर को अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई है।
आईएमडी के अनुमान के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में शीत लहर जारी रहेगी और इसके बाद ही लोगों को कुछ राहत मिलेगी। उसने कहा, अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में घना कोहरा और ठंड की स्थिति जारी रहने की संभावना है और उसके बाद इसकी तीव्रता में कमी आने की संभावना है।
आईएमडी ने कहा, दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश से पश्चिम विदर्भ तक कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में हल्की बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने अनुमान जताया कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सात जनवरी से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में अलग-अलग/छिटपुट वर्षा/बर्फबारी हो सकती है।
आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है। शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो।
न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है। एक ‘शीत दिवस’ तब होता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है। एक ‘बेहद ठंडा दिन’ तब होता है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक कम होता है।
राजस्थान के कई इलाकों में घने कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी का दौर बुधवार को भी जारी रहा। राज्य में मंगलवार रात फतेहपुर सीकर और चूरू में पारा शून्य से नीचे लुढ़क गया। मौसम विभाग ने अलवर, भरतपुर, धौलपुर, झुंझुनूं और करौली सहित कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप जारी रहने की संभावना के मद्देनजर ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
कश्मीर घाटी में लगातार तीसरी रात पारा जमाव बिंदु से नीचे दर्ज किया गया। श्रीनगर में मंगलवार की रात न्यूनतम तापमान शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि पिछली रात यह शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया और पहलगाम जम्मू-कश्मीर का सबसे ठंडा स्थान रहा।
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उसके मुताबिक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों जैसे जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड इत्यादि में सात जनवरी के बाद छिटपुट वर्षा और बर्फबारी के भी आसार हैं। आईएमडी अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान इस मौसम का सबसे कम 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और राष्ट्रीय राजधानी धर्मशाला, नैनीताल और देहरादून से भी ज्यादा सर्द रही। उन्होंने बताया कि घने कोहरे के कारण दृश्यता 200 मीटर रह गई, जिससे सड़क और रेल परिवहन प्रभावित हुआ है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उपग्रह के जरिये ली गई तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें भारत में गंगा के मैदानी क्षेत्रों व उससे लगते मध्य तथा पूर्वी भाग में कोहरे की मोटी परत दिख रही है। [caption id="attachment_55949" align="alignnone" width="300"]
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आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, भारत के उत्तरी व मध्य भागों में कोहरा छाया हुआ है, जिससे विभिन्न स्थानों पर 'सर्द' से 'बहुत सर्द' दिन रहा। हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के दूरस्थ स्थानों पर शीत लहर दर्ज की गई। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित पालम वेधशाला ने बुधवार को सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता 200 मीटर दर्ज की।
दिल्ली के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला के अनुसार, बर्फ से लदे हिमालय से शुरू होकर मैदानों से आ रही सर्द हवाओं के कारण बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन अंक नीचे 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो एक दिन पहले 8.5 डिग्री सेल्सियस था।
आईएमडी ने संभावना जताई कि राष्ट्रीय राजधानी में अगले तीन दिन तक शीत लहर चलेगी और तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। दिल्ली में मंगलवार को लोधी रोड, पालम, जफरपुर और मयूर विहार समेत कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में सामान्य से पांच अंकों की गिरावट के साथ 'सर्द दिन' दर्ज किया गया। आईएमडी ने बुधवार दोपहर को अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई है।
आईएमडी के अनुमान के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक उत्तर-पश्चिम भारत में शीत लहर जारी रहेगी और इसके बाद ही लोगों को कुछ राहत मिलेगी। उसने कहा, अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में घना कोहरा और ठंड की स्थिति जारी रहने की संभावना है और उसके बाद इसकी तीव्रता में कमी आने की संभावना है।
आईएमडी ने कहा, दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश से पश्चिम विदर्भ तक कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में हल्की बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने अनुमान जताया कि ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सात जनवरी से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में अलग-अलग/छिटपुट वर्षा/बर्फबारी हो सकती है।
आईएमडी के अनुसार, न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर शीत लहर की घोषणा की जाती है। शीतलहर की घोषणा तब भी की जाती है जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो और सामान्य से 4.5 डिग्री कम हो।
न्यूनतम तापमान के दो डिग्री सेल्सियस रहने या सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहने पर ‘भीषण’ शीतलहर की घोषणा की जाती है। एक ‘शीत दिवस’ तब होता है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस कम होता है। एक ‘बेहद ठंडा दिन’ तब होता है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक कम होता है।
राजस्थान के कई इलाकों में घने कोहरे के साथ कड़ाके की सर्दी का दौर बुधवार को भी जारी रहा। राज्य में मंगलवार रात फतेहपुर सीकर और चूरू में पारा शून्य से नीचे लुढ़क गया। मौसम विभाग ने अलवर, भरतपुर, धौलपुर, झुंझुनूं और करौली सहित कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप जारी रहने की संभावना के मद्देनजर ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
कश्मीर घाटी में लगातार तीसरी रात पारा जमाव बिंदु से नीचे दर्ज किया गया। श्रीनगर में मंगलवार की रात न्यूनतम तापमान शून्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जबकि पिछली रात यह शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 9.4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया और पहलगाम जम्मू-कश्मीर का सबसे ठंडा स्थान रहा।
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