ब्रेकिंग न्यूज़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य को बताया वजह

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को किया धन्यवाद
अपने त्यागपत्र में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति के साथ उनका सहयोग और कार्य संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण और सहायक रहा है। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के साथ अपने अनुभवों को भी अमूल्य बताया। प्रधानमंत्री के सहयोग और समर्थन को उन्होंने "अनमोल" करार दिया और कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा।सांसदों के स्नेह और विश्वास को बताया जीवनभर की पूंजी
धनखड़ ने संसद के माननीय सदस्यों से मिले स्नेह, विश्वास और सम्मान को अपने जीवन की अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि यह विश्वास और अपनापन उनके दिल में हमेशा बना रहेगा। उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अनुभवों और दृष्टिकोणों के लिए उन्होंने देश और लोकतंत्र के प्रति कृतज्ञता जताई।भारत की प्रगति और वैश्विक भूमिका पर जताया गर्व
अपने पत्र में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तनकारी युग का साक्षी बनना उनके लिए सम्मान और संतोष की बात रही है। इस्तीफे के अंत में उन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य पर अटूट विश्वास जताया और देश की उपलब्धियों को लेकर गर्व प्रकट किया।
2022 में बने थे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर यह चुनाव जीता था। उस चुनाव में धनखड़ को 528 मत प्राप्त हुए थे, जबकि अल्वा को 182 मत मिले थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके थे और लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय थे। भाजपा विधायक ने काम कराने के लिए अधिकारियों के सामने रखे 50 हजारअगली खबर पढ़ें
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को किया धन्यवाद
अपने त्यागपत्र में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति के साथ उनका सहयोग और कार्य संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण और सहायक रहा है। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के साथ अपने अनुभवों को भी अमूल्य बताया। प्रधानमंत्री के सहयोग और समर्थन को उन्होंने "अनमोल" करार दिया और कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा।सांसदों के स्नेह और विश्वास को बताया जीवनभर की पूंजी
धनखड़ ने संसद के माननीय सदस्यों से मिले स्नेह, विश्वास और सम्मान को अपने जीवन की अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि यह विश्वास और अपनापन उनके दिल में हमेशा बना रहेगा। उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अनुभवों और दृष्टिकोणों के लिए उन्होंने देश और लोकतंत्र के प्रति कृतज्ञता जताई।भारत की प्रगति और वैश्विक भूमिका पर जताया गर्व
अपने पत्र में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तनकारी युग का साक्षी बनना उनके लिए सम्मान और संतोष की बात रही है। इस्तीफे के अंत में उन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य पर अटूट विश्वास जताया और देश की उपलब्धियों को लेकर गर्व प्रकट किया।
2022 में बने थे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर यह चुनाव जीता था। उस चुनाव में धनखड़ को 528 मत प्राप्त हुए थे, जबकि अल्वा को 182 मत मिले थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके थे और लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय थे। भाजपा विधायक ने काम कराने के लिए अधिकारियों के सामने रखे 50 हजारसंबंधित खबरें
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