उत्तर प्रदेश के इस शहर को मिलेगी जाम से राहत! बनेगी 30 किलोमीटर लंबी रिंग रोड

2117 करोड़ की लागत से बनेगी रिंग रोड
बरेली की रिंग रोड लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे से जुड़ी होगी। यह मार्ग झुमका तिराहा से चौबारी होते हुए इंवर्टिस यूनिवर्सिटी तक जाएगा। पूरी सड़क की लंबाई करीब 30 किलोमीटर होगी और इसकी अनुमानित लागत 2117 करोड़ बताई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80% जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और किसानों को 375 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए जा चुके हैं। पहले सितंबर में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन भूमि मुआवजा प्रक्रिया के कारण काम में थोड़ी देरी हुई। अब माना जा रहा है कि निर्माण कार्य इसी महीने से शुरू किया जा सकता है।चार आरओबी भी होंगे निर्माण का हिस्सा
इस रिंग रोड के साथ चार रोड ओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। इससे न केवल शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। रिंग रोड बन जाने के बाद दिल्ली-लखनऊ, नैनीताल और बरेली-पीलीभीत मार्गों से गुजरने वाले वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। इससे लोगों को रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और शहर के भीतर यातायात सुगम होगा। बरेली रिंग रोड प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में लागू किए जा रहे स्मार्ट रोड नेटवर्क मॉडल का हिस्सा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों को रिंग रोड और बाईपास सिस्टम से जोड़ा जाए ताकि ट्रैफिक, प्रदूषण और दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। UP Newsअगली खबर पढ़ें
2117 करोड़ की लागत से बनेगी रिंग रोड
बरेली की रिंग रोड लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे से जुड़ी होगी। यह मार्ग झुमका तिराहा से चौबारी होते हुए इंवर्टिस यूनिवर्सिटी तक जाएगा। पूरी सड़क की लंबाई करीब 30 किलोमीटर होगी और इसकी अनुमानित लागत 2117 करोड़ बताई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 80% जमीन का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और किसानों को 375 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए जा चुके हैं। पहले सितंबर में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन भूमि मुआवजा प्रक्रिया के कारण काम में थोड़ी देरी हुई। अब माना जा रहा है कि निर्माण कार्य इसी महीने से शुरू किया जा सकता है।चार आरओबी भी होंगे निर्माण का हिस्सा
इस रिंग रोड के साथ चार रोड ओवर ब्रिज भी बनाए जाएंगे। इससे न केवल शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा, बल्कि भारी वाहनों को शहर में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। रिंग रोड बन जाने के बाद दिल्ली-लखनऊ, नैनीताल और बरेली-पीलीभीत मार्गों से गुजरने वाले वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। इससे लोगों को रोजाना लगने वाले ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और शहर के भीतर यातायात सुगम होगा। बरेली रिंग रोड प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश में लागू किए जा रहे स्मार्ट रोड नेटवर्क मॉडल का हिस्सा है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों को रिंग रोड और बाईपास सिस्टम से जोड़ा जाए ताकि ट्रैफिक, प्रदूषण और दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके। UP Newsसंबंधित खबरें
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