उत्तर प्रदेश के 70 कॉलिजों पर चला कानून का डंडा, मान्यता रद्द

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calendar02 Dec 2025 04:56 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश के 70 कॉलिजों पर एक साथ कानून का डंडा चला है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थापित 70 कॉलिजों की मान्यता को एक साथ रद्द कर दिया गया है। इतनी बड़ी संख्या में कॉलिजों की मान्यता रदद हो जाने से उत्तर प्रदेश के शिक्षा जगत में हडक़म्प मच गया है।

उत्तर प्रदेश में गुरूजन तैयार करने वाले कॉलिजों पर चला डंडा

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में अध्यापकों के लिए बीएड की पढ़ाई करना जरूरी है। यानि कि बीएड की पढ़ाई के बिना (गुरूजन) नहीं बन सकता है। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में बीएड कॉलिज स्थापित हैं। उत्तर प्रदेश में बीएड कॉलिज के संचालन का बड़ा काम आगरा में स्थापित डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पास है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTI) ने उत्तर प्रदेश के डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध 70 बीएड कॉजिलों की मान्यता को तुरंत प्रभाव से रदद कर दिया है। NCTI की यह कार्यवाही पूरे देश में चल रही एक बड़ी प्रक्रिया का हिस्सा है। उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय मिश्रा ने बताया कि NCTI ने 70 कॉलेजों की बीएड की मान्यता रद्द की है। ये कॉलेज काउंसलिंग में शामिल नहीं होंगे। इसमें आगरा, मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद के कॉलेज शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के इन कॉलिजों की मान्यता रद्द देखें सूची

आगरा के कॉलेज

सी इंपेक्ट इंस्टीट्यूट, आगरा एचएल वर्मा महाविद्यालय, आगरा एक्मे इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी, आगरा एमडी कॉलेज, आगरा श्रीमती लक्ष्मीदेवी महिला एजुकेशन इंस्टीट्यूट, आगरा श्री रघुवीर सरन डिग्री कॉलेज, आगरा श्री पूरन प्रसाद गुप्ता मेमोरियल डिग्री कॉलेज, आगरा कृष्णा एकेडमी, आगरा श्रीराम महाविद्यालय, आगरा मां दुर्गा कॉलेज, आगरा विजय स्वरूप महिला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, आगरा एसडी भदावर डिग्री कॉलेज, आगरा रघुराम महाविद्यालय, आगरा पंडित मनीष शर्मा डिग्री कॉलेज, आगरा मदन मोहन स्मारक कॉलेज, आगरा पीतांबर डिग्री कॉलेज, आगरा राजा एसपी सिंह डिग्री कॉलेज, आगरा गायत्री महाविद्यालय, आगरा श्यामा श्याम टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, आगरा श्रीराम चरन सिंह महाविद्यालय, आगरा श्री सौदान सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, आगरा बीडीएम कन्या महाविद्यालय, आगरा बीआर कॉलेज, आगरा श्रीराम एजुकेशन कन्या डिग्री कॉलेज, आगरा एमडीपी कॉलेज, एजुकेशन, आगरा खजान सिंह गर्ल्स डिग्री कॉलेज, आगरा कला डिग्री कॉलेज, आगरा श्रीमती हरि प्यारी देवी एजुकेशन इंस्टीट्यूट, आगरा

मथुरा

सर्वोदय महाविद्यालय, मथुरा फैज आम मार्डन कॉलेज, मथुरा राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट, मथुरा एसडीएस डिग्री कॉलेज, मथुरा आरएसएस डिग्री कॉलेज, मथुरा श्रीमती प्रेमलता मायादेवी अग्रवाल गर्ल्स महाविद्यालय मथुरा श्री गिरराज महाराज कॉलेज, मथुरा श्रीरति राम महाविद्यालय, मथुरा आरबीएस कॉलेज, मथुरा एसजीएम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, मथुरा एनएसएस कॉलेज आफ एजुकेशन, मथुरा धनवंतिर एजुकेशन इंस्टीट्यूट, मथुरा एसएमएस महाविद्यालय, मथुरा शांति देवी श्रीनाथ भार्गव बीएड कॉलेज, मथुरा श्री श्याम सुंदर भगवान दास गर्ग महाविद्यालय, मथुरा आगरा एजुकेशन कॉलेज, मथुरा राजवीर सिंह सिकरवार कॉलेज, मथुरा पूरन गोपाल शुक्ला एकेडमी, मथुरा कृष्णा कॉलेज, मथुरा किशन प्यारी शुक्ला कॉलेज, मथुरा डीपी एजुकेशन इंस्टीट्यूट, मथुरा

फिरोजाबाद

एसआरके कॉलेज, फिरोजाबाद श्री साहब सिंह महाविद्यालय, फिरोजाबाद मां अंजनि इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, फिरोजाबाद चौधरी मुल्तान सिंह कॉलेज ऑफ एजुकेशन, फिरोजाबाद एसआरडी कॉलेज, फिरोजाबाद यदुनाथ पाल सिंह महाविद्यालय, फिरोजाबाद माइंड पावर एजुकेशन कॉलेज, शिकोहाबाद आरएन शिक्षा दीप कन्या महाविद्यालय, फिरोजाबाद एसआरडी कॉलेज, फिरोजाबाद

मैनपुरी

बाबूराम यादव डिग्री कॉलेज, मैनपुरी किशनी महाविद्यालय, मैनपुरी केबीए महिला महाविद्यालय, मैनपुरी शांतिदेवी महाविद्यालय, मैनपुरी एसके साइंटिफिक महाविद्यालय, मैनपुरी श्री भूप सिंह स्मृति महिला विद्यालय, मैनपुरी मोनी बाबा धर्मानंद सरस्वती महाराज महाविद्यालय, मैनपुरी चौधरी हरिद्वारी लाल महाविद्यालय, मैनपुरी विक्रम शिक्षा निकेतन महाविद्यालय, मैनपुरी

उत्तर प्रदेश सरकार की अनूठी पहल, सरकार कराएगी शादी

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उत्तर प्रदेश ने लगाई बड़ी छलांग, जीडीपी हुई 31 लाख करोड़

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UP News
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:12 AM
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UP News :  उत्तर प्रदेश ने विकास के मामले में बड़ी छलांग लगाई है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी यानि सकल घरेलू उत्पाद  (Gross Domes TIC Product) बढक़र 31 लाख करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश की इस बड़ी छलांग की जानकारी खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश का निर्यात 2 लाख करोड़ रूपए से अधिक का हो गया है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में CM ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में एक बड़े कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन  विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर किया गया था। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लोकभवन में आयोजित इस खास कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी जानकारी दी। उन्होंने उत्तर प्रदेश की आर्थिक प्रगति का खाका सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि पिछले आठ वर्षों में यूपी की आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 2017 में प्रदेश का निर्यात मात्र 80 हजार करोड़ रुपये था, जो आज 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 46 हजार रुपये से बढक़र 1 लाख 20 हजार रुपये और जीडीपी 12 लाख 75 हजार करोड़ से बढक़र 31 लाख करोड़ रुपये हो गई है। सीएम योगी ने कहा कि यह प्रगति बेहतर कानून व्यवस्था और सभी समुदायों को समान अवसर देने के कारण संभव हुई है।

उत्तर प्रदेश की दशा तथा दिशा दोनों बदल गई है

विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने यूथ अड्डा का लोकार्पण, सीएम युवा मोबाइल ऐप का शुभारंभ और बरेली व मुरादाबाद में 18 करोड़ रुपये की ओडीओपी सीएफसी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में जातिगत भेदभाव को समाप्त कर सभी समुदायों के युवाओं को समान अवसर प्रदान करने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को जातिगत संघर्ष कराने से ही फुरसत नहीं थी, जिसके कारण प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने न सिर्फ उद्यमियों की उपेक्षा की, बल्कि जातीय संघर्षों को बढ़ावा देने का कार्य भी किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले का यूपी दंगों के रूप में, माफिया गिरोह के रूप में, बेटी और व्यापारी के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश के रूप में जाना जाता था। पिछली सरकारों की उपलब्धि जातीय संघर्ष करा कर परिवारवाद के नाम पर एक जनपद एक माफिया देने की रही है। इसके चलते जनता के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था।
उन्होंने कहा कि यूपी ने 24 जनवरी 2018 में पहली बार अपने स्थापना दिवस का आयोजन किया। 1950 में यूपी की स्थापना होने के बाद से लेकर 2018 तक कभी प्रदेश के स्थापना दिवस का आयोजन नहीं हुआ, क्योंकि पिछली सरकारों को जातीय संघर्ष कराने और इसके आधार पर प्रदेश को पहचान का संकट खड़ा करने से फुरसत ही नहीं थी। वे सब अपने परिवार के लिए कार्य कर रहे थे, प्रदेश से उनका कोई मतलब नहीं था।

उत्तर प्रदेश को युवाओं के लिए उद्यमिता का नया मंच है यूथ अड्डा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यूथ अड्डा का लोकार्पण किया, जिसे यूपीकॉन द्वारा नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। यह मंच सभी जातियों और समुदायों के युवाओं को अपने व्यवसायिक विचार साझा करने, बैंकों से ऋण सहायता प्राप्त करने और अनुभवी मेंटर्स से मार्गदर्शन लेने का अवसर प्रदान करेगा। सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार जाति, क्षेत्र या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करती। हर युवा की प्रतिभा को मंच देने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। सीएम युवा मोबाइल ऐप के शुभारंभ के साथ, सरकार ने युवाओं को उद्यमिता से जोडऩे के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐप सभी समुदायों के युवाओं को बिना किसी जातिगत भेदभाव के प्रशिक्षण, ऋण, और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऐप सुनिश्चित करेगा कि कोई भी युवा सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने के लिए मजबूर न हो।

हर जनपद, हर समुदाय की पहचान बना ओडीओपी

मुख्यमंत्री ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के तहत बरेली और मुरादाबाद में 18 करोड़ रुपये की लागत से कॉमन फैसिलिटेशन सेंटर (सीएफसी) परियोजनाओं का लोकार्पण किया। सीएम योगी ने कहा कि आज ओडीओपी के माध्यम से हर जनपद की विशिष्टता को वैश्विक मंच मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना ने सभी जातियों के कारीगरों और उद्यमियों को समान अवसर प्रदान किए हैं, जिससे मुरादाबाद का ब्रास, भदोही का कालीन और लखनऊ की चिकनकारी जैसे उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना रहे हैं।

रोजगार और समावेशिता का आधार बना एमएसएमई

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयों में 2 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनमें सभी जातियों और समुदायों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के इन इकाइयों को पांच लाख रुपये का सुरक्षा कवच और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। यूपी देश में एमएसएमई में 14 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अग्रणी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत 55 हजार युवाओं को 5 लाख रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण और 10 प्रतिशत सरकारी अनुदान प्रदान किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि हमने इन युवाओं का चयन उनकी प्रतिभा के आधार पर किया, न कि उनकी जाति या क्षेत्र के आधार पर। इस योजना ने सभी समुदायों के युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढऩे का अवसर दिया है।

विश्वकर्मा श्रम सम्मान से हुआ परंपरागत कारीगरों का उत्थान

सीएम ने बताया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 1 लाख से अधिक परंपरागत कारीगरों को टूलकिट और सस्ते ऋण प्रदान किए गए हैं। ये कारीगर विभिन्न जातियों और समुदायों से हैं, जिन्हें पहले उपेक्षित किया जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर गांव और कस्बे के कारीगरों को सम्मान और अवसर दिया है, ताकि वे अपनी कला को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकें। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो के तीसरे संस्करण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह शो यूपी के एमएसएमई उत्पादों को वैश्विक खरीदारों तक पहुंचाने का मंच प्रदान करेगा।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले दो संस्करणों की सफलता ने दिखाया कि यूपी के उत्पाद, चाहे किसी भी समुदाय के कारीगरों द्वारा बनाए गए हों, विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं। इस अवसर पर 25 से 29 सितंबर तक आयोजित होने जा रहे इंटरनेशनल ट्रेड शो से संबंधित एक लघु चलचित्र का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी के 77 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है और 75 नए आवेदनों पर कार्य चल रहा है। इसके लिए ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, ताकि सभी समुदायों के हस्तशिल्पियों के उत्पादों को संरक्षित किया जा सके। सीएम योगी ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारी विरासत पर कोई और दावेदारी न कर सके।
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विकसित भारत के संकल्प को साकार कर रहा उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में इस बात पर विशेष जोर दिया कि उनकी सरकार का लक्ष्य जातिगत भेदभाव को समाप्त कर हर युवा और कारीगर को समान अवसर प्रदान करना है। उन्होंने विश्व एमएसएमई दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के जरिए बताया कि देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, एसएलवीसी के कोऑर्डिनेटर शैलेन्द्र कुमार सिंह सहित एमएसएमई विभाग के अधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने औद्योगिक इकाइयों को वितरित किया आवंटन पत्र

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर औद्योगिक आख्यान खैमई अलीगढ़ की पांच औद्योगिक इकाइयों और उनके प्रतिनिधियों को आवंटन पत्र वितरित किया। इस दौरान मेसर्स मैक्स बोल्ट एनर्जी इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के सत्येन्द्र शुक्ला और विशाल गुप्ता, मेसर्स मानसरोवर इंगट प्राइवेट लिमिटेड की अदिति और अंशिका मित्तल, मेसर्स मैडवाई इंडिया के पवन ओझा, मेसर्स प्रभा इंटरनेशनल के अतुल शर्मा, मेसर्स गायत्री बिल्डिंग मैटेरियल के कुलदीप आर्य को आवंटन पत्र वितरित किया।
यूपी के प्रोडक्ट को अधिक से अधिक जीआई टैग मिले इसके लिए मुख्यमंत्री के समक्ष आयुक्त उद्योग के. विजयेन्द्र पांडियन और ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के पद्मश्री डॉ रजनीकांत के बीच एमओयू का आदान-प्रदान हुआ। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एमएसएमई प्रोत्साहन नीति के लाभार्थियों को चेक वितरित किया। इसमें मेसर्स स्किम ग्लासेज़ वाराणसी से प्रशांत लालवानी, जय मां दुर्गा प्लाईवुड इंडस्ट्रीज रायबरेली के जितेन्द्र बहादुर सिंह, मां अम्बे राइस मिल महाराजगंज के राजेश मधेशिया, सावित्री इंडस्ट्रीज गोरखपुर के गोविंद प्रसाद, तिरुपति बालाजी प्रिंट पैक प्रालि संत कबीर नगर के नमन वैश्य को डमी चेक वितरित किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत बांटे चेक

इसके साथ ही मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत वाराणसी की अदिति सिंह, गोरखपुर के दुर्विजय, लखनऊ के पवन कुमार मिश्रा, बाराबंकी के ललित कुमार, बाराबंकी के दिवाकर तिवारी, लखनऊ की गरिमा पांडेय को डमी चेक वितरित किया। ओडीओपी वित्त पोषण योजना के अंतर्गत सीतापुर के अफसर अली, बाराबंकी के श्रवण कुमार, रायबरेली के राजेश कुमार त्रिपाठी, उन्नाव के मोहम्मद नदीम, लखनऊ की रेखा मलानी को डमी चेक वितरित किया। ओडीओपी ट्रेनिंग टूलकिट योजना के अंतर्गत रायबरेली के रंजीत कुमार, लखीमपुर खीरी की कुमारी जया, अमेठी के गोविंद यादव, कौशाम्बी के विनोद कुमार, मीरजापुर के बहादुर को टूलकिट वितरित किया।
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उत्तर प्रदेश में जल्दी ही बजेगा पंचायत चुनाव का बिगुल, घटेंगे वार्ड

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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:56 AM
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UP News :  उत्तर प्रदेश में बहुत जल्दी त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव का बिगुल बजने वाला है। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव को 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश का पंचायतीराज विभाग पंचायत चुनाव की तैयारियों में जुट गया है। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव का सबसे बड़ा अपडेट यह है कि प्रदेश के पंचायत चुनाव में इस बार 731811 गाँव पंचायत वार्डों के स्थान पर 727203 वार्ड ही रह जाएंगे। कुल 4608 गांव वार्ड कम हो जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में चल रहा है पंचायतों के पुर्नगठन का बड़ा काम

उत्तर प्रदेश के पंचायत राज विभाग के प्रवक्ता ने बताया है कि प्रदेश में गांव पंचायतों के पुर्नगठन का बड़ा काम चल रहा है। पुर्नगठन का काम पूरा होने के बाद इसी साल के आखिरी अथवा अगले साल के शुरू में उत्तर प्रदेश में पंचायत के चुनाव करा दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश पंचायत राज विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ग्राम पंचायतों का आंशिक पुर्नगठन किया जा चुका है। अब वार्डों के पुर्नगठन का काम शुरू किया जा रहा है। 504 ग्राम पंचायतें घटने की वजह से वार्डों के भूगोल में भी बदलाव हो जाएगा। करीब 4608 ग्राम पंचायत वार्डों का कम हो जाएंगे। वहीं 250 के लगभग क्षेत्र पंचायत और 12 वार्ड जिला पंचायत के कम हो जाएंगे। फिलहाल, बीते पंचायत चुनाव से इस बार स्थिति अलग होगी।

जनसंख्या के आधार पर होता है उत्तर प्रदेश के पंचायत वार्डों का गठन

उत्तर प्रदेश पंचायत राज विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पंचायत चुनावों में वार्डों का गठन जनसंख्या के आधार पर होता है। 1000 की जनसंख्या पर नौ वार्ड बनाए जाते हैं। वहीं 1001 से लेकर 2000 की जनसंख्या पर 11, 2001 से लेकर 3000 की जनसंख्या पर 13 और 3001 से लेकर अधिकतम जितनी जनसंख्या हो 15 वार्ड बनाए जाते हैं। 15 से अधिक वार्ड नहीं बनते। जिस तरह 37 जिलों में 504 ग्राम पंचायतों की संख्या कम हुई है, उससे यह साफ है कि ग्राम पंचायत वार्ड करीब 4608 कम हो जाएंगे।
वहीं क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के वार्डों में भी मामूली कमी आएगी। वर्ष 2021 के पंचायत चुनाव में 58189 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुआ था और इस बार 57695 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा। वहीं पिछले चुनाव में 3051 जिला पंचायत सदस्य, 75855 क्षेत्र पंचायत सदस्य यानी बीडीसी और 731811 ग्राम पंचायत सदस्य चुने गए थे। 15 जुलाई तक वार्डों के पुर्नगठन का काम पूरा करने की तैयारी है।

उत्तर प्रदेश में बनाई गई 11 नई गाँव पंचायत

उत्तर प्रदेश में 11 नई गाँव पंचायत बनाई गई हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में जन जिलों में सात राजस्व ग्राम के नाम पर अब ग्राम पंचायतें होंगी, उनमें बस्ती में दो, आजमगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, गोरखपुर, हरदोई, प्रतापगढ़ व उन्नाव के एक-एक राजस्व ग्राम शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर बहराइच और बस्ती में दो-दो नई ग्राम पंचायतें बहीं हैं। प्रदेश भर में 105 ग्राम पंचायतें आंशिक प्रभावित हुई हैं।
जिसमें से कोई न कोई राजस्व ग्राम इधर से उधर हुआ है। जिन जिलों में यह ग्राम पंचायतें प्रभावित हुई हैं उनमें मऊ में 11, अयोध्या, पीलीभीत, देवरिया व प्रतापगढ़ में 10-10, गोरखपुर में आठ, हरदोई में सात, जौनपुर में छह, अंबेडकर नगर, फर्रुखाबाद, उन्नाव व बाराबंकी में तीन-तीन, गाजियाबाद में चार, गोंडा में पांच, आजमगढ़, बहराइच, बांदा, बुलंदशहर, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी, मथुरा, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, संत कबीर नगर, शामली व सीतापुर में एक-एक, अलीगढ़, बलरामपुर, चित्रकूट, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़ और सोनभद्र में दो-दो ग्राम पंचायतें आंशिक प्रभावित हुई हैं।    UP News
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