अल्मोड़ा वालों ने क्यों कहा.. क्रिकेट का भगवान आया है

गांव वालों ने धौनी का कहीं भी साथ नहीं छोड़ा
हम बता दें धौनी की यह जर्नी बेमिसाल रही और गांव वालों ने एक पल भी उनका पीछा नहीं छोड़ा। मंदिर से लेकर अल्मोड़ा की पगडंडियों तक उनके घर से लेकर हर जगह वह धौनी के चारों तरफ रहे और खुशियों के साथ उनसे बीते पल बताते रहे। उनके साथ उनकी पत्नी साक्षी भी रहीं। दोनों ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिए, और मंदिरों के दर्शन भी किए।धौनी को क्यों कहा भगवान
वहां की महिलाओं, बच्चों बुजुर्गों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दी उनके साथ फोटो खिंचवाए, उनके साथ बैठे और तमाम बातें की और धौनी ने इन पलों को अपनी पत्नी साक्षी के साथ बहुत ही इंजॉय किया और उन्हें लगा जैसे उनका बचपन लौट आया है। महिलाओं ने आपस में कहा हमारे गांव में क्रिकेट का भगवान आया है। God of cricket news in hindiक्रिकेट का भगवान गांव आया है
20 साल बाद जब धौनी गए तो जो महिलाएं और बच्चे उन्हें जानते भी नहीं थे क्योंकि 20 साल में एक बच्चा युवा होकर वहां गया था उन्होंने भी महेंद्र सिंह धौनी का वहां स्वागत किया और कहा हमारे गांव का बच्चा क्रिकेट का भगवान है जिसने विश्व स्तर पर हमारे गांव का नाम ऊंचा किया है।अपने पैतृक घर में जाकर बैठे महेंद्र धौनी
महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी अपने पैतृक घर में गए बैठे अपने रिश्तेदारों से बात की उनके साथ रहे और उनके साथ फोटो भी खिंचवाए और हर कोई उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए बेताब रहा और लोग उनके साथ पगडंडियों पर चले।गोलू देवता के दर्शन
महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी ने गोलू देवता के दर्शन किए और चार अन्य मंदिरों में जाकर देवी के दर्शन करके ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त किया। गांव वालों के बीच में रहकर महेंद्र सिंह धौनी ने और उनकी पत्नी जो पहली बार महेंद्र सिंह धौनी के पैतृक घर गई थी उन्होंने इस यात्रा को विशेष रूप से एंजॉय किया।गांव वालों में जगी विकास की उम्मीद
महेंद्र सिंह धौनी का पैतृक घर अल्मोड़ा खेल ल्वाली गांव में है जहां वह साक्षी के साथ गए थे। 20 साल पहले महेंद्र सिंह धौनी जनेऊ संस्कार करवाकर यहां से गए थे। हालांकि उनके पिता 45 साल पहले ही पान सिंह धौनी जाकर रांची बस गए थे और वहीं यह पले बढ़े। गांव वालों ने कहा कि हमें उम्मीद थी महेंद्र सिंह धोनी जरूर आएंगे और अब हमारे गांव का विकास होगा। जब क्रिकेट वर्ल्ड का बेताज बादशाह अपने गांव पहुंचे तो गांव वालों की इतनी उम्मीद तो बनती ही है इसीलिए उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट का भगवान भी कहा। प्रस्तुति मीना कौशिकमोहन नगर से हिंडन की तरफ दो दिन के लिए लगा लॉकडाउन, जानें क्यों
उत्तर प्रदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।अगली खबर पढ़ें
गांव वालों ने धौनी का कहीं भी साथ नहीं छोड़ा
हम बता दें धौनी की यह जर्नी बेमिसाल रही और गांव वालों ने एक पल भी उनका पीछा नहीं छोड़ा। मंदिर से लेकर अल्मोड़ा की पगडंडियों तक उनके घर से लेकर हर जगह वह धौनी के चारों तरफ रहे और खुशियों के साथ उनसे बीते पल बताते रहे। उनके साथ उनकी पत्नी साक्षी भी रहीं। दोनों ने बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिए, और मंदिरों के दर्शन भी किए।धौनी को क्यों कहा भगवान
वहां की महिलाओं, बच्चों बुजुर्गों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दी उनके साथ फोटो खिंचवाए, उनके साथ बैठे और तमाम बातें की और धौनी ने इन पलों को अपनी पत्नी साक्षी के साथ बहुत ही इंजॉय किया और उन्हें लगा जैसे उनका बचपन लौट आया है। महिलाओं ने आपस में कहा हमारे गांव में क्रिकेट का भगवान आया है। God of cricket news in hindiक्रिकेट का भगवान गांव आया है
20 साल बाद जब धौनी गए तो जो महिलाएं और बच्चे उन्हें जानते भी नहीं थे क्योंकि 20 साल में एक बच्चा युवा होकर वहां गया था उन्होंने भी महेंद्र सिंह धौनी का वहां स्वागत किया और कहा हमारे गांव का बच्चा क्रिकेट का भगवान है जिसने विश्व स्तर पर हमारे गांव का नाम ऊंचा किया है।अपने पैतृक घर में जाकर बैठे महेंद्र धौनी
महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी अपने पैतृक घर में गए बैठे अपने रिश्तेदारों से बात की उनके साथ रहे और उनके साथ फोटो भी खिंचवाए और हर कोई उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए बेताब रहा और लोग उनके साथ पगडंडियों पर चले।गोलू देवता के दर्शन
महेंद्र सिंह धौनी और उनकी पत्नी साक्षी ने गोलू देवता के दर्शन किए और चार अन्य मंदिरों में जाकर देवी के दर्शन करके ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त किया। गांव वालों के बीच में रहकर महेंद्र सिंह धौनी ने और उनकी पत्नी जो पहली बार महेंद्र सिंह धौनी के पैतृक घर गई थी उन्होंने इस यात्रा को विशेष रूप से एंजॉय किया।गांव वालों में जगी विकास की उम्मीद
महेंद्र सिंह धौनी का पैतृक घर अल्मोड़ा खेल ल्वाली गांव में है जहां वह साक्षी के साथ गए थे। 20 साल पहले महेंद्र सिंह धौनी जनेऊ संस्कार करवाकर यहां से गए थे। हालांकि उनके पिता 45 साल पहले ही पान सिंह धौनी जाकर रांची बस गए थे और वहीं यह पले बढ़े। गांव वालों ने कहा कि हमें उम्मीद थी महेंद्र सिंह धोनी जरूर आएंगे और अब हमारे गांव का विकास होगा। जब क्रिकेट वर्ल्ड का बेताज बादशाह अपने गांव पहुंचे तो गांव वालों की इतनी उम्मीद तो बनती ही है इसीलिए उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट का भगवान भी कहा। प्रस्तुति मीना कौशिकमोहन नगर से हिंडन की तरफ दो दिन के लिए लगा लॉकडाउन, जानें क्यों
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