उत्तर प्रदेश में पति के जीवित होते हुए भी विधवा पेंशन ले रही थी 25 महिलाएं

विधवा पेंशन, जिसका मकसद वास्तव में विधवाओं को आर्थिक सहायता देना था। लेकिन ऐसा मामला पहले भी हो चुका है। यह मामला पिछले सालों के खुलासों की एक कड़ी है।

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विधवा महिलाएं
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar01 Dec 2025 11:17 PM
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उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में महिला कल्याण विभाग की विधवा पेंशन योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी सामने आई है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 25 महिलाएं, जिन्होंने अपने पति के जिन्दा होने के बावजूद खुद को विधवा बताकर पेंशन ली। विधवा पेंशन, जिसका मकसद वास्तव में विधवाओं को आर्थिक सहायता देना था। लेकिन ऐसा मामला पहले भी हो चुका है। यह मामला पिछले सालों के खुलासों की एक कड़ी है।

घोटाले का तरीका

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की ये महिलाएं फर्जी दस्तावेज लगाकर पेंशन लेने में कामयाब हो गर्इं। इन महिलाओं ने अपने पति के मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर घटना को अंजाम दिया। इन दस्तावेजों को बैंक और महिला कल्याण विभाग में जमा कर पेंशन प्राप्त की गई। कुछ बिचौलियों ने महिलाओं को फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने और प्रक्रिया पूरी कराने में मदद की। इन बिचौलियों ने पैसे और संपर्क के जरिए सरकारी कर्मचारियों को भी प्रभावित किया।

सरकारी लापरवाही

सत्यापन करने वाले कर्मचारी दस्तावेजों की गहन जांच नहीं कर पाए। ब्लॉक विकास अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी से जानकारी लेने पर सहयोग नहीं मिला। कई मामलों में यह साफ नहीं हो पाया कि कौन सा कर्मचारी जिम्मेदार था। इन मामलों का एसडीएम आंवला ने लगभग 5 महीने तक गहन जांच की। जांच में रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई। इस रिपोर्ट में 25 महिलाओं के फजीर्वाड़े की पुष्टि हुई है। एसएसपी ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई। इसका नेतृत्व एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने किया। उनकी टीम में सीओ आंवला नितिन कुमार और आंवला थाना प्रभारी केवी सिंह शामिल थे। एफआईआर दर्ज कर सभी 25 मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू। सत्यापन में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों और बिचौलियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी।पिछला रिकॉर्ड

* 2023 में: 34 सुहागिन महिलाओं द्वारा विधवा पेंशन का फर्जी लाभ।

* 4 नवंबर 2023: 56 महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन का गलत लाभ मिला।

* कुल राशि: 1.23 करोड़

* इस तरह के लगातार खुलासे प्रशासन को सतर्क कर चुके थे।आर्थिक और सामाजिक असर

लोगों का सिस्टम पर भरोसा कम हुआ, सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठ रहे हैं। असली लाभार्थियों को नुकसान हुआ है, वास्तविक विधवाओं को उनकी पेंशन समय पर नहीं मिली। यह घोटाला समाज में धोखाधड़ी की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे सकता है।

यह मामला केवल व्यक्तिगत धोखाधड़ी नहीं है। इसमें सिस्टम की कमजोरी, कर्मचारी लापरवाही, और बिचौलियों की मिलीभगत शामिल है। प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह घोटाला यह दिखाता है कि सरकारी योजनाओं में सत्यापन और निगरानी कितनी महत्वपूर्ण है।


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उत्तर प्रदेश का दुनिया में डंका, न्याय प्रणाली पर सीएम योगी ने कही बड़ी बात

‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की अवधारणा को भारत और खास तौर पर उत्तर प्रदेश की पहचान बताते हुए सीएम योगी ने जोर दिया कि अगर हम सच में पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं, तो सबसे पहले बच्चों पर पढ़ाई और प्रतिस्पर्धा का अनावश्यक बोझ कम करना होगा, ताकि वे स्वस्थ मन के साथ बेहतर इंसान और जागरूक वैश्विक नागरिक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ को बताया भारतीय सोच का आधार
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar22 Nov 2025 04:55 PM
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ एक बार फिर दुनिया भर के केंद्र में है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में इन दिनों दुनियाभर के न्यायिक व्यवस्था से जुड़े बुद्धिजीवी मौजूद है। लखनऊ में हो रहे है इस आयोजन में दुनियाभर के चीफ जस्टिस पहुंचे है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में 26वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ चीफ जस्टिसेस ऑफ वर्ल्ड (ICCJW) की शुरुआत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश की रजधानी लखनऊ में आयोजित 26वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ चीफ जस्टिसेस ऑफ वर्ल्ड (ICCJW) के मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुनिया के नाम एक साफ संदेश दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा कि शिक्षा, संवाद और न्याय ही वे तीन मूल हथियार हैं, जिनसे वैश्विक चुनौतियों का मोर्चा मजबूती से लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, वैश्विक आतंकवाद और बार–बार सामने आने वाले स्वास्थ्य संकट जैसी समस्याएँ सिर्फ नीतियों से नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, संवेदनशील न्याय व्यवस्था और सतत संवाद की संस्कृति से हल होंगी। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की अवधारणा को भारत और खास तौर पर उत्तर प्रदेश की पहचान बताते हुए सीएम योगी ने जोर दिया कि अगर हम सच में पूरे विश्व को एक परिवार मानते हैं, तो सबसे पहले बच्चों पर पढ़ाई और प्रतिस्पर्धा का अनावश्यक बोझ कम करना होगा, ताकि वे स्वस्थ मन के साथ बेहतर इंसान और जागरूक वैश्विक नागरिक बन सकें।

‘वसुधैव कुटुंबकम्’ को बताया भारत और उत्तर प्रदेश की सोच का आधार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की अवधारणा को भारत की ही नहीं, बल्कि आज के नए वैश्विक विमर्श की भी पहचान बताया। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन जीवन-दृष्टि आज उत्तर प्रदेश की नीतियों और प्राथमिकताओं में भी दिखती है, जहां समावेशी विकास, सामाजिक सौहार्द और न्याय को शासन की मूल सोच में रखा गया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा - जब दुनिया के कई हिस्से संघर्ष, हिंसा और अस्थिरता से घिरे हों, तो सतत विकास की बातें कागज़ पर अच्छी लग सकती हैं, लेकिन ज़मीन पर परिणाम के लिए हमें शिक्षा और संवाद की शरण में ही जाना होगा। शिक्षा ही वह साधन है जो मनुष्य को जोड़ती है, समझ पैदा करती है और न्याय के प्रति संवेदनशील बनाती है।

बच्चों के बस्ते का बोझ और शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक स्तर पर शिक्षा की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि दुनिया भर में करीब 250 करोड़ से अधिक बच्चे अभी भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रतीक्षा में हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर भविष्य की पीढ़ी पर हम बस्ते और मानसिक दबाव का अत्यधिक बोझ डालते रहेंगे, तो वे रचनात्मक नागरिक नहीं बन पाएंगे। सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति और स्कूली सुधारों के जरिए बच्चों पर अनावश्यक बोझ कम करने और कौशल–आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उद्घाटन सत्र में सीएम योगी ने नई तकनीकों के दोहरे स्वरूप पर भी बात की। उन्होंने कहा कि डिजिटल टूल्स ने जहां आम जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाया है, वहीं दूसरी ओर साइबर अपराध, डेटा चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसी गंभीर चुनौतियाँ भी खड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा - ऐसे समय में सिर्फ ताकत या तकनीक नहीं, बल्कि न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून ही दुनिया को स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। उत्तर प्रदेश ने भी कानून-व्यवस्था और तकनीक आधारित पुलिसिंग के ज़रिए यह संदेश दिया है कि विकास और सुरक्षा साथ–साथ चल सकते हैं।

कोविड महामारी से मिली सीख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए आगाह किया कि किसी भी संकट को सिर्फ एक देश या एक प्रदेश तक सीमित मानना भारी भूल है। उन्होंने कहा कि अगर दुनिया समस्याओं को नज़रअंदाज़ करती रही, तो वे किसी न किसी रूप में हर समाज को प्रभावित करेंगी। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश ने ‘टीका, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रस्ट’ के मॉडल के जरिए न सिर्फ अपने नागरिकों की रक्षा की, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

दुनिया भर के जज, न्यायविद और छात्र हुए शामिल

सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ द्वारा आयोजित इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में कई देशों के मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ न्यायविद, राजनयिक और छात्र प्रतिनिधि शामिल हुए। मंच पर बच्चों ने मॉडल यूनाइटेड नेशंस (MUN) के ज़रिए वैश्विक संकटों पर अपने सुझाव रखे और शांति, जलवायु न्याय तथा मानवाधिकारों पर युवा दृष्टिकोण पेश किया। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि लखनऊ में बैठकर विश्व–शांति और वसुधैव कुटुंबकम् की परिकल्पना को साकार करने का जो सपना डॉ. गांधी ने देखा था, आज उत्तर प्रदेश उसी सोच को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।

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उत्तर प्रदेश में घुसपैठियों की शामत, बनाए जाएंगे डिटेंशन सेंटर

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए राज्य की धरती पर किसी भी तरह की संदिग्ध या अवैध गतिविधि को जरा भी जगह नहीं दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar22 Nov 2025 04:17 PM
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर पूरे उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र को कड़े निर्देश दिए है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इन निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध घुसपैठियों की शामत आ जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और अवैध घुसपैठ के हर मामले पर तुरंत, सख्त और ठोस कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए राज्य की धरती पर किसी भी तरह की संदिग्ध या अवैध गतिविधि को जरा भी जगह नहीं दी जाएगी।

अवैध घुसपैठियों की होगी पहचान

मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश का कोई भी जिला अवैध घुसपैठियों के लिए सेफ ज़ोन नहीं रहेगा। सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में रह रहे अवैध रूप से दाखिल विदेशी नागरिकों की पहचान तेजी से पूरी की जाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बीच कड़ा समन्वय स्थापित कर व्यापक सत्यापन अभियान चलाने को कहा गया है। सरकार ने साफ संदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश की सीमा के भीतर जो भी व्यक्ति बिना वैध दस्तावेज़ के पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई अनिवार्य रूप से की जाएगी।

हर जिले में बनेगा अस्थायी डिटेंशन सेंटर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अवैध घुसपैठियों को रखने के लिए अस्थायी डिटेंशन सेंटर की व्यवस्था की जाए। इन डिटेंशन सेंटरों में ऐसे सभी विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा, जिनकी नागरिकता, कागजात और प्रवेश की वैधता संदिग्ध हो या जांचाधीन हो। इन केंद्रों में घुसपैठियों के रहने, सुरक्षा और निगरानी की व्यवस्था जिला प्रशासन की देखरेख में रहेगी, जब तक कि उनकी संपूर्ण जांच और कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए अवैध घुसपैठियों को भारत सरकार और संबंधित एजेंसियों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत उनके मूल देश भेजा जाएगा। उत्तर प्रदेश शासन की मंशा है कि प्रदेश की सीमाओं और समाज की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अवैध घुसपैठ पर पूरी तरह लगाम लगाई जाए।

कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत रखना और राष्ट्रीय सुरक्षा की भावना को सर्वोच्च प्राथमिकता देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि अवैध गतिविधियों, फर्जी दस्तावेज़ों और घुसपैठ से जुड़ी किसी भी जानकारी की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि अवैध घुसपैठ न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि प्रदेश की सुरक्षा और सामाजिक समरसता के लिए भी खतरा बन सकती है, इसलिए ज़रूरी है कि हर जिले का प्रशासन इस मुद्दे पर संवेदनशील और सक्रिय रहे। इस तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर संदेश दे दिया है कि प्रदेश की सीमाओं के भीतर अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे और सभी घुसपैठियों को चरणबद्ध तरीके से उनके देशों को वापस भेजने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।