Train Hijack : पाकिस्तान में आज एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जब बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के उग्रवादियों ने एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया। यह घटना बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से लगभग 100 किलोमीटर दूर बोलन स्टेशन पर हुई जहां हथियारबंद लड़ाकों ने यात्रियों से भरी ट्रेन को अगवा कर लिया।
बलूच लिबरेशन आर्मी – एक परिचय
इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए बीएलए ने दावा किया कि उसने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के छह जवानों को मार गिराया है। यह घटना बलूचिस्तान में जारी अलगाववादी आंदोलन की गंभीरता को दर्शाती है। लेकिन सवाल यह है कि बलूच लिबरेशन आर्मी आखिर है क्या? इसका इतिहास, विचारधारा और उद्देश्य क्या हैं? आइए इस संगठन को गहराई से समझते हैं।
क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए)?
बीएलए की स्थापना वर्ष 2000 में हुई थी और तब से यह पाकिस्तान के खिलाफ कई हमलों को अंजाम दे चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है। वर्तमान में इस संगठन से करीब 6000 लड़ाके जुड़े हुए हैं।
बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी संघर्ष जारी है। पिछले सात दशकों में कई संगठन उभरे, लेकिन बीएलए सबसे प्रभावी और स्थायी संगठन साबित हुआ है। इसमें प्रशिक्षित लड़ाके शामिल हैं, जो गुरिल्ला युद्ध और पारंपरिक सैन्य अभियानों में माहिर हैं। इस संगठन को बलूचिस्तान के विभिन्न जनजातियों जैसे बुगती, मेंगल और मर्री समुदायों का समर्थन प्राप्त है।
विचारधारा और आंदोलन की प्रेरणा
बलूचिस्तान का स्वतंत्रता संग्राम सोवियत संघ की समाजवादी विचारधारा और मार्क्सवादी विचारों से प्रेरित रहा है। ऐसा कहा जाता है कि इस आंदोलन से जुड़े कई लड़ाकों को मॉस्को में प्रशिक्षण मिला है। बीएलए भी इसी विचारधारा से प्रभावित है और इसका उद्देश्य बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। युवा पीढ़ी भी इस आंदोलन को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
बीएलए का नेतृत्व और संचालन
बलूच लिबरेशन आर्मी का संगठनात्मक ढांचा बेहद गोपनीय है। पाकिस्तान सरकार ने 2006 में इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद से यह अंडरग्राउंड तरीके से अपने अभियानों को अंजाम दे रहा है।
बीएलए के नेतृत्व की बात करें तो असलम बलूच इस संगठन के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक रहा है, जिसने 2006 से 2018 तक इसे संचालित किया। हालांकि, 2018 में अफगानिस्तान के कंधार में हुए आत्मघाती हमले में असलम बलूच की मौत हो गई। इसके बाद संगठन ने अपने नेतृत्व के बारे में सार्वजनिक रूप से कोई घोषणा नहीं की। माना जाता है कि बलूचिस्तान में स्थानीय कमांडर ही इस संगठन के विभिन्न दस्तों का संचालन कर रहे हैं।
बीएलए का निशाना कौन?
बलूच लिबरेशन आर्मी न केवल पाकिस्तान सरकार बल्कि चीन के हितों को भी निशाना बना रहा है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को यह संगठन बलूच संसाधनों की लूट के रूप में देखता है और इस पर लगातार हमले करता आया है। इसके अलावा, बीएलए पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों को भी अपना निशाना बनाता है। Train Hijack
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