Political News : पटना में भाजपा के किसान सम्मेलन में शामिल होंगे अमित शाह

Amit shan
Amit Shah will attend BJP's Kisan Sammelan in Patna
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userचेतना मंच
calendar22 JAN 2023 00:57 PM
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Political News : पटना। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22 फरवरी को पटना आएंगे। भाजपा का यह किसान सम्मेलन संन्यासी एवं किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।

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Kisan Sammelan in Patna

भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल और राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शाह 22 फरवरी को पार्टी के किसान सम्मेलन में भाग लेंगे। जायसवाल ने इन अटकलों को खारिज किया कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पार्टी के सवर्ण समर्थन आधार को मजबूत करने की रणनीति के तौर पर मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती के योगदान को दुनियाभर के इतिहासकारों ने स्वीकार किया है। कृपया इसे किसी संकीर्ण नजरिए से न देखें। भाजपा नेताओं ने बक्सर की हिंसा का उल्लेख करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘किसान विरोधी’ भी करार दिया।

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Amit Shah in Kisan Sammelan

गौरतलब है कि बक्सर में 11 जनवरी को ताप विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहीत भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जब हाल में ‘समाधान यात्रा’ के दौरान बक्सर गए, तो उन्होंने प्रभावित किसानों से मिलना तक उचित नहीं समझा। स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म 1889 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने बिहार के बिहटा में एक आश्रम स्थापित किया था, जहां वह किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर सक्रिय रहे। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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Noida News : हिंद मजदूर सभा के प्रदेश सचिव बने आर.पी. सिंह

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 JAN 2023 05:34 PM
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Noida News :  नोएडा। हिंद मजदूर सभा (Hind Mazdoor Sabha)  उत्तर प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है। 67 सदस्यीय कमेटी में गौतमबुद्धनगर ( Gautam Buddha Nagar) के प्रमुख श्रमिक नेता आरपी सिंह चौहान (RP Singh Chauhan) को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। श्री चौहान को प्रदेश कमेटी में अहम जिम्मेदारी मिलने पर श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने हर्ष व्यक्त किया है।

Noida News :

नई कार्यकारिणी में लखनऊ (Lucknow) निवासी शिव गोपाल मिश्रा को अध्यक्ष, प्रयागराज निवासी भोलानाथ तिवारी को कार्यवाहक अध्यक्ष, सिद्धार्थ नगर निवासी उमाशंकर मिश्रा को जनरल सेक्रेटरी तथा गौतमबुद्धनगर निवासी राघवेंद्र प्रताप सिंह चौहान को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि श्रमिक नेता आरपी सिंह चौहान (RP Singh Chauhan) वर्तमान में हिंद मजदूर सभा (Hind Mazdoor Sabha) के गौतमबुद्धनगर जिला महामंत्री के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा वह इंजीनियरिंग उद्योग कर्मचारी एसोसिएशन, लेदर इंडस्ट्री मजदूर सभा तथा गारमेंट एंड होजरी उद्योग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भी हैं। आरपी सिंह चौहान (RP Singh Chauhan) इसके अलावा विभिन्न श्रमिक संगठनों व स्वयंसेवी संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं। श्री चौहान ने प्रदेश कमेटी में सचिव बनाए जाने पर प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह सदैव श्रमिकों के हितों के लिए संघर्ष करते आए हैं और अब जनपद के श्रमिकों की आवाज को प्रदेश स्तर पर उठाने का कार्य करेंगे।

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NATIONAL POLITICS : संसद को नोटिस बोर्ड, रबर स्टैम्प में बदल दिया है सरकार ने : शशि थरूर

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calendar20 JAN 2023 06:06 PM
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NATIONAL POLITICS : जयपुर। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार संसद को एक 'नोटिस बोर्ड और रबर स्टैम्प' में बदलने में कामयाब हो गई है।

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यहां 'सतत लोकतंत्र : लोकतंत्र का पोषण' विषय पर आयोजित सत्र में थरूर ने दावा किया कि पहले से ही कठोर कानून 'गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम’ (यूपीए) इस तरीके से और सख्त बना दिया गया है कि सिद्दिक कप्पन जैसे लोगों को बिना जमानत के दो वर्षों तक जेल में रखा जाता है। उन्होंने कहा, यह मौजूदा सरकार के उन बहुत से उपायों में से एक है, जिनसे वह संविधान की लोकतांत्रिक भावना को नेस्तनाबूद करने में सफल हो गई है। तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि सरकार ने आपातकाल की घोषणा किए बिना ही “बहुत से तानाशाहीपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, आप इसे अघोषित आपातकाल कह सकते हैं। उन्होंने (सरकार) कानून और संविधान की आड़ लेकर ये सब किया है। यूएपीए को जिस तरह कड़े कानून में बदल दिया गया है, जिसका नतीजा यह हुआ है कि कुछ मामलों में लोगों को बिना आरोपों और बिना जमानत के दो-दो साल तक जेलों में ठूंसा जा रहा है, सिद्दिक कप्पन का मामला ही देख लीजिए। थरूर ने साथ ही कहा कि इस प्रकार की घटनाएं इस बारे में सवाल उठाती हैं कि क्या अलोकतांत्रिक तरीके से हमारे संविधान को इतनी आसानी से विकृत किया जा सकता है। केरल के पत्रकार सिद्दिक कप्पन को अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस की ओर जाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया था, जहां दलित महिला की कथित सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी। उन पर और तीन अन्य पर तब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से संबंध रखने का आरोप लगाया गया था। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में उन्हें उस मामले में जमानत दे दी थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर धन की हेराफेरी मामले में वह जेल में ही रहे। दिसंबर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें धन की हेराफेरी मामले में जमानत दे दी थी। जेएलएफ के 16वें संस्करण में, सरकार को जवाबदेह ठहराने की संसद की क्षमता के बारे में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए थरूर ने कहा,(जवाहरलाल) नेहरू के जमाने में हमारे पास एक संसद थी, जिसमें सत्तारूढ़ दल के सदस्य भी अपने प्रधानमंत्री को चुनौती दे सकते थे, वित्त मंत्री को पिछली कतार में बैठने वालों द्वारा उजागर किए गए एक घोटाले पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था और हमने देखा कि 1962 में चीन से युद्ध के दौरान भी प्रधानमंत्री को संसद में जवाबदेह ठहराया गया था। उन्होंने कहा, 'आज, मुझे यह कहते हुए अफसोस होता है कि... हमारी सरकार ने सफलता के साथ संसद को एक नोटिस बोर्ड और एक रबर स्टैम्प में बदल दिया है। यह (संसद) सरकार के लिए एक नोटिस बोर्ड है, जहां वह जो करना चाहती है, उसकी घोषणा कर देती है और यह रबर स्टैम्प बन गई है, क्योंकि उनके पास जो जबरदस्त बहुमत है, वह बड़े ही आज्ञाकारी तरीके से कैबिनेट से प्राप्त होने वाले विधेयक को जैसे का तैसा पारित कर देता है।” थरूर ने यह भी कहा कि "शुरूआती सात दशकों में, आपातकाल को छोड़कर, देश में लोकतंत्र की जड़ें गहरी हुई हैं।" उन्होंने कहा, "आपने देखा कि लोकतांत्रिक संस्थानों ने अधिक शक्तियां हासिल कीं। चुनाव आयोग को देखें। आपने एक ऐसे आयोग को देखा है, जिसके पास पहले के पदाधारियों के मुकाबले कहीं अधिक औपचारिक अधिकार थे और वह वास्तव में राजनीतिक दलों और उनके व्यवहार को नियंत्रित करने वाला एक अभेद्य संस्थान बन गया था।" दुनिया में "सबसे बड़े" साहित्यिक उत्सव के रूप में पहचाने जाने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में अगले तीन दिनों में दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ विचारकों, लेखकों और वक्ताओं की मेजबानी की जाएगी। संगीत समारोहों सहित लगभग 240 सत्रों के 250 वक्ताओं में बुकर पुरस्कार विजेता बर्नार्डिन एवरिस्टो, मार्लन जेम्स और गीतांजलि श्री के अलावा लेखक अमिया श्रीनिवासन, शिक्षाविद डेविड वेंगरो, सांसद वरुण गांधी और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि शामिल हैं।

Dowry Death Case: विवाहिता की मौत के 15 साल बाद ससुराल वाले दोषी

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