लॉजिस्टिक्स सेक्टर की यह कंपनी लाएगी बड़ा पब्लिक इश्यू, जानिए पूरी डिटेल

Yatayat Corporation India IPO की पूरी जानकारी पढ़ें। कंपनी ने SEBI के पास DRHP जमा किया है। IPO का साइज, 77 लाख नए शेयर, OFS डिटेल्स, बिजनेस मॉडल, भारत-बांग्लादेश क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस और निवेश से जुड़ी अहम बातें जानिए।

Yatayat Corporation India ipo
Yatayat Corporation India ipo
locationभारत
userअसमीना
calendar26 Dec 2025 03:06 PM
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भारत के तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर से जुड़ी कंपनी यातायात कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड अब शेयर बाजार में उतरने की तैयारी कर चुकी है। गुजरात की यह कंपनी ट्रक मालढुलाई और क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स सेवाओं में मजबूत पहचान रखती है। कंपनी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिया है। इस IPO के जरिए कंपनी निवेशकों से पूंजी जुटाकर अपने कारोबार को और मजबूत करना चाहती है।

कुल 1.33 करोड़ इक्विटी शेयर होंगे शामिल

ड्राफ्ट दस्तावेजों के मुताबिक, यातायात कॉरपोरेशन इंडिया के IPO में कुल 1.33 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल होंगे। इसमें 77 लाख नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि प्रमोटर्स की ओर से 56 लाख इक्विटी शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बेचे जाएंगे। नए शेयरों के जरिए जुटाई गई राशि सीधे कंपनी को मिलेगी जबकि OFS से होने वाली रकम प्रमोटर्स को प्राप्त होगी। कंपनी प्री-IPO प्लेसमेंट के जरिए 100 करोड़ रुपये तक जुटाने की संभावना भी तलाश रही है जिससे IPO का आकार घटाया जा सकता है।

समय पर होती है सुरक्षित डिलीवरी

यातायात कॉरपोरेशन इंडिया का मुख्य कारोबार ट्रक आधारित फ्रेट ट्रांसपोर्टेशन पर केंद्रित है। कंपनी भारत के 12 राज्यों में फैली 34 शाखाओं और एक वेयरहाउस के माध्यम से अपने ऑपरेशंस संचालित करती है। इसका नेटवर्क और ऑपरेशनल स्ट्रेंथ इसे लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है जिससे समय पर और सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित होती है।

कंपनी की सबसे बड़ी खासियत

कंपनी की सबसे बड़ी खासियत इसकी क्रॉस-बॉर्डर एक्सपोर्ट क्षमता है, खासकर भारत और बांग्लादेश के बीच। यह विशेषता इसे अन्य लॉजिस्टिक्स कंपनियों से अलग बनाती है। यातायात का सर्विस पोर्टफोलियो काफी व्यापक है, जिसमें पार्ट ट्रक लोड कार्गो, एक्सप्रेस फ्रेट, ओवर डाइमेंशनल कार्गो और मल्टीमॉडल फ्रेट सर्विस शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी अपनी 100 प्रतिशत मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी के जरिए कस्टम हाउस एजेंट और फ्रेट फॉरवर्डिंग सेवाएं भी प्रदान करती है।

अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े हैं क्लाइंट्स

यातायात कॉरपोरेशन इंडिया के क्लाइंट्स कई अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े हुए हैं जिनमें एग्रीकल्चर और एग्री-इनपुट्स, बिल्डिंग मैटीरियल और कंस्ट्रक्शन, केमिकल्स, एनर्जी और पावर, इंजीनियरिंग और इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग, आईटी और टेक्नोलॉजी, मेटल्स और माइनिंग, टेक्सटाइल्स और अन्य इंडस्ट्रियल व कंज्यूमर सेगमेंट शामिल हैं। इस तरह का विविध क्लाइंट बेस कंपनी को बिजनेस में स्थिरता और निरंतर ग्रोथ प्रदान करता है। IPO से मिलने वाली राशि का उपयोग कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। इस पब्लिक इश्यू के लिए यूनिस्टोन कैपिटल को एकमात्र बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है जो IPO प्रक्रिया को मैनेज करेगा।

हाल के वर्षों में मजबूत ग्रोथ

वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो यातायात कॉरपोरेशन इंडिया ने हाल के वर्षों में मजबूत ग्रोथ दिखाई है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 348.34 करोड़ रुपये रहा था, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 448.13 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं, शुद्ध मुनाफा भी एक साल में दोगुना होकर 15 करोड़ रुपये से बढ़कर 30 करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़े कंपनी की बढ़ती ऑपरेशनल क्षमता और मजबूत बिजनेस मॉडल को दर्शाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। चेतना मंच की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

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RBI का असर कम होते ही हांफने लगा रुपया, निवेशकों की बढ़ी टेंशन

RBI का असर कमजोर होने, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर की मजबूत मांग के चलते रुपया एक बार फिर 90 के स्तर के करीब पहुंच गया है। जानिए डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट की असली वजहें, एक्सपर्ट्स की राय और आगे रुपया किस लेवल पर कारोबार कर सकता है।

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डॉलर के सामने लड़खड़ाया रुपया
locationभारत
userअसमीना
calendar26 Dec 2025 11:42 AM
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क्रिस्मस के बाद भारतीय करेंसी मार्केट में बड़ी हलचल देखने को मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की पकड़ कमजोर पड़ने, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर की बढ़ती मांग के बीच रुपया एक बार फिर दबाव में आ गया है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के बेहद करीब पहुंच गया है। जानकारों का मानना है कि अगर यही दबाव बना रहा तो आने वाले कारोबारी सत्रों में रुपया 90 का स्तर भी पार कर सकता है।

क्रिस्मस के बाद क्यों टूटा रुपया?

क्रिस्मस की छुट्टियों के बाद जैसे ही बाजार खुले, रुपए पर कई नकारात्मक फैक्टर्स एक साथ हावी हो गए। आरबीआई की तरफ से डॉलर सपोर्ट कम देखने को मिला वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने लगीं। इसके अलावा विदेशी निवेशकों (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना जारी रखा जिससे डॉलर की मांग बढ़ गई और रुपया कमजोर होता चला गया।

शुक्रवार को कितने लेवल पर पहुंचा रुपया?

शुक्रवार के शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे गिरकर 89.94 पर पहुंच गया। इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज में रुपया 89.84 पर खुला था, लेकिन दिन चढ़ने के साथ इसमें और गिरावट देखने को मिली। इससे पहले बुधवार को भी रुपया 8 पैसे गिरकर 89.71 पर बंद हुआ था। यानी लगातार दूसरे कारोबारी दिन रुपये में कमजोरी दर्ज की गई।

लगातार गिरावट के पीछे मुख्य वजहें

रुपये की कमजोरी के पीछे कई अहम कारण सामने आए हैं। घरेलू शेयर बाजार में नकारात्मक माहौल, इंपोर्टर्स द्वारा डॉलर की बढ़ती खरीद, अमेरिका के साथ ट्रेड डील में देरी और वैश्विक अनिश्चितताओं ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया है। इसके चलते डॉलर मजबूत हो रहा है और रुपये पर दबाव बढ़ता जा रहा है।

आंकड़ों से समझिए रुपये की कमजोरी

डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती दिखाता है, हल्की गिरावट के बावजूद 97.89 के स्तर पर बना हुआ है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 62.34 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए नकारात्मक संकेत है। घरेलू शेयर बाजार में भी कमजोरी दिखी जहां सेंसेक्स 183 अंक और निफ्टी 46 अंक टूट गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सिर्फ दिसंबर महीने में 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की है जिससे रुपये पर दबाव और बढ़ गया।

जानकार क्या कह रहे हैं?

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी हेड अनिल कुमार भंसाली के अनुसार, पिछले हफ्ते 89 के आसपास मजबूत होने के बाद कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और छुट्टियों के दौरान डॉलर की खरीद ने रुपये को फिर कमजोर कर दिया है। उन्होंने बताया कि महीने के अंत में आमतौर पर डॉलर की मांग बढ़ जाती है और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल भी रुपये को कमजोर बना रहा है।

क्या 90 का लेवल पार करेगा रुपया?

बाजार विशेषज्ञों की मानें तो अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रही और डॉलर की मांग इसी तरह बनी रही, तो कारोबारी सत्र के दौरान रुपया 90 के स्तर को भी पार कर सकता है। हालांकि, आगे चलकर आरबीआई का हस्तक्षेप और वैश्विक संकेत रुपये की दिशा तय करेंगे।

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चांदी की तेजी ने बाजार में मचाया भूचाल, एक्सपर्ट्स भी रह गए दंग

चांदी ने बाजार में बड़ा धमाका कर दिया है। MCX पर चांदी की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है और 31 दिसंबर तक 2.5 लाख रुपये प्रति किलो पहुंचने की पूरी संभावना है। जानिए चांदी की तेजी के पीछे की वजह, एक्सपर्ट की राय, निवेशकों को मिला रिटर्न और सोने-चांदी के ताजा भाव की पूरी जानकारी।

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चांदी में जबरदस्त उछाल
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar26 Dec 2025 10:49 AM
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साल 2025 खत्म होने से ठीक पहले चांदी ने ऐसा धमाका किया है जिसकी उम्मीद शायद सबसे बड़े एक्सपर्ट्स को भी नहीं थी। अब तक माना जा रहा था कि चांदी मार्च 2026 तक 2.5 लाख रुपये प्रति किलो पहुंचेगी लेकिन मौजूदा हालात देखकर ये सारे अनुमान फेल होते नजर आ रहे हैं। जिस रफ्तार से चांदी के दाम बढ़ रहे हैं उससे साफ है कि 31 दिसंबर 2025 से पहले ही चांदी 2.5 लाख रुपये का आंकड़ा छू सकती है। चलिए जानते हैं आखिर चांदी में इतनी तूफानी तेजी क्यों आ रही है और आगे क्या हो सकता है।

एमसीएक्स पर चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड

क्रिसमस की छुट्टी के बाद शुक्रवार को जब देश का वायदा बाजार खुला तो चांदी ने तहलका मचा दिया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी के दाम में करीब 9,000 रुपये प्रति किलो की जबरदस्त तेजी देखने को मिली। सुबह चांदी 2,24,374 रुपये पर खुली थी, लेकिन कुछ ही घंटों में दाम बढ़कर 2,32,741 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए। यह अब तक का नया रिकॉर्ड लेवल है।

सिर्फ 18 हजार की दूरी पर 2.5 लाख का आंकड़ा

फिलहाल चांदी को 2.5 लाख रुपये के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने के लिए 18,000 रुपये से भी कम की जरूरत है। खास बात यह है कि साल खत्म होने में अभी 5 दिन बाकी हैं जिनमें से 29, 30 और 31 दिसंबर को बाजार खुले रहेंगे। अगर इन तीन कारोबारी दिनों में तेजी जारी रहती है तो 2.5 लाख का आंकड़ा कोई बड़ी बात नहीं होगी।

2025 में निवेशकों की चांदी

मौजूदा साल चांदी निवेशकों के लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं रहा है। पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन चांदी की कीमत 87,233 रुपये प्रति किलो थी जबकि अब यह 2.32 लाख रुपये के पार पहुंच चुकी है। इसका मतलब है कि 2025 में चांदी ने करीब 166% का शानदार रिटर्न दिया है और अगर 2.5 लाख तक पहुंचती है तो रिटर्न 200% के करीब भी जा सकता है।

क्यों फेल हो रहे हैं पुराने अनुमान?

अब तक ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना था कि चांदी मार्च 2026 तक 2.5 लाख रुपये पहुंचेगी, लेकिन मौजूदा हालात ने सारी गणनाएं बदल दी हैं। इसकी बड़ी वजह बढ़ता जियो-पॉलिटिकल टेंशन, इंस्ट्रियल डिमांड में जबरदस्त उछाल, ETF में निवेश बढ़ना, अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना, इंटरनेशनल मार्केट में चांदी का भाव 75 डॉलर के करीब पहुंचना है। इन सभी फैक्टर्स ने चांदी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

एक्सपर्ट की राय क्या कहती है?

वेल्थ मैनेजमेंट डायरेक्टर अनुज गुप्ता का कहना है कि मौजूदा समय में चांदी को मजबूत सपोर्ट मिल रहा है। इंडस्ट्रियल डिमांड और ETF निवेश तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और वैश्विक तनाव ने चांदी को सुरक्षित निवेश बना दिया है। उनके मुताबिक, 31 दिसंबर तक चांदी 2.5 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है।

सोने की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल

चांदी के साथ-साथ सोने की कीमतों में भी तेजी देखने को मिल रही है। MCX पर सुबह 9:35 बजे सोना 743 रुपये की तेजी के साथ 1,38,840 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता नजर आया। कारोबार के दौरान सोने ने 1,38,994 रुपये प्रति 10 ग्राम का लाइफटाइम हाई भी बना लिया।

सोने ने भी दिया शानदार रिटर्न

पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन सोने का भाव 76,748 रुपये प्रति 10 ग्राम था। अब यह करीब 1.39 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है। इस हिसाब से सोने ने निवेशकों को 81% से ज्यादा का रिटर्न दिया है जो अपने आप में बेहद शानदार माना जा रहा है।