जाने नशे का असर, नई और बची हुई शराब में अंतर

महफिल खत्म होने के बाद, मेज पर आधी भरी शराब की बोतल... सुबह तक उसका स्वाद और असर दोनों ही बदल जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि खुली शराब की क्वालिटी कितनी तेजी से घटती है और क्यों? आइए, जानते हैं इस मुद्दे का सच।

wine bottle
शराब की बोतल...(फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar01 Dec 2025 05:02 PM
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बता दें कि शराब प्रेमियों के लिए यह अक्सर सवाल रहता है कि आखिर कब तक खुली शराब सही रहती है और उसकी क्वालिटी, टेस्ट और नशा में कितना फर्क आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब की क्वालिटी सिर्फ उसकी कीमत या ब्रांड पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसे कैसे और कितने समय तक स्टोर किया गया है, इस पर भी निर्भर है। 

खुलने के बाद होता है बदलाव का सिलसिला

बता दें कि बोतल खोलते ही शराब हवा के संपर्क में आ जाता है, जिससे उसके फ्लेवर और सुगंध में बदलाव आना शुरू हो जाता है। खासकर वाइन में यह प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है। कुछ घंटों में ही इसका स्वाद फीका, खट्टा और बेस्वाद हो सकता है। व्हिस्की, रम जैसी स्पिरिट्स में यह बदलाव धीरे-धीरे होता है, लेकिन लंबे समय में इनका असली स्वाद कमजोर पड़ने लगता है। 

अल्कोहल की मात्रा और असर में फर्क

बता दें कि खुली बोतल में अल्कोहल धीरे-धीरे उड़ने लगता है, जिससे नशा कम होने लगता है। बीयर और वाइन में यह प्रक्रिया तेज होती है क्योंकि इनका अल्कोहल कंटेंट कम होता है। वहीं, व्हिस्की और टकीला जैसी उच्च अल्कोहल वाली स्पिरिट्स में यह बदलाव 10-12 महीने में महसूस किया जा सकता है। 

सुरक्षा और स्टोरिंग का सही तरीका

बता दें कि विशेषज्ञों का सुझाव है कि शराब को कांच की बोतल में ही रखना सबसे सुरक्षित होता है। यदि शराब को प्लास्टिक या धातु के कंटेनर में ट्रांसफर किया जाए, तो उसका स्वाद और खुशबू में अप्राकृतिक बदलाव आ सकता है। वाइन, बीयर और स्पिरिट्स को सही तापमान और रोशनी से दूर रखना आवश्यक है ताकि उनकी क्वालिटी बनी रहे। 

तो कब हो जाएं सावधान?

  • वाइन, खासकर सफेद वाइन, खुलने के बाद 2-3 दिनों में ही खराब होने लगती है।
  • रेड वाइन थोड़ी लंबी चलती है, लेकिन फिर भी 3-5 दिनों में इसका स्वाद कमजोर पड़ जाता है।
  • बीयर खुलने के तुरंत बाद ही अपनी गैस और फ्लेवर खो देती है।

उच्च अल्कोहल वाली स्पिरिट्स जैसे व्हिस्की, रम, टकीला में 10-12 महीने के अंदर फ्लेवर में हल्का बदलाव आ सकता है।

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सतत परिवहन की दिशा में ईवी का बढ़ता योगदान

इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) परिवहन उद्योग में क्रांति ला रहे हैं और पारंपरिक गैसोलीन से चलने वाली कारों का एक अधिक स्वच्छ और कुशल विकल्प प्रदान कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन मुख्यधारा में अपनाने के लिए तेज़ी से सुलभ और व्यावहारिक होते जा रहे हैं।

CLEARING THE AIR EV is beneficial for the environment
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) परिवहन उद्योग (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar02 Dec 2025 01:05 AM
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दुनिया भर में तेजी से हो रहे ऊर्जा परिवर्तन के बीच इलेक्ट्रिक वाहन (EV) एक प्रमुख शक्ति बनकर उभरे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देश अब EV अपनाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। यह बदलाव न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि घरेलू रोज़गार सृजन का बड़ा स्रोत भी बन रहा है।

रोज़गार में शुद्ध वृद्धि की संभावना

EV तकनीक की ओर कदम बढ़ाने से ऑटोमोटिव उद्योग में व्यापक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति श्रृंखला अलग और विस्तृत होती है। परिणामस्वरूप

  • वाहन निर्माण
  • बैटरी उत्पादन
  • बैटरी घटक निर्माण
  • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकास

इन सभी क्षेत्रों में नई नौकरियों की संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि EV संक्रमण से उद्योग में शुद्ध रोजगार वृद्धि होगी।

कहाँ आती है चुनौती?

EV उद्योग अवसरों के साथ कुछ चुनौतियाँ भी लेकर आता है:

  • आंतरिक दहन इंजन वाहनों के पुर्जों पर निर्भर कुछ पारंपरिक नौकरियाँ धीरे-धीरे समाप्त होंगी।
  • इंजन असेंबली, ट्रांसमिशन निर्माण या फ्यूल सिस्टम से जुड़े क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बदलाव कठिन हो सकता है।

इसके बावजूद, EV आधारित तकनीकों की मांग इन नुकसानों की भरपाई कई गुना करती है।

अमेरिका में बढ़ता निवेश और नीतिगत समर्थन

संयुक्त राज्य अमेरिका में Inflation Reduction Act (IRA) और Bipartisan Infrastructure Law जैसे महत्वपूर्ण कानूनों ने EV उत्पादन को घरेलू स्तर पर प्रोत्साहन दिया है।

इनके परिणामस्वरूप:

  • कंपनियाँ देश में नए EV प्लांट और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित कर रही हैं।
  • सिर्फ IRA के लागू होने के बाद से, अरबों डॉलर का निवेश और लाखों नई नौकरियों की घोषणा हो चुकी है।
  • घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करते हुए अमेरिका अपने EV उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बना रहा है।

बैटरी उद्योग: रोज़गार का नया केंद्र

EV उद्योग में बैटरी सबसे महत्त्वपूर्ण घटक है।

बढ़ती मांग के चलते:

  • बैटरी निर्माण
  • सेल कंपोनेंट उत्पादन
  • खनिज स्रोत और प्रोसेसिंग
  • बैटरी रीसाइक्लिंग

इन सभी क्षेत्रों में देशभर में लाखों नौकरियाँ सृजित हो रही हैं। यह एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार कर रहा है जो आने वाले वर्षों में निरंतर विस्तार करता रहेगा।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: एक और बड़ा अवसर

जैसे-जैसे सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे चार्जिंग स्टेशनों की आवश्यकता भी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में नौकरी के कई नए अवसर खुल रहे हैं:

  • चार्जर निर्माण
  • चार्जिंग स्टेशन स्थापना
  • इंफ्रास्ट्रक्चर मरम्मत और रख-रखाव
  • चार्जिंग नेटवर्क संचालन

ये नौकरियाँ उन क्षेत्रों में भी विकास लाएँगी जो पहले तकनीकी निवेश से दूर थे।

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जाने ‘जॉर्ज’ से जुड़ी हकीकत, 1916 के हमलों की छाया पॉप-कल्चर पर

अमेरिका के इतिहास में 1916 की गर्मियाँ हमेशा के लिए एक खतरनाक याद बन गईं, जब न्यू जर्सी के शांत समुद्री तट पर शार्क के लगातार हमलों ने पूरे देश को दहशत में डाल दिया था।

The 'Jaws' Terror
‘जॉज़’ से जुड़ी हकीकत (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar20 Nov 2025 03:11 PM
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बता दें कि चौथी जुलाई (संयुक्त राज्य अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस) की छुट्टियों के बीच लोग युद्ध और महामारी की चिंताओं से दूर समुद्र किनारे सुकून तलाश रहे थे, लेकिन उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि समुद्र से आने वाला एक नया खतरा उनका इंतज़ार कर रहा है।

पहला हमला: बीच हेवन में मौत का साया

बता दें कि 1 जुलाई 1916 को 25 वर्षीय चार्ल्स वैनसेंट शाम के भोजन से पहले समुद्र में तैरने उतरे। अचानक उथले पानी में एक काला पंख दिखाई दिया और देखते ही देखते शार्क ने उनके पैर को जकड़ लिया। बीच पर मौजूद लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन देर हो चुकी थी। उन्हें गंभीर हालत में एंगलसाइड होटल ले जाया गया, जहाँ उनकी मौत हो गई। उस समय वैज्ञानिक मानते थे कि शार्क इंसानों पर हमला नहीं करतीं। इस घटना को भी कई विशेषज्ञ "दुर्लभ संयोग" बताने लगे।

पाँच दिन बाद दूसरा हमला

5 जुलाई को स्प्रिंग लेक के तट पर 27 वर्षीय चार्ल्स ब्रूडर पर शार्क ने हमला कर दोनों पैर बुरी तरह काट दिए। लाइफगार्ड्स ने उन्हें खून से लथपथ अवस्था में बाहर निकाला, लेकिन डॉक्टर भी उनकी जान नहीं बचा पाए। हमलों को लेकर विशेषज्ञों में भ्रम बढ़ता गया—किसी ने किलर व्हेल को जिम्मेदार बताया, तो कुछ ने विशाल टूना या समुद्री कछुए को।

तीसरा और चौथा हमला: मटावन क्रीक में दहशत

12 जुलाई को 96 डिग्री तापमान के बीच 11 वर्षीय लेस्टर स्टिलवेल मटावन क्रीक में अपने दोस्तों के साथ नहा रहा था। यह स्थान समुद्र से एक मील अंदर था, इसलिए यहाँ शार्क का होना कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन अचानक बच्चा पानी में गायब हो गया। उसे बचाने दौड़े 24 वर्षीय स्टेनली फिशर पर भी शार्क ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। फिशर ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। कुछ ही देर बाद 12 वर्षीय जोसेफ डन पर भी हमला हुआ, हालांकि वह जीवित बच गया।

शार्क पर ‘युद्ध’—व्हाइट हाउस तक पहुँचा मामला

लगातार होती मौतों से लोग इतने डर गए कि भीड़ ने भाले, बंदूकों और यहाँ तक कि डायनामाइट से शार्क को मारने की कोशिश की। राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने कैबिनेट बैठक बुलाकर “शार्क के आतंक” को रोकने का आदेश दिया। तटरक्षक बल को भी इस मिशन पर लगाया गया। 12 जुलाई की रात माइकल श्लेइसर नामक शिकारी ने रैरिटन खाड़ी में एक बड़ी शार्क मार गिराई। इसके पेट से कथित तौर पर मानव हड्डियाँ मिलने का दावा किया गया। हालांकि यह साबित नहीं हो सका कि यही वही शार्क थी, लेकिन इसके बाद हमले रुक गए।

शार्क के प्रति दृष्टिकोण हमेशा के लिए बदला

इन घटनाओं ने अमेरिका में शार्क के प्रति धारणा को पूरी तरह बदल दिया। जो जीव पहले “शर्मीली मछलियों” के रूप में जाने जाते थे, वे अब डर का प्रतीक बन गए। 1916 की यह श्रृंखला आज भी इतिहास के सबसे भयावह शार्क हमलों में गिनी जाती है।