जाने नशे का असर, नई और बची हुई शराब में अंतर
महफिल खत्म होने के बाद, मेज पर आधी भरी शराब की बोतल... सुबह तक उसका स्वाद और असर दोनों ही बदल जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि खुली शराब की क्वालिटी कितनी तेजी से घटती है और क्यों? आइए, जानते हैं इस मुद्दे का सच।

बता दें कि शराब प्रेमियों के लिए यह अक्सर सवाल रहता है कि आखिर कब तक खुली शराब सही रहती है और उसकी क्वालिटी, टेस्ट और नशा में कितना फर्क आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब की क्वालिटी सिर्फ उसकी कीमत या ब्रांड पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसे कैसे और कितने समय तक स्टोर किया गया है, इस पर भी निर्भर है।
खुलने के बाद होता है बदलाव का सिलसिला
बता दें कि बोतल खोलते ही शराब हवा के संपर्क में आ जाता है, जिससे उसके फ्लेवर और सुगंध में बदलाव आना शुरू हो जाता है। खासकर वाइन में यह प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है। कुछ घंटों में ही इसका स्वाद फीका, खट्टा और बेस्वाद हो सकता है। व्हिस्की, रम जैसी स्पिरिट्स में यह बदलाव धीरे-धीरे होता है, लेकिन लंबे समय में इनका असली स्वाद कमजोर पड़ने लगता है।
अल्कोहल की मात्रा और असर में फर्क
बता दें कि खुली बोतल में अल्कोहल धीरे-धीरे उड़ने लगता है, जिससे नशा कम होने लगता है। बीयर और वाइन में यह प्रक्रिया तेज होती है क्योंकि इनका अल्कोहल कंटेंट कम होता है। वहीं, व्हिस्की और टकीला जैसी उच्च अल्कोहल वाली स्पिरिट्स में यह बदलाव 10-12 महीने में महसूस किया जा सकता है।
सुरक्षा और स्टोरिंग का सही तरीका
बता दें कि विशेषज्ञों का सुझाव है कि शराब को कांच की बोतल में ही रखना सबसे सुरक्षित होता है। यदि शराब को प्लास्टिक या धातु के कंटेनर में ट्रांसफर किया जाए, तो उसका स्वाद और खुशबू में अप्राकृतिक बदलाव आ सकता है। वाइन, बीयर और स्पिरिट्स को सही तापमान और रोशनी से दूर रखना आवश्यक है ताकि उनकी क्वालिटी बनी रहे।
तो कब हो जाएं सावधान?
- वाइन, खासकर सफेद वाइन, खुलने के बाद 2-3 दिनों में ही खराब होने लगती है।
- रेड वाइन थोड़ी लंबी चलती है, लेकिन फिर भी 3-5 दिनों में इसका स्वाद कमजोर पड़ जाता है।
- बीयर खुलने के तुरंत बाद ही अपनी गैस और फ्लेवर खो देती है।
उच्च अल्कोहल वाली स्पिरिट्स जैसे व्हिस्की, रम, टकीला में 10-12 महीने के अंदर फ्लेवर में हल्का बदलाव आ सकता है।
बता दें कि शराब प्रेमियों के लिए यह अक्सर सवाल रहता है कि आखिर कब तक खुली शराब सही रहती है और उसकी क्वालिटी, टेस्ट और नशा में कितना फर्क आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब की क्वालिटी सिर्फ उसकी कीमत या ब्रांड पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसे कैसे और कितने समय तक स्टोर किया गया है, इस पर भी निर्भर है।
खुलने के बाद होता है बदलाव का सिलसिला
बता दें कि बोतल खोलते ही शराब हवा के संपर्क में आ जाता है, जिससे उसके फ्लेवर और सुगंध में बदलाव आना शुरू हो जाता है। खासकर वाइन में यह प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है। कुछ घंटों में ही इसका स्वाद फीका, खट्टा और बेस्वाद हो सकता है। व्हिस्की, रम जैसी स्पिरिट्स में यह बदलाव धीरे-धीरे होता है, लेकिन लंबे समय में इनका असली स्वाद कमजोर पड़ने लगता है।
अल्कोहल की मात्रा और असर में फर्क
बता दें कि खुली बोतल में अल्कोहल धीरे-धीरे उड़ने लगता है, जिससे नशा कम होने लगता है। बीयर और वाइन में यह प्रक्रिया तेज होती है क्योंकि इनका अल्कोहल कंटेंट कम होता है। वहीं, व्हिस्की और टकीला जैसी उच्च अल्कोहल वाली स्पिरिट्स में यह बदलाव 10-12 महीने में महसूस किया जा सकता है।
सुरक्षा और स्टोरिंग का सही तरीका
बता दें कि विशेषज्ञों का सुझाव है कि शराब को कांच की बोतल में ही रखना सबसे सुरक्षित होता है। यदि शराब को प्लास्टिक या धातु के कंटेनर में ट्रांसफर किया जाए, तो उसका स्वाद और खुशबू में अप्राकृतिक बदलाव आ सकता है। वाइन, बीयर और स्पिरिट्स को सही तापमान और रोशनी से दूर रखना आवश्यक है ताकि उनकी क्वालिटी बनी रहे।
तो कब हो जाएं सावधान?
- वाइन, खासकर सफेद वाइन, खुलने के बाद 2-3 दिनों में ही खराब होने लगती है।
- रेड वाइन थोड़ी लंबी चलती है, लेकिन फिर भी 3-5 दिनों में इसका स्वाद कमजोर पड़ जाता है।
- बीयर खुलने के तुरंत बाद ही अपनी गैस और फ्लेवर खो देती है।
उच्च अल्कोहल वाली स्पिरिट्स जैसे व्हिस्की, रम, टकीला में 10-12 महीने के अंदर फ्लेवर में हल्का बदलाव आ सकता है।







