जयपुर से अयोध्या के लिए दंडवत यात्रा पर निकले 3 दोस्त, रामलला के दर्शन के लिए लगेंगे 5 महीने

जयपुर से अयोध्या के लिए दंडवत यात्रा पर निकले 3 दोस्त, रामलला के दर्शन के लिए लगेंगे 5 महीने
locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jan 2024 08:46 PM
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Ram Mandir Ayodhya : 22 जनवरी को रामनगरी अयोध्या भगवान श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए श्रीराम मंदिर द्रस्ट ने सभी तैयारी पूरी कर ली है। ऐसे में रामलला के दर्शन पाने के लिए हर भक्त बेहद उत्सुक है। युवाओं से लेकर बुर्जुगों तक, महिलाओं से लेकर पुरूषों तक बस हर कोई रामलला के दर्शन के लिए और भगवान राम के दर पर माथा टेकने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

Ram Mandir Ayodhya

ऐसे में जयपुर के 3 दोस्त रामलला की दर्शन के लिए दंडवत प्रणाम करते हुए यात्रा पर निकल पड़े हैं। जिनकी जोड़ी भगवान राम-लक्ष्मण और भगवान हनुमान से कम नहीं है। इन तीनों दोस्तों ने अपनी दंडवत यात्रा 9 जनवरी से शुरु की थी। लेकिन चार दिनों बाद तीनों दोस्त जयपुर शहर को भी पार नहीं कर सके हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों दोस्त एक दिन में 5 से 7 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पाते हैं। ऐसे में तीनों दोस्तों को अयोध्या पहुंचने में करीब 5 महीने का समय लग सकता है।

5 महीने में पूरा होगा अयोध्या का सफर

अयोध्या रामलला के दर्शन के लिए निकले तीनों दोस्तों ने जयपुर से लेकर रामनगरी अयोध्या तक दंडवत प्रणाम करते हुए रामलला की दर्शन करने की ठानी है। अब वह जयपुर से अयोध्या की दिशा की तरफ रवाना हो गए हैं। तीनों दोस्तों को दंडवत प्रणाम के साथ रामनगरी अयोध्या तक की यात्रा करने में कितनी त्याग व तपस्या लगेगी। इसे शब्दों में कोई भी बयां नहीं कर सकता है। 9 जनवरी से दंडवत प्रणाम करते हुए जयपुर से रामनगरी अयोध्या के लिए रवाना हुए तीनों दोस्त 4 दिनों में अब तक गुलाबी शहर जयपुर को भी पार नहीं कर पाए हैं। दरअसल यह सफर बेहद कठिन है। जिसके कारण तीनों युवा दंडवत प्रणाम करते हुए एक दिन में ये लोग 5 से 7 किलोमीटर का सफर ही तय कर पा रहे हैं।

राम मंदिर बनते देखना सौभाग्य से कम नहीं

रामलला के दर्शन के लिए निकले रितेश धानका का कहना है कि भगवान राम का मंदिर बनते हुए देखना कई पीढ़ियों का सपना है। जिसके लिए कई वर्षों से पीढ़ियों को काफी इंतजार करना पड़ा। लेकिन राम मंदिर को बनते हुए देखना इस पीढ़ी के लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है। इसलिए उन्होंने अपने मन में दंडवत दर्शन करने की बात ठानी और अपनी इच्छा दोस्तों संग जाहिर की। दंडवत दर्शन के लिए रितेश धानका के मित्र रोहित मीणा ने हां कर दी। लेकिन उनके तीसरे दोस्त रवि वर्मा ने सिर्फ जयपुर तक ही साथ निभाने की बात की थी। लेकिन जब रवि ने रितेश की भक्ति देखी तो उसने घर वापस लौटने से इनकार कर दिया और राम नगरी अयोध्या तक के सफर में कहीं भी न रुकने का प्रण लिया। आपको बता दें रितेश धानका एक छात्र है और रोहित मीणा प्राइवेट जॉब करता है, साथ ही रवि वर्मा भी कैटरिंग का काम करता है। रामलला के दर्शन पाने के लिए तीनों दोस्तों को करीब पांच महीने का समय लगेगा।

Ram Mandir Ayodhya

रास्ते के लोगों ने बढ़ाया हौंसला

रास्ते के हर व्यक्ति हाथ में मन्नत भरा नारियल लिए दंडवत प्रणाम करते हुए रितेश को देखकर प्रणाम कर रहे हैं, और उन्हें आशीर्वाद भी दे रहे हैं। साथ ही कुछ लोग तीनों दोस्तों को आर्थिक मदद देते हुए उनके हौसलों को भी प्रणाम कर रहे हैं।

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सरकारी हॉस्टल में रहने वाली 9वीं की छात्रा बनी मां

सरकारी हॉस्टल में रहने वाली 9वीं की छात्रा बनी मां
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Jan 2024 11:32 PM
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Karnataka News : कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। जहां पर एक कक्षा 9वीं में पढ़ने वाली एक छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। बताया जा रहा है कि ये छात्रा एक हॉस्टल में रह रही थी। इस घटना में वार्डन की भूमिका संदिग्ध है। घटना सामने आने के बाद छात्रावास के वार्डन को निलंबित कर दिया गया।

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जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लड़की समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल में रहती थी। वह लगातार हॉस्टल में नहीं रहती थी। वह नियमित रूप से अपने रिश्तेदारों के पास जाती थी। पिछले साल अगस्त में मेडिकल चेकअप के लिए हॉस्पिटल गई थी। उस वक्त लड़की की प्रेगनेंसी का खुलासा नहीं हुआ। इस पर किसी का ध्यान नहीं गया।

'पेट में दर्द होने पर हुई प्रेग्नेंट की जानकारी'

इस घटना को लेकर तुमकुर के समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक कृष्णप्पा एस ने बताया कि बच्ची लंबे समय से छात्रावास में नहीं आ रही थी। वह बच्ची बागेपल्ली शहर के काशापुरा की रहने वाली है। पेट में दर्द की शिकायत लेकर वह बच्ची अस्पताल पहुंची थी। जब उसके पेट में दर्द हुआ तब हम लोगों को उसके प्रेग्नेंट के बारे में पता चला।

'10वीं के छात्र के संपर्क में थी छात्रा'

जानकारी के अनुसार लड़की ने एक साल पहले ही इस छात्रावास में रजिस्ट्रेशन करवाया था। रजिस्ट्रेशन के समय वह कक्षा 8 में पढ़ती थी। सूत्रों ने मीडिया जानकारी देते हुए बताया कि लड़की का 10वीं क्लास के एक लड़के से भी कनेक्शन था। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। हालांकि यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद लड़के ने स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) लेकर पढ़ाई के लिए बेंगलुरु चला गया था।

'सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट'

समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक कृष्णप्पा एस ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं। जल्द ही सरकार को इस मामले की जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। जो भी इस मामले में दोषी होगा उस पर एक्शन लिया जाएगा।

मामले की जांच में जुटी पुलिस

वहीं इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि उस लड़के के बारे में पता किया है। हम उसकी तलाश कर रहे हैं। उसी के आधार पर मामले में आगे की जांच की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस संबंध में पोक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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सीता जैसी पत्नी, भरत तथा लक्ष्मण जैसे भाई मिलें तो आप भी बन सकते हैं राम

सीता जैसी पत्नी, भरत तथा लक्ष्मण जैसे भाई मिलें तो आप भी बन सकते हैं राम
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:05 PM
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Ayodhya Ram Mandir : प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना तथा जानी-मानी विचारक शोभना नारायण ने भगवान राम की अदभुत परिभाषा पेश की है। शोभना नारायण ने कहा है कि यदि सीता माता जैसी पत्नी हो, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न जैसे भाई मिलें और हनुमान जैसा सेवक मिल जाए तो हर इंसान राम के जैसा बन सकता है। शोभना नारायण ने यह भी कहा है कि भगवान राम ने ऐसी मर्यादा स्थापित की है जिसमें सत्ताा का जरा भी लालच नहीं है।

Ayodhya Ram Mandir

सत्ता का मोह नहीं है मेरे राम को

दुनिया भर में अपने नृत्य से प्रसिद्ध हुई शोभना नारायण ने एक छोटा सा आर्टिकल (लेख) लिखा है। अपने इस लेख में शोभना नारायण ने भगवान श्रीराम को अपने ढंग से परिभाषित करते हुए लिखा है कि.... सत्ता से निर्लिप्त, शांतिप्रिय राम मेरे सबसे करीब हैं। सत्ता की भूख नहीं उनको। तभी जो मिलना था, उसके एकदम विपरीत पाकर भी वह विचलित नहीं हुए। पलक झपकते राजा से वनवासी बनना स्वीकार कर लिया। सिंहासन पाने का कोई उद्यम, कोई छल-छद्म भी नहीं किया। वन जाकर उसी में रमे भी। संपूर्णता में वनवासी जीवन निभाया। हजारों-हजार, हर तरह के कष्ट सह कर भी। तब पर भी, किसी का उन्होंने बुरा नहीं सोचा। राम की शख्सियत के ढेरों आयाम हैं।  मुझे सबसे ज्यादा प्रिय यही राम लगते हैं। और क्या मुझे, निजी स्तर पर सभी इससे सीख सकते हैं। बात यह पिता-पुत्र, पति-पत्नी तक के रिश्तों के लिए भी सही है। राम बिखरते शाश्वत मूल्यों और टूटती सामाजिक मर्यादाओं को पुनस्थापित करने का भी नाम है। मेरे राम ने किसी को अपशब्द नहीं कहा। ठेस नहीं पहुंचाई। अपमान किसी का नहीं किया। उत्तेजित कहीं नहीं हुए। चेहरे पर कभी व्यंग्य का भाव नहीं उभरा। हर तरफ वह नेकी ही बिखेरते रहे। मर्यादा कभी भी, किसी भी हालात में नहीं छोड़ी। अपनी मर्यादा बनाई, निभाई भी। चूंकि मैंने राम को तुलसीदास से भी जाना है और वाल्मीकि से भी। तो मुझे लगता है कि राम की शख्सियत बहुत बड़ी इसलिए भी हो सकी कि उनको माता सीता सी पत्नी मिलीं। लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न से भाई मिले, हनुमान से सेवक मिला।

कौन है शोभना नारायण

यहां हम आपको बता रहे हैं कि भगवान श्रीराम को अपने ढंग से परिभाषित करने वाली शोभना नारायण कौन हैं। कत्थक नृत्य को एक नए मुकाम पर पहुंचाने वाली शोभना नारायण का जन्म 2 सितंबर 1950 को पश्चिम बंगाल में हुआ था। शोभना नारायण कत्थक नृत्यांगना के साथ एक सरकारी अफसर भी रह चुकी हैं। उन्हें पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।  शोभना नारायण ने तीन साल की उम्र में कोलकता में साधना बोस की देखरेख में कत्थक सीखना शुरू कर दिया था। शोभना नारायण बताती हैं कि उन्होंने छोटी उम्र से कत्थक सीखना शुरू किया था। इसके बाद वह मुंबई चली गईं। वहां उन्होंने जयपुर घराने के गुरु कुंदनलाल जी सिसोदिया से आगे की शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में पंडित बिरजू महाराज से कत्थक की शिक्षा प्राप्त की थी।

Ayodhya Ram Mandir

शोभना कहती हैं कि वे कभी भी कत्थक सम्राट बिरजू महाराज को नहीं भूलेंगी। उन्होंने बताया कि बिरजू महाराज ने दिल्ली में अपने प्रदर्शन से पहले उनके प्रदर्शन की घोषणा की थी। उनकी यह कृतज्ञता वह कभी भूल सकतीं।  ऐसी है भगवान श्रीराम को अपने ढंग से परिभाषित करने वाली प्रसिद्घ कथक नृत्यांगना शोभना नारायण

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