Rajasthan : राजस्थान में स्टार्टअप को सरकार की बड़ी सौगात

Startup
Government's big gift to startups in Rajasthan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:41 PM
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जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही सरकार ने राज्य के स्टार्टअप को बड़ी सौगात दी है। इस योजना के तहत स्टार्टअप कंपनियों को 25 लाख रुपये तक का काम बिना टेंडर मिल सकेगा। राज्‍य सरकार ने बिना टेंडर खरीद की सीमा 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है।

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पहले मिलते थे 15 लाख के काम

एक सरकारी बयान के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब सरकार ने स्टार्टअप से बिना टेंडर खरीद सीमा को 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्टार्टअप कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए राजस्थान लोक उपापन में पारदर्शिता (आरटीपीपी) नियम-2013 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।

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UP News : कोरोना वायरस को लेकर बढ़ी योगी आदित्यनाथ की टेंशन

वर्क ऑर्डर की संख्या भी बढ़ाई

राजस्थान स्टार्टअप नीति, 2022 में स्टार्टअप को एक वित्त वर्ष में दिये जाने वाले कार्यादेशों (वर्क ऑर्डर) की संख्या को बढ़ाकर अधिकतम छह किया गया है। इसके अलावा महिला, विशेष योग्यजन, ट्रान्सजेंडर, अनुसूचित जाति एवं जनजाति की स्टार्टअप कंपनियों को एक कार्यादेश अतिरिक्त मिल सकेगा। अब तक स्टार्टअप को अधिकतम तीन कार्यादेश ही मिलते थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में स्टार्टअप से बिना टेंडर उपापन की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political : राहुल पर कार्रवाई के बाद सड़कों पर युवा, बढ़ी हलचल

Yuth
After action on Rahul, youth on the streets, increased stir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:38 PM
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नई दिल्ली। प्रख्यात समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था, 'जब सड़कें वीरान हो जाएंगी तो संसद आवारा हो जाएगी।' मौजूदा वक्त में उनकी बात हर किसी के जेहन में ताजा हो गई है। सच है कि देशभर की सड़कें वीरान थीं। लेकिन, राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार देने के बाद देश की सड़कों पर हलचल शुरू हो गई है। राहुल पर की गई कार्रवाई के बाद एक ओर जहां समूचे विपक्ष ने एकजुटता दिखाई। वहीं, भारतीय युवा कांग्रेस ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

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देशभर से प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए:

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राहुल गांधी के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशभर से प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। नेताओं ने विपक्ष की आवाज को 'चुप' कराने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस के झंडे और 'सत्यमेव जयते' की तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने राहुल गांधी के लिए न्याय की मांग की।

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कोई भी मोदी सरकार से बात नहीं कर सकता !

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एक प्रदर्शनकारी ने कहा, केंद्र ने दिखाया है कि कोई भी मोदी सरकार से बात नहीं कर सकता है। कोई सवाल भी नहीं कर सकता है। राहुल गांधी ने अडाणी के बारे में सवाल उठाए थे। इसलिए उन्होंने, राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर चुप कराने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी निडर हैं और सरकार के गलत कामों पर सवाल उठाते रहेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपने विरोध के तहत संसद का भी घेराव करेंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। जिसके एक दिन बाद शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political : लोकसभा सचिवालय के​ खिलाफ याचिका पर 28 को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Sc 6
Supreme Court will hear the petition against the Lok Sabha Secretariat on 28
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:23 PM
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नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।

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हाईकोर्ट ने लगाई थी सजा पर रोक, लेकिन बहाल नहीं हुई सांसदी

हत्या के प्रयास के एक मामले में स्थानीय अदालत ने मोहम्मद फैजल को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन लोकसभा सचिवालय ने सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना को वापस नहीं लिया है। राकांपा नेता ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

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11 जनवरी को ठहराये गए थे लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर गौर किया। दोषसिद्ध और सजा पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है। सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई होने वाली है। इस पर पीठ ने इसे (लक्षद्वीप की) विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के साथ से जोड़ने के निर्देश दिए। लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार फैजल 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।