Maha Kumbh 2025 : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के मेले में बड़े-बड़े कमाल हो रहे हैं। महाकुंभ के मेले से सबसे बड़े कमाल की खबर आ रही है। महाकुंभ के मेले में सबसे बड़ा कमाल यह हुआ है कि महाकुंभ में आते ही दुनिया की एक अरबपति महिला का नाम तथा काम सब कुछ बदल गया है। अंग्रेज नाम वाली दुनिया की चर्चित अरबपति महिला का नाम महाकुंभ में आते ही कमला देवी हो गया है। महाकुंभ में कमला की खूब चर्चा हो रही है।
क्या कमाल हुआ है महाकुंभ के मेले में
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के मेले में सबसे बड़ा कमाल हो गया है। सबसे बड़ा कमाल यह हुआ है कि अमेरिका के जाने-माने उद्योगपति स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल जॉब्स का नाम महाकुंभ में आते ही बदल गया है। अब लॉरेन पावेल जॉब्स का नाम कमला हो गया है। दरअसल यह बड़ा कमाल महाकुंभ में महत्वपूर्ण संतों में शामिल निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ने बदला है। सोमवार को महाकुंभ के प्रथम शाही स्नान में डुबकी लगाकर कमला ने कल्पवास शुरू कर दिया है। दुनिया की अरबपति महिला लॉरेन पावेल जॉब्स से कमला बनी यह कमला देवी पूरे 45 दिन तक सन्यासी की भांति महाकुंभ मैं कल्पवास करेगी। सोमवार से महाकुंभ में कमला का कल्पवास शुरू हो गया है।
कौन है लॉरेंस पागल जॉब्स से कमला बनी अरबपति महिला
आपको बता दें कि महाकुंभ में आकर लॉरेंस पावेल जॉब्स से कमला बनी इस अरबपति महिला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के प्रतिष्ठित द व्हार्टन स्कूल से प्राप्त की थी। इसके बाद, उन्होंने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ आर्ट्स/साइंस (BA) की डिग्री हासिल की। अपनी शिक्षा को और भी आगे बढ़ाते हुए, उन्होंने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की डिग्री प्राप्त की। यहां तक कि स्टीव जॉब्स से उनकी मुलाकात भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के बिजनेस स्कूल में हुई थी, जब स्टीव जॉब्स गेस्ट लेक्चर देने के लिए वहां आए थे। यही वह क्षण था, जब उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ आया और उनके और स्टीव जॉब्स के बीच रिश्ते की शुरुआत हुई। स्टीव जॉब्स की तरह से ही कमला को हिंदू धर्म से भारी लगाव है। अरबपति कारोबारी लॉरेन महाकुंभ में 29 जनवरी तक रहेंगी। पौण पूर्णिमा के अवसर पर वह अन्य वीवीआईपी महिलाओं के साथ संगम में डुबकी लगाकर पहले आस्था की रेज में उतरेंगी और फिर संगम की रेती पर कल्पवास भी करेंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में लॉरेन के ठहरने की व्यवस्था की गई है।
महाकुंभ के कल्पवास में क्या होता है
कल्पवास एक प्राचीन हिंदू परंपरा है, जो महाभारत और रामचरितमानस में वर्णित है और आत्म-शुद्धि तथा कठोर आध्यात्मिक अनुशासन पर आधारित है। ‘कल्पवास’ शब्द संस्कृत से आया है, जहां ‘कल्प’ का अर्थ है ब्रह्मांडीय युग और ‘वास’ का अर्थ है प्रवास या वास। यह अनुष्ठान संगम जैसे पवित्र स्थानों पर भक्तों द्वारा किया जाता है, जहां वे सभी सांसारिक सुख-सुविधाओं को त्याग कर अपने अस्थायी डेरे लगाते हैं। इस दौरान, भक्त तप, साधना, प्रार्थना, और ध्यान करके अपने आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करते हैं. कल्पवास का मुख्य उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करना है।
दुनिया की अनेक प्रसिद्ध महिलाएं भी आई महाकुंभ में
महाकुंभ में दुनियाभर से बड़ी-बड़ी हस्तियों और प्रभावशाली महिलाओं का आगमन हो रहा है, जिनमें से कई महिलाएं संगम में स्नान करेंगी और यहां के धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बनेंगी. मशहूर समाजसेवी और लेखिका सुधा मूर्ति भी महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाएंगी। उनके ठहरने के लिए उल्टा किला के पास विशेष रूप से एक कॉटेज तैयार किया गया है।
Maha Kumbh 2025
वहीं, उद्योगपति सावित्री देवी जिंदल, स्वामी अवधेशानंद और चिदानंद मुनि के शिविरों में ठहरने की योजना बना रही हैं. फिल्म अभिनेत्री और राजनेता हेमा मालिनी भी महाकुंभ में भाग लेंगी और जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के शिविर में ठहरने की योजना बनाई है। इन महिलाओं के महाकुंभ में आने से यह आयोजन और भी गौरवपूर्ण बन जाएगा, और उनके धर्म और आध्यात्मिकता के प्रति गहरे लगाव को भी दर्शाता है। इस प्रकार महाकुंभ में हर समय कुछ ना कुछ बड़ा काम हो रहा है। यह महाकुंभ अब तक का सबसे बड़ा आयोजन साबित होने जा रहा है। Maha Kumbh 2025
दुर्घटनाओं का इतिहास भी रहा है महाकुंभ के मेलों में
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