UP News : आम आदमी पार्टी (आप) ने उत्तर प्रदेश की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को ठेके पर दिए जाने की खबर सामने आने के बाद योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। संजय सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रदेश और देश की सुरक्षा के साथ मजाक करार दिया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। हालांकि यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसको खारिज करते हुए कहा की यह गलती से जारी हो गया था।
संजय सिंह ने सरकार पर बोला करारा हमला
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संजय सिंह ने अपने वीडियो में कहा, उत्तर प्रदेश की सुरक्षा के साथ जैसा मजाक किया जा रहा है, वैसा गुजरात में भी किया गया है। गुजरात में भी ठेके पर पुलिस की भर्ती की जाती है। क्या गुजरात का मॉडल यूपी में लागू किया जा रहा है? यह फैसला तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। अगर पुलिस की भर्ती ठेके पर होने लगी तो वे न ही जनता के प्रति जवाबदेह रहेंगे और न ही सरकार के प्रति। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि पहले भारत की सेना में अग्निवीर योजना के तहत ठेके पर जवान भर्ती किए गए थे, और अब उत्तर प्रदेश में पुलिस की भर्ती भी ठेके पर होने जा रही है। उन्होंने इसे प्रदेश और देश की सुरक्षा के साथ एक बड़ा मजाक बताया। संजय सिंह ने कहा कि इससे पहले यूपी में पुलिस भर्ती पेपर लीक कांड से 60 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद हो चुका है, और अभी उसकी जांच चल ही रही थी कि अब ठेके पर पुलिस की भर्ती होने की खबर आ रही है।
डीजीपी बोले पहले से होती है इन पदों पर भर्ती
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आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है और उत्तर प्रदेश सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने को कहा है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि इस तरह के निर्णय से पुलिस बल की जवाबदेही और उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। लेकिन संजय सिंह के बयान से पहले सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई, जिसके बाद डीजीपी दफ्तर ने सफाई पेश की । डीजीपी प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया है कि चतुर्थ श्रेणी यानि चपरासी स्तर पर आउटसोर्सिंग से कर्मचारियों की भर्ती पहले से कराई जाती है।
डीजीपी बोले- गलती से जारी हो गया पत्र
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने संवेदनशील पदों पर भर्ती के लिए जारी किए गए एक पत्र को त्रुटिपूर्ण बताते हुए वापस ले लिया है। देर रात, डीजीपी ने स्पष्ट किया कि आउटसोर्सिंग के संबंध में एक पत्र गलती से जारी हो गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पहले से ही चल रही है। इसी संबंध में एक पत्र जारी किया जाना था, जो कि गलती से मिनिस्टीरियल स्टाफ के लिए जारी हो गया।